2021-22 में भाजपा ने सर्वाधिक आय घोषित की, तृणमूल की आय में बड़ा इज़ाफ़ा: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, आठ राष्ट्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 3289.34 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होने की घोषणा की है, जिसमें से आधे से अधिक, क़रीब 1,917.12 करोड़ रुपये भाजपा के हिस्से में आए. वित्त वर्ष 2020-21 के मुक़ाबले भाजपा की आय दोगुनी से अधिक हुई है.

भाजपा को 2021-22 में 614 करोड़ रुपये का चंदा मिला, कांग्रेस को मिले 95 करोड़ रुपये: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने कुल 780.774 करोड़ रुपये प्राप्त होने की घोषणा की है. भाजपा द्वारा घोषित चंदा इस अवधि में कांग्रेस, एनसीपी, भाकपा, माकपा, एनपीईपी, तृणमूल कांग्रेस द्वारा घोषित कुल चंदे से तीन गुना से अधिक है.

2009 के बाद से 71 सांसदों की संपत्ति में 286 प्रतिशत की वृद्धि हुई: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक इज़ाफ़ा कर्नाटक के भाजपा सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी की संपत्ति में हुई है. उनकी संपत्ति में इस अवधि में 4,189 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कर्नाटक से ही भाजपा सांसद पीसी मोहन उन शीर्ष 10 सांसदों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं, जिनकी संपत्ति में 2009 और 2019 के बीच में वृद्धि हुई.

वर्ष 2021-22 में कॉरपोरेट घरानों से मिले चंदे का 70 फीसदी से अधिक भाजपा को मिला: एडीआर

इलेक्टोरल ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विश्लेषण कर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बताया है कि वर्ष 2021-22 में इन ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को क़रीब 487 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें से भाजपा को 351.50 करोड़ रुपये मिले. वहीं, कांग्रेस को इससे सिर्फ़ 18.44 करोड़ रुपये चंदा मिला है.

2004 से 2021 के बीच राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से 15,077 करोड़ रुपये मिले: एडीआर

‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में आठ राष्ट्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से 426.74 करोड़ रुपये प्राप्त होने की जानकारी दी है, जबकि 27 क्षेत्रीय पार्टियों के मामले में यह धनराशि 263.928 करोड़ रुपये है. इस दौरान कांग्रेस ने अज्ञात स्रोतों से 178.782 करोड़ रुपये हासिल होने का खुलासा किया है, जो राष्ट्रीय दलों को अज्ञात स्रोतों से प्राप्त कुल धनराशि का 41.89 फीसदी है.

महाराष्ट्र के 20 में से 15 मंत्रियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के 75 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है, जिसमें 13 (65 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.

पारदर्शिता संबंधी चिंताओं के बीच राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिले 10,000 करोड़ रुपये

राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले चंदे को लेकर 'अपारदर्शिता' संबंधी चिंताओं के बीच आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि हाल में ख़त्म हुए बॉन्ड बिक्री के 21वें चरण तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिक चुके हैं.

वर्ष 2020-21 में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91 प्रतिशत सिर्फ पांच दलों को गया: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक़, वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये पांच दलों- जनता दल (यूनाइटेड), द्रविड़ मुनेत्र कषगम, आम आदमी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तेलंगाना राष्ट्र समिति को मिला है.

राज्यसभा के 31 प्रतिशत सांसदों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा के वर्तमान 226 सदस्यों में 71 यानी 31 प्रतिशत ने अपने हलफ़नामों में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है जबकि 37 यानी 16 प्रतिशत ने गंभीर आपराधिक मामले होने की पुष्टि की है.

आठ राष्ट्रीय दलों ने कुल 1373.78 करोड़ रुपये की आय घोषित की, भाजपा की हिस्सेदारी 55 फ़ीसदी रही

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने कहा है कि भाजपा ने आठ राष्ट्रीय दलों के बीच सबसे अधिक आय वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 752.33 करोड़ रुपये दिखाई है. यह इन दलों की कुल आय का 54.76 प्रतिशत है. इसके बाद 285.76 करोड़ रुपये की आय के साथ कांग्रेस दूसरे और 171.04 करोड़ रुपये की आय के साथ माकपा तीसरे नंबर पर रही.

पांच क्षेत्रीय दलों ने 2020-21 में चुनावी बॉन्ड से 250.60 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की: एडीआर

एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 31 क्षेत्रीय पार्टियों को कुल 529.416 करोड़ रुपये की कुल आय हुई और उन्होंने 414.028 करोड़ रुपये अपने कुल ख़र्च घोषित किए हैं.

चुनावी ट्रस्टों से दलों को मिले 250 करोड़ रुपये से अधिक, अकेले भाजपा को 82 फीसदी: एडीआर

एडीआर के अनुसार, इलेक्टोरल ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दान में दिए गए 258 करोड़ रुपये में से भाजपा को 212.05 करोड़ रुपये मिले हैं. सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्ट में से एक प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 209 करोड़ रुपये दान में दिए हैं.

उत्तर प्रदेश के कम से कम 22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच कहा कि यूपी में शपथ लेने वाले 45 नए मंत्रियों में से 22 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है और उनमें से ज़्यादातर पर गंभीर आरोप हैं.

16 क्षेत्रीय दलों ने बिना पैन विवरण के 24.779 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की चंदे से हुई आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई है.

बीते सात सालों में सर्वाधिक नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी, भाजपा से जुड़े सबसे अधिक नेता: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले सात वर्षों में कुल 1,133 उम्मीदवारों और 500 सांसदों-विधायकों ने पार्टियां बदलीं और चुनाव लड़े. कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी दूसरी ऐसी पार्टी रही, जिससे सबसे अधिक उम्मीदवार और सांसद-विधायक अलग हुए.