मनमोहन सिंह अल्पभाषी थे, विनम्र थे पर वे जानते थे कि कब, कहां और कितना बोलना है. न उन्होंने कभी मीडिया से मुंह छिपाया और न बेवजह के नारे उछाले. जब मौक़ा हुआ और जब ज़रूरत हुई, प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हर सवाल का जवाब दिया.
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जन की बात की 22वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ हिंसा की संस्कृति और देश में पानी की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं.
एएनआई को दिए अपने बयान में रवींद्र गायकवाड़ ने कहा, 'मैंने उसे अपनी सैंडल से 25 बार मारा, क्योंकि वह बदतमीज़ी कर रहा था. मैं सांसद हूं तो क्या गालियां खाऊं, मैं शिवसेना का सांसद हूं भाजपा का नहीं.'
विद्यार्थियों का मुख्य काम पढ़ाई करना है, लेकिन क्या देश की परिस्थितियों का ज्ञान और उनके सुधार सोचने की योग्यता पैदा करना उस शिक्षा में शामिल नहीं?
हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर.
धर्म व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है इसमें दूसरे का कोई दख़ल नहीं. न ही इसे राजनीति में घुसाना चाहिए क्योंकि यह सबको मिलकर एक जगह काम नहीं करने देता.
जम्मू कश्मीर में पिछले 15 वर्षों के दौरान तकरीबन तीन लाख 70 हजार हथियारों के लाइसेंस बांटे गए. जनसंख्या घनत्व के लिहाज़ से ये आंकड़ा देश में सबसे ज़्यादा है.