युवा असमिया कवि बर्षाश्री बुरागोहेन द्वारा सोशल मीडिया पर लिखी गई एक कविता को राष्ट्र के ख़िलाफ़ माना गया था. उन पर अलगाववादी समूह उल्फा (आई) का समर्थन करने का आरोप लगा था. बीते साल मई महीने में यूएपीए के तहत केस दर्ज उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
असम विधानसभा में बीबीसी के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित करते हुए इसकी हालिया डॉक्यूमेंट्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना का कभी विरोध नहीं किया लेकिन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री देश की न्यायपालिका पर हमला है.
मेघालय विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल फागू चौहान के हिंदी में अभिभाषण के विरोध में विपक्षी दल वॉइस ऑफ पीपुल्स पार्टी के चार विधायक सदन छोड़कर चले गए. उन्होंने कहा कि यह जनता की भावनाओं के ख़िलाफ़ है और वे राज्यपाल के उन्हें समझ में न आने वाली भाषा में भाषण देने की निंदा करते हैं.
चुनावी राज्य कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश के लोग असम आते हैं और हमारी सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरा पैदा करते हैं. मेरा इरादा सभी मदरसों को बंद करने का है, क्योंकि हम मदरसे नहीं चाहते. हम स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय चाहते हैं.
असम विधानसभा में पूछे गए एआईयूडीएफ विधायक अशरफुल हुसैन के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री शर्मा ने यह जानकारी दी है. बीते 24 फरवरी को राज्य के उदलगुरी ज़िले में एक पुलिस एनकाउंटर में डकैत होने के संदेह में एक व्यक्ति की मौत की सीआईडी जांच ने पुष्टि की कि यह ‘ग़लत पहचान’ का मामला था. मृतक एक किसान थे.
असम के जेल महानिरीक्षक ने बताया कि सिलचर डिटेंशन केंद्र से 87 क़ैदियों के अंतिम समूह को केंद्र के निर्देश पर बने देश के सबसे बड़े डिटेंशन सेंटर- मटिया ट्रांजिट कैंप ले जाया गया है. अब से राज्य की छह जेलों- कोकराझार, गोआलपाड़ा, तेजपुर, सिलचर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट में बने डिटेंशन केंद्र अस्तित्व में नहीं रहेंगे.
बीते फरवरी में असम पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मारते हुए उसके सरेंडर बोडो उग्रवादी केनाराम होने का दावा किया था. हालांकि, एक परिवार ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि एनकाउंटर में केनाराम की जगह उनके परिजन दिंबेश्वर की मौत हुई है. डीएनए रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने स्वीकार किया कि मृतक केनाराम नहीं था.
भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित त्रिपुरा में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद हिंसा की कई घटनाएं देखी गई थीं, जिनकी जांच करने के लिए एक सात सदस्यीय संसदीय दल त्रिपुरा के दौरे पर है. आरोप है कि संसदीय दल जब सिपाहीजाला ज़िले के हिंसा प्रभावित विशालगढ़ गए तो सत्ताधारी भाजपा समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया.
नगालैंड विधानसभा चुनाव में 60 में से 37 सीटें जीतने वाले नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और सहयोगी भाजपा ने नेफ्यू रियो के नेतृत्व ने राज्य में अपनी दूसरी गठबंधन सरकार बना ली है. यह लगातार दूसरी बार है कि जीते हुए सभी विधायक सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं.
1963 में राज्य का दर्जा पाने वाले नगालैंड में अब तक चौदह विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन अब तक कोई महिला विधायक नहीं बनी थीं. इस बार उतरी चार प्रत्याशियों में से दीमापुर III सीट से हेकानी जखालु और पश्चिमी अंगामी से सालहुटुआनो क्रूस ने जीत दर्ज की है. दोनों सत्तारूढ़ एनडीपीपी की सदस्य हैं.
पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन और नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है. उधर, मेघालय में एनपीपी को 25 सीटें मिली हैं, लेकिन बहुमत से दूर होने के चलते गठबंधन सरकार बनने की उम्मीद है.
1963 में राज्य का दर्जा पाने वाले नगालैंड में अब तक चौदह विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन आज तक कोई भी महिला विधायक नहीं बनी है. आगामी विधानसभा चुनाव में चार महिला प्रत्याशी मैदान में हैं.
मेघालय में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा कि मेघालय में सभी बीफ खाते हैं, मैं भी खाता हूं. यहां कोई पाबंदी नहीं है. यह लोगों की जीवनशैली है, कोई नहीं इसे रोक सकता.
असम के सिवसागर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के 9 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, जिसमें राज्य की एक विशेष एनआईए अदालत को दो मामलों में से एक में आरोप तय करने के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दी गई थी.
असम की हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में बाल विवाह के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है. इसके तहत हज़ारों की संख्या में लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गौहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामलों में हिरासत में लेकर आरोपियों से पूछताछ की कोई ज़रूरत नहीं है.