अयोध्या में 18वीं शताब्दी में वर्ण-व्यवस्था का अतिक्रमण कर जाति, संप्रदाय, हिंसा व जीव हत्या का मुखर विरोध व सामाजिक समानता की पैरोकारी करने वाले संत पलटूदास को अजात घोषित कर ज़िंदा जला देना इस बात का प्रमाण है कि देश में पागलपन में शामिल न होने वालों को मार देने का सिलसिला बहुत पुराना है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या विकास प्राधिकरण ने मास्टरप्लान- 2031 के तहत शहर के कई मार्गों को ‘चौड़ाकर भव्यतम स्वरूप’ देने की परियोजना पर काम शुरू किया है. इसके लिए हज़ारों निर्माण, ख़ासतौर पर दुकानें हटाई जानी हैं. ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि उन्हें समुचित मुआवज़ा देकर पुनर्वास किया जाए.
वीडियो: 400 साल पुरानी बाबरी मस्जिद का विध्वंस देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु रहा है. इस विध्वंस के तीस साल पूरे होने पर इस बारे में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
सरकार द्वारा अयोध्या के राम मंदिर के लिए एक जटिल संरचना बनाने को लेकर वैज्ञानिकों को जोड़ने के बारे में नाराज़ होने की वजहें हैं, लेकिन काम करने की स्वतंत्रता और फंडिंग से जुड़े सवाल इससे बड़े हैं.
बाबरी मस्जिद ढांचा ढहाए जाने के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा तथा बजरंग दल संस्थापक विनय कटियार समेत 32 लोगों को विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर 2020 को बरी कर दिया था.
अयोध्या में राम जन्मभूमि से क़रीब 25 किलोमीटर दूर प्रभाकर मौर्य नाम के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवाया है, जहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जा रही है. अब प्रभाकर के चाचा ने आरोप लगाया है कि उक्त मंदिर सरकारी ज़मीन पर बनाया गया है, ताकि वह ज़मीन कब्ज़ाई जा सके.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से ज़मीन की ख़रीद-फ़रोख़्त और निर्माण कार्य कराने वाले 40 लोगों की एक सूची जारी की गई. सूची में मिल्कीपुर क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा का नाम भी शामिल है.
पत्रकार राना अयूब के जिस ट्वीट पर रोक लगाई गई है, वह 9 अप्रैल, 2021 को पोस्ट किया गया था, जिसमें उन्होंने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ में इस फैसले को ‘एक और मस्जिद के विध्वंस के लिए मंच’ के रूप में वर्णित किया था.
विश्व हिंदू परिषद की ज़िला इकाइयों की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, राम मंदिर ट्रस्ट को दान के रूप में अब तक 3,400 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या में रहने वाले दानदाताओं के सर्वाधिक दो हज़ार से ज़्यादा चेक बाउंस हुए हैं.
पहले कभी किसी शहर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री वगैरह का दौरा होता है तो माना जाता है कि कम से कम उस दिन वहां सफाई, पानी, बिजली आपूर्ति के साथ शांति व्यवस्था भी चाक-चौबंद रहेगी. लेकिन यूपी में अब सब इतना ‘बदल’ गया है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के दौरे पर उपद्रव और मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री के दौरे के वक़्त हत्याएं तक हो जा रही हैं और किसी भी स्तर पर इसकी शर्म नहीं महसूस की जा रही.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में भाजपा की एक दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद काशी ने जो अंगड़ाई ली है, वह हम सबके सामने है. काशी में काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन होने के बाद प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है.
वीडियो: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर चल रहे विवादों के चलते 1968 के समझौते और 1991 के उपासना स्थल अधिनियम पर चर्चा हो रही है. इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं याक़ूत अली.
याचिकाकर्ता दिनेश चंद्र शर्मा ने कथित रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर मौजूद केशव देव मंदिर के गर्भ गृह का ‘शुद्धिकरण’ करने की अनुमति अदालत से मांगी है. दिनेश अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष हैं और उन्होंने 19 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में भी ऐसी ही एक याचिका दाख़िल की थी. दोनों याचिकाएं अदालत में लंबित हैं.
मथुरा की ज़िला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में मौजूद शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर वह भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को सौंपने के मामले में दिए गए आदेश पर फिर से विचार करते हुए सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया. सितंबर 2020 में इस याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था. इस समय इसी तरह की मांग को लेकर स्थानीय अदालतों में 12 से अधिक और मामले में भी चल रहे हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के प्रकट हो जाने से जो चमत्कृत हैं, वे जानते हैं कि यह झूठ है. 'बाबा प्रकट हुए मस्जिद में', ऐसा कहने वाले धार्मिक हो या न हों, अतिक्रमणकारी अवश्य हैं.