स्पेन के अधिकारियों ने बताया कि मई 2021 में दो बार प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज का मोबाइल फोन हैक हुआ था. वहीं, रक्षा मंत्री मार्गरीटा रॉबल्स के फोन को अप्रैल 2021 में एक बार निशाना बनाया गया था.
स्पेन ने कैटलोनिया की स्वतंत्रता के दर्जनों समर्थकों के फोन विवादित जासूसी स्पायवेयर से हैक किए जाने के आरोपों की जांच शुरू करने के साथ पूरी पारदर्शिता बरतने का वादा किया है. हालांकि स्पेन की सरकार ने अब तक न तो पेगासस स्पायवेयर के इस्तेमाल से इनकार किया है और न ही पुष्टि की है.
सिटीज़न लैब की रिपोर्ट बताती है कि 2020-21 में उसने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय में पेगासस स्पायवेयर संक्रमण के कई संदिग्ध मामले देखे थे. विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय से संबंधित संदिग्ध वायरस का जुड़ाव पेगासस ऑपरेटरों से था, जिनके तार यूएई, भारत, साइप्रस और जॉर्डन से जुड़े पाए गए.
फंड का प्रबंधन करने के लिए कंसल्टेंसी कंपनी द्वारा अदालत में दी गई जानकारी के मुताबिक़, 2019 में एनएसओ समूह को एक निजी इक्विटी कंपनी नोवलपिना कैपिटल ने एक अरब डॉलर में खरीदा था लेकिन यह स्पष्ट है कि एनएसओ की इक्विटी का अब कोई मूल्य नहीं है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा पेगासस स्पायवेयर खरीदा गया था. अब प्रदेश की ख़ुफ़िया इकाई के प्रमुख रह चुके एबी वेंकटेश्वर ने पुष्टि की है कि इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने राज्य सरकार को पेगासस स्पायवेयर बेचने की पेशकश की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली समिति ने जनता के लिए 11 प्रश्नों का एक फॉर्म तैयार किया है, जिसमें साइबर सुरक्षा को मज़बूत करने के सुझाव और मौजूदा क़ानूनों की प्रभावशीलता व सरकारी निगरानी के संबंध में जनता की राय मांगी गई हैं.
वाईएसआर सरकार ने पिछली चंद्रबाबू सरकार द्वारा पेगासस स्पायवेयर की कथित खरीद और अवैध उपयोग की जांच के लिए एक समिति गठित करने का फ़ैसला किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चंद्रबाबू नायडू के पेगासस खरीदने के दावे के बाद से इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी सरकार को इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था. उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पेगासस खरीदा था. नायडू सरकार से इसका खंडन किया है.
इज़रायली टेक कंपनी एनएसओ ग्रुप ने ‘कैल्कलिस्ट’ अख़बार के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर कर 3,10,000 डॉलर के हर्जाने की मांग की है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रदर्शनकारियों और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके बेटे, क़रीबी लोगों की जासूसी के लिए किया गया था.
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार के बजाय शुक्रवार को की जाए क्योंकि बुधवार को वह एक अन्य जिरह में व्यस्त होंगे. वहीं, कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय तकनीकी समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है.
मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को एल्गार परिषद मामले के सात आरोपियों- रोना विल्सन, आनंद तेलतुंबडे, वर्नोन गॉन्जाल्विस, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, हेनी बाबू और शोमा सेन के मोबाइल फोन सौंपने की एनआईए की अर्ज़ी को मंज़ूरी दी है. इन सभी का आरोप है कि पेगासस के ज़रिये उनके फोन में सेंधमारी की गई थी.
इज़रायली स्पायवेयर पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तकनीकी समिति ने पिछले महीने लोगों अपील की थी कि जिनके पास यह मानने का पर्याप्त कारण मौजूद है कि उनके मोबाइल फोन स्पायवेयर से प्रभावित हैं, तो अपने फोन जांच के लिए जमा करा दें. हालांकि तय समयसीमा तक पर्याप्त संख्या में फोन नहीं जमा होने पर अदालत ने इसकी समयसीमा बढ़ा दी है.
पेगासस स्पायवेयर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक हालिया रिपोर्ट पर सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जिस कथित मामले का संदर्भ दिया गया है, उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति द्वारा की जा रही है. बागची ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री की इज़रायल यात्रा के संबंध में कई समझौता-पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.
माकपा नेता एलामारम करीम ने सभापति एम. वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में पेगासस जासूसी मामले और केंद्र सरकार के कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकृति न देने पर नाराज़गी जताई है. उन्होंने यह भी कहा कि यह एकतरफा कार्रवाई पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और अनैतिक है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करने वाले इज़रायल के खोजी पत्रकार रॉनेन बर्गमैन ने द वायर से बातचीत में कहा कि भारत के साथ हुए सौदे की शर्तों के अनुसार यहां की ख़ुफ़िया एजेंसियां एक बार में पचास फोन को स्पायवेयर हमले का निशाना बना सकती थीं.