‘जब मोदी जी अपनी मां का जन्मदिन मना रहे थे तब हम सबकी मां घर में रो रही थीं’

वीडियो: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से देश के कई राज्यों में इसके ख़िलाफ़ युवाओं ने व्यापक प्रदर्शन किए. आख़िर क्यों सरकार की इस योजना का विरोध किया जा रहा है, क्या चाहते हैं युवा? द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.

अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना: कैलाश विजयवर्गीय की ‘चौकीदार’ वाली टिप्पणी पर छात्रों ने दिया जवाब

वीडियो: सैन्य बलों में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा था कि अग्निपथ के रंगरूटों को ‘ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन, धोबी और नाइयों के कौशल’ के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व ‘अग्निवीर’ को प्राथमिकता देंगे.

अग्निपथ योजना वापस ली जानी चाहिए: संयुक्त किसान मोर्चा

निरस्त हो चुके तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि संगठन अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करता है और उनसे शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील करता है. मोर्चा ने योजना का विरोध करने के लिए 24 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

अग्निपथ योजना: डीएम ने कहा- वाराणसी में तोड़फोड़ में लिप्त लोगों से नुकसान की रकम वसूली जाएगी

वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों ​अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.

अग्निवीरों को आरक्षण का वादा, लेकिन कोटे के बावजूद पूर्व सैनिक सरकारी नौकरी से वंचित: रिपोर्ट

एक तरफ जहां सरकार 'अग्निपथ' योजना के तहत नौकरी पाने वाले अग्निवीरों को चार साल की सेवा समाप्ति के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की बात कह रही है, वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों और उन पर हुईं नियुक्तियों की संख्या में बड़ा अंतर है.

कानपुर व इलाहाबाद में अवैध ढांचों को क़ानूनन गिराया गया, दंगों से इसका संबंध नहीं: यूपी सरकार

पैगंबर के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं की टिप्पणियों को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद आरोप है कि प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों को बुलडोज़र का इस्तेमाल करके गिरा दिया था. इस संबंध में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी. इधर, अलीगढ़ शहर में फ्लैग मार्च में पुलिस द्वारा बुलडोज़र शामिल किए जाने का मामला सामने आया है.

क्या 2024 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को अग्निपथ योजना का कोई प्रभाव देखने को मिलेगा

आठ सालों से नरेंद्र मोदी उसी राजनीति को पोषित करते आए हैं, जिसका अधिकांश 'होने वाले' अग्निवीर प्रतिनिधित्व करते हैं. और किसी को हैरानी नहीं होगी अगर वे व्यक्तिगत तौर पर इस योजना की निगरानी करें और 2024 के चुनावों से पहले ही इसमें उचित बदलाव भी कर दें.

असम जातीय परिषद ने चेताया, उग्रवादी समूह में शामिल हो सकते हैं पूर्वोत्तर के रिटायर्ड अग्निवीर

असम जातीय परिषद ने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद की समस्या ख़तरनाक रूप में है. इस साल ही ढाई सौ से अधिक युवा प्रतिबंधित विद्रोही समूह उल्फा में शामिल हुए हैं. ऐसे में डर है कि चार साल की सेवा के अंत में रोजगार नहीं मिला तो कुछ अग्निवीर उग्रवादी संगठनों में शामिल हो जाएंगे.

अग्निपथ योजना से तनाव में आकर सेना की तैयारी कर रहे युवक ने ख़ुदकुशी की: राजस्थान पुलिस

राजस्थान के झुंझुनू ज़िले के चिड़ावा क़स्बे मामला. परिजनों ने शिकायत में कहा है कि मृतक अंकित चिड़ावा में किराये के मकान में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे और ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा के कारण तनाव में थे.

जमीयत ने प्रशासन पर प्रदर्शनकारियों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया

जमीयत उलेमा-ए-हिंद अरशद मदनी समूह ने कहा कि प्रदर्शन हर भारतीय नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन वर्तमान शासकों के पास प्रदर्शन को देखने के दो मापदंड हैं. मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रदर्शन करे तो अक्षम्य अपराध, लेकिन अगर बहुसंख्यक समुदाय के लोग प्रदर्शन करें और सड़कों पर उतरकर हिंसक कृत्य करें तो उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी नहीं किया जाता है.

केंद्र की सैन्य भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए वर्षों पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है और इसके लिए संसद की मंज़ूरी भी नहीं ली गई है. याचिका में 14 जून की अधिसूचना को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है.

अग्निपथ योजना: सेना में भर्ती के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, जुलाई से शुरू होगी प्रक्रिया

सेना ने कहा कि ‘अग्निवीर’ नाम से भारतीय सेना में एक अलग रैंक बनाया जाएगा, जो कि किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग होगा. अग्निवीर के लिए शासकीय गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या स्रोत को चार साल की सेवा अवधि के दौरान प्राप्त विशिष्ट जानकारी का खुलासा करने पर रोक रहेगी. अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मचारियों को ‘अग्निवीर’ के रूप में जाना जाएगा.

अग्निपथ: युवाओं की नाराज़गी के बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह बोले- सेना में आने को किसने कहा है

सैन्य बलों में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि अग्निपथ के रंगरूटों को ‘ड्राइवर, इलेक्ट्रीशियन, धोबी और नाइयों के कौशल’ के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा. वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व ‘अग्निवीर’ को प्राथमिकता देंगे.

अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ ‘भारत बंद’, 500 से अधिक ट्रेनें रद्द; सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

केंद्र की मोदी सरकार ने दशकों पुरानी प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ़ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. इस योजना के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं.

अग्निपथ आवेदकों को शपथ-पत्र देना होगा कि उन्होंने आगज़नी-प्रदर्शन में भाग नहीं लिया: सेना

थलसेना, नौसेना और वायुसेना में संविदा आधारित भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि सरकार योजना लागू करने के अपने रुख़ पर कायम है. भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. जो युवा आगज़नी और तोड़फोड़ में लिप्त हैं, वे सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में नहीं शामिल हो पाएंगे.