बिहार में जन्मे बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में सुलभ आंदोलन शुरू किया और अपना जीवन मैला ढोने की प्रथा को ख़त्म करने और स्वच्छता पर जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित कर दिया था. वर्ष 1991 में उन्हें हाथ से मैला ढोने वालों की मुक्ति और पुनर्वास पर उनके काम के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
बीते 13 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में दावा किया कि उनके शासनकाल में एम्स जैसी संस्थाओं की संख्या पहले के मुकाबले तीन गुना बढ़ी है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 2014 में उनकी सरकार आने के बाद से विभिन्न राज्यों में शुरू हुए एम्स में से एक भी पूरी तरह काम नहीं कर रहा है.
समिति ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित एम्स को रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाने के बावजूद ग्रुप-ए के कुल 404 मेडिकल पद ख़ाली हैं. इसी तरह ग्रुप-बी के 26.82 फीसदी और ग्रुप-सी के 20.73 फीसदी पद भी भरे नहीं गए हैं.
दुनिया के सबसे बड़े वीपीएन सेवा प्रदाताओं में से एक नॉर्डवीपीएन द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में लगभग 50 लाख लोगों का डेटा चोरी करके बेच दिया गया है. चुराए गए डेटा में यूज़र के लॉगिन, कुकीज़, डिजिटल फिंगरप्रिंट, स्क्रीनशॉट और अन्य जानकारियां शामिल हैं.
सांसदों के लिए इलाज की सुविधाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए दिल्ली स्थित एम्स ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, जिसके तहत उनकी चिकित्सकीय देखभाल व्यवस्था के समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. डॉक्टरों से संपर्क करने के लिए सांसदों को विशेष फोन और लैंडलाइन नंबर भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
दिल्ली के एम्स द्वारा जारी एक ज्ञापन में निर्देश दिया गया है कि किसी भी समारोह के लिए 'गणमान्य व्यक्तियों' को आमंत्रित करने के लिए संस्थान के अध्यक्ष- जो स्वास्थ्य मंत्री हैं, से मंज़ूरी लेनी होगी. बताया गया है कि पहले ऐसी अनुमति केवल वीवीआईपी के आने पर या किसी बड़े समारोह के लिए ली जाती थी.
‘मैंने प्यार किया’, ‘बाज़ीगर’ जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके और स्टैंड-अप कॉमेडी शो 'द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज' से लोकप्रियता हासिल करने वाले मशहूर हास्य कलाकर राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को जिम में व्यायाम करते समय दिल का दौरा पड़ा था. तब से उनका दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था.
ऐसी ख़बरें हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को विशेष नाम देने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया है और सभी नए एम्स से कुछ नाम सुझाने को कहा है. फैकल्टी एसोसिएशन ऑफ एम्स ने इस क़वायद को लेकर सदस्यों से राय मांगी थी, जहां सभी ने एकमत होकर इसका विरोध किया है.
रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि ने अपनी दवा ‘कोरोनिल’ के कोविड-19 के इलाज में कारगर होने संबंधी दावे किए थे. साथ ही एलोपैथी और एलोपैथी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ अपमानजनत टिप्पणियां की थीं, जिसके ख़िलाफ़ बीते वर्ष डॉक्टरों के विभिन्न संघों ने अदालत का रुख किया था.
लोकसभा में प्रस्तुत संसद की एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स, दिल्ली में उचित पात्रता, योग्यता, पूरी तरह से अनुभवी होने के बावजूद एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया जा रहा. अनौपचारिक आधार पर अस्पताल में काम करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों के कनिष्ठ कर्मचारियों का चयन उस समय नहीं किया गया जब पदों को नियमित किया जा रहा था.
फिलिस्तीन के रामल्ला में मृत मिले भारतीय राजनयिक मुकुल आर्य के शव का फ़िर से पोस्टमॉर्टम करने का आग्रह करने वाली उनकी मां की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है. याचिका में कहा गया है कि राजनयिक की मौत अप्राकृतिक है.
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के चार बड़े अस्पतालों- सफ़दरजंग, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कलावती सरन और सुचेता कृपलानी अस्पताल में जनवरी 2015 से जुलाई 2021 के बीच 3.46 लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए, जिनमें से 5,724 बच्चों की मौत हो गई. इनमें से चार हज़ार से ज्यादा बच्चों की जान सिर्फ़ सफ़दरजंग अस्पताल में ही गई है.
यूपी के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की की गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ की बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था. अब कोर्ट ने अल्ताफ़ का शव निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.
पिछले कई हफ़्तों से डॉक्टर काम का अधिक बोझ होने के विरोध में नीट-पीजी काउंसिलिंग शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद बीते दिनों उन्होंने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था. इस आदेश से उन अनेक डॉक्टरों को राहत मिलेगी, जो पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए इंतज़ार कर रहे हैं.