पिछले साल 23 मार्च को ब्रिटेन के मानवविज्ञानी फिलिपो ओसेला को तिरुवनंतपुरम में एक सम्मेलन में भाग लेना था, हालांकि बिना कोई स्पष्ट कारण बताए हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें वापस उनके देश भेज दिया गया था. केंद्र सरकार के निर्वासन आदेश को उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
फैक्ट चेक: रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 (10 जनवरी 2022 तक) में 2 अरब 64 करोड़ 99 लाख लोगों की तुलना में रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 (10 जनवरी 2023 तक) में 5 अरब 32 करोड़ 16 लाख 90 हज़ार लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा चुका है. मंत्रालय ने इसे यात्रियों की संख्या का ‘नया शिखर’ कहा है.
नई दिल्ली स्थित भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव कार्यालय एवं सम्मेलन कक्ष में 'भारत माता' और जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरें लगी हुई थीं. कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई थी. पिछले छह महीने से परिसर में रोज़ राष्ट्रगान गाया जा रहा था, जिसे बंद कर दिया गया है.
बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की भी शुक्रवार शाम हत्या कर दी गई. गोली और बम से किए गए इस हमले में उनके सुरक्षाकर्मियों में से एक की भी मौत हो गई है.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला. एक दलित किशोरी का शव सड़क पर पड़ा मिला था, जिस पर चोट के गंभीर निशान थे. परिवार का आरोप है कि अज्ञात लोगों ने अपहरण कर सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या की है. वहीं, पुलिस ने इन आरोपों से इनकार कर दावा किया कि लड़की की मौत किसी भारी वाहन से कुचले जाने की वजह से हुई.
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट के बाद बीते 22 फरवरी तक एलआईसी, अडानी समूह के अपने निवेश में 94 करोड़ रुपये के लाभ में था, लेकिन 23 फरवरी को दोपहर तक वह 500 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया था.
भाजपा सरकार और हिंसक समूह अब अलग नहीं हैं. मोनू मानेसर ही सरकार है. यह ज़रूर है कि आरएसएस इस हिंसा को हर जगह संचालित नहीं करता, न ही भाजपा करती है. नरसिंहानंद हो या प्रमोद मुतालिक, उनके नियंत्रण से बाहर हैं. लेकिन उनकी हिंसा हमेशा आरएसएस और भाजपा को फ़ायदा पहुंचाती है.
वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने बताया है कि उन्हें दिल्ली में आयोजित 'अर्थ- द कल्चर फेस्ट' की कविता संध्या में आमंत्रित किया गया था, पर आयोजकों ने राजनीतिक या सरकार की आलोचना करने वाली कविताएं पढ़ने से मना किया. उन्होंने कहा, 'हम असहमत लोग हैं, हमें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप हमें जगह देते हैं या नहीं.'
हरियाणा के भिवानी में मारे गए जुनैद और नासिर के परिजन और रिश्तेदार राजस्थान के भरतपुर में न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ज़िला प्रशासन ने 'कारण बताओ नोटिस' भेजा है. मृतकों के रिश्तेदारों ने स्थानीय विधायक और राज्य की शिक्षा मंत्री ज़ाहिदा ख़ान पर प्रदर्शन ख़त्म करने का दबाव डालने का आरोप भी लगाया है.
ऑनलाइन कार स्वामित्व रिकॉर्ड से पता चलता है कि जुनैद-नासिर को अगवा करने के लिए इस्तेमाल की गई सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार हरियाणा सरकार के पंचायत और विकास विभाग की है. हालांकि पुलिस ने द वायर को बताया कि हाल ही में इसकी ‘नीलामी’ कर दी गई थी. गोतस्करी के आरोप में दोनों मुस्लिम युवकों को ज़िंदा जला दिया गया था.
वीडियो: हरियाणा के हथीन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को बुलाई गई एक और ‘हिंदू महापंचायत’ में कथित गोरक्षक मोनू मानेसर पर कार्रवाई को लेकर मुस्लिमों और पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा का खुला आह्वान किया गया. मोनू का नाम भिवानी हत्याकांड के आरोपी के तौर पर सामने आया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग, इसके शोधकर्ता नाथन एंडरसन और अन्य के ख़िलाफ़ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की थी. साथ ही, कहा गया था कि सूचीबद्ध कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को रोकने के लिए एक गैग ऑर्डर लाया जाए.
भिवानी हत्याकांड और इसके आरोपियों के समर्थन में राज्य में हो रही हिंदू महापंचायतों के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हर ज़िले के लिए एक टास्क फोर्स का बनाई गई है, जिसमें ग़ैर-सरकारी सदस्यों को भी शामिल किया जाता है, जिसका नेतृत्व एक डीएसपी करता है. निजी व्यक्तियों को कोई क़ानूनी अधिकार नहीं दिया गया है.
हरियाणा के हथीन में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा 22 फरवरी को बुलाई गई दूसरी ‘हिंदू महापंचायत’ में गोरक्षक मोनू मानेसर पर कार्रवाई करने पर मुस्लिमों और पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा का खुला आह्वान किया गया. गोतस्करी के आरोप में ज़िंदा जला दिए जुनैद और नासिर की हत्या मामले में मोनू आरोपियों में शामिल हैं.
फरवरी 2022 में कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बाधित करने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. फैसले को बरक़रार रखते हुए मार्च 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.