केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों कहा था कि सभी पूर्वोत्तर राज्य दसवीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य करने पर सहमत हो गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सनोउजम श्यामचरण सिंह को इसकी आलोचना पर दर्ज शिकायत के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया. उधर, आठ छात्र इकाइयों के संगठन द नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि हिंदी अनिवार्य करना पूर्वोत्तर की मूल भाषाओं के लिए अहितकर होगा और इससे सौहार्द बिगड़ेगा.
असम में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की उस घोषणा का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर के आठों राज्य 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने इस क़दम को ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की ओर बढ़ाया गया क़दम’ क़रार दिया.
कैब और ऑटो चालकों ने दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में भारी वृद्धि का विरोध करते हुए किराये में संशोधन किए जाने की मांग की है. साथ ही मांग नहीं माने जाने पर 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी. पिछले एक महीने में सीएनजी की कीमत में 13.1 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि अन्य भाषा वाले राज्यों के नागरिकों को आपस में हिंदी में संवाद करना चाहिए. विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ग़ैर-हिंदी भाषी राज्यों के ख़िलाफ़ ‘सांस्कृतिक आतंकवाद’ के अपने एजेंडे को शुरू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेज़ी के विकल्प के रूप में होनी चाहिए. वक़्त आ गया है कि राजभाषा हिंदी को देश की एकता का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाए.
विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारा क़ानून सख़्ती के मामले में अन्य देशों की तुलना में ‘बच्चा’ (हल्का) है. दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में अधिक कड़े क़ानून हैं, यही वजह है कि वहां सज़ा की दर बेहतर है. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि विधेयक असंवैधानिक है. इससे लोगों की स्वतंत्रता, निजता और गरिमा का उल्लंघन होगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में ब्रू विस्थापित युवा संघ ने पुनर्वास प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए त्रिपुरा की बिप्लब देव सरकार के लापरवाही भरे रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है.
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, तिरप ज़िले में असम राइफल्स के जवान ने मछली पकड़कर घर लौट रहे युवकों पर आतंकवादी होने के संदेह में गोली चलाई. यह ज़िला आफ़स्पा के अंतर्गत आता है, जिसे लेकर दिसंबर 2021 में नगालैंड में सुरक्षाबलों की गोलाबारी में 14 नागरिकों की मौत के बाद से सवाल उठाए जा रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 27 मार्च को घोषणा की थी कि चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों की सेवा शर्तें अब केंद्रीय सिविल सेवाओं के अनुरूप होंगी. इसके मद्देनज़र पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसमें भाजपा के अतिरिक्त सभी दलों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए केंद्र के क़दम को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 का उल्लंघन क़रार देते हुए असंवैधानिक बताया.
मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने यूपी के कव्वाली गायक शरीफ़ परवाज़ के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. राज्य गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कलाकारों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भारत के ख़िलाफ़ किसी भी गाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि केंद्र में अब राष्ट्रवादी सरकार है.
कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ हिंसा ऐसी त्रासदी है जिस पर बात करते समय सिर्फ उसी पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए. किसी त्रासदी को तुलनीय बनाना उसका अपमान है. 'कश्मीर फ़ाइल्स' के निर्माताओं को यह सवाल करना चाहिए कि क्या वास्तव में कश्मीरी पंडितों की पीड़ा ने उन्हें फिल्म बनाने को प्रेरित किया या उसकी आड़ में वे अपनी मुसलमान विरोधी हिंसा को ज़ाहिर करना चाहते थे?
कश्मीरी पंडितों का विस्थापन भारत की गंगा-जमुनी सभ्यता के माथे पर बदनुमा दाग़ है और उसे मिटाने के लिए तथ्यों के धार्मिक सांप्रदायिक नज़रिये वाले फिल्मी सरलीकरण की नहीं बल्कि व्यापक और सर्वसमावेशी नज़रिये की ज़रूरत है. दुर्भाग्य से यह ज़रूरत अब तक नहीं पूरी हो पाई है और पंडितों को राजनीतिक लाभ के लिए ही भुनाया जाता रहा है.
हाल ही में रिलीज़ हुई अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म 'झुंड' की निर्माताओं में से एक सविता राज हिरेमठ ने सवाल किया है कि फिल्मों को कर मुक्त यानी टैक्स फ्री किए जाने के लिए सरकार के चयन के क्या मापदंड हैं. उन्होंने कई राज्यों द्वारा द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री किए जाने के आलोक में कहा कि अगर यह एक महत्वपूर्ण फिल्म है, तो 'झुंड' भी कम नहीं है.
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह द्वारा साल 2014 लोकसभा चुनावों के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न करने के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने के अनुरोध को खारिज़ करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल का चुनावी घोषणा पत्र, उसकी नीति, विचार, वादे का वक्तव्य होता है, जिसे क़ानून के ज़रिये लागू नहीं कराया जा सकता.
बीते वर्ष भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पिछले आठ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ऐसा कभी नहीं लगा कि किसी बंगाली को कैबिनेट मंत्री बनाया जाए. क्या उन्हें लगता है कि बंगाली लोग कैबिनेट मंत्री बनने योग्य नहीं हैं?