द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
2019 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर एनसीपी नेता अजित पवार के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के चलते 1 जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2017 के बीच सरकारी खज़ाने को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
बंगाल के संदेशखाली इलाके में सैकड़ों महिलाओं और स्थानीय लोगों द्वारा यौन उत्पीड़न, ज़मीन पर क़ब्ज़े और ज़बरदस्ती के गंभीर आरोपों के कुछ हफ्ते बाद बंगाल पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख़ शाहजहां को गिरफ़्तार कर लिया है. शाहजहां 5 जनवरी से लापता थे.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के संदेशखाली इलाके में घटित घटना के आरोपी टीएमसी नेता शेख़ शाहजहां की गिरफ़्तारी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि अदालतों द्वारा उनकी गिरफ़्तारी पर रोक के कारण पुलिस उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकी है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट में पाया गया है कि ईडी और आईटी जांच का सामना कर रहीं 30 कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में भाजपा को 335 करोड़ रुपये का दान दिया, इसका हवाला देते हुए कांग्रेस ने इसे भाजपा की ‘हफ्ता वसूली’ क़रार दिया है. पार्टी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर मामले की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने दावा किया कि इस फैसले से सरकार को राज्य में बाल विवाह रोकने में मदद मिलेगी. एक मंत्री ने इसे समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम बताया. हालांकि, उनके आलोचकों का दावा है कि यह क़दम ज़्यादातर राज्य के मुस्लिम परिवारों को निशाने पर रखता है और सांप्रदायिक चरित्र लिए हुए है.
शुक्रवार को 62 वर्षीय दर्शन सिंह का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. दिल्ली चलो विरोध मार्च के दौरान जान गंवाने वाले वे चौथे किसान हैं. 29 फरवरी तक विरोध मार्च को निलंबित करते हुए किसान नेताओं ने कहा है कि फिलहाल उनका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि किसान शुभकरण सिंह की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर हत्या का केस दर्ज किया जाए.
वीडियो: फसलों पर एमएसपी पर ख़रीद की गारंटी समेत अन्य मांगों के साथ पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर जुटे किसानों के ख़िलाफ़ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं. पुलिस पर लगातार आंसू गैस के गोले छोड़ने और पैलेट गन का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगा है. बीते 21 फरवरी को पुलिस से झड़प में एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत भी हो गई थी.
वीडियो: किसान वर्तमान में जारी अपना प्रदर्शन फसलों के अधिकतम मूल्य को लेकर नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकार से ऐसी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं कि उन्हें अपनी वाजिब मेहनत के लिए वाजिब कीमत मिल जाए. किसानों के प्रदर्शन और उनकी मांगों पर द वायर के अजय कुमार प्रकाश डाल रहे हैं.
बीते 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर शुभकरण की मौत हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के दौरान हो गई थी. उनकी मौत के कारण किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च को अस्थायी रूप से रोक दिया है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता और बहन को नौकरी देने की घोषणा की.
किसानों के आंदोलन को रोकने के दौरान हरियाणा पुलिस की द्वारा की गईं कार्रवाइयों की आलोचना हो रही है, जिसमें राज्य के सीमावर्ती इलाकों में 170 से अधिक किसान घायल हो गए और 22 वर्षीय शुभकरन सिंह की मौत हो गई. पुलिस विरोध कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल कर रही है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों को चौथे दौर की वार्ता में केंद्र द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर पांच फसलें खरीदने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि यह अनुबंध खेती का प्रस्ताव था, जो पहले ही विफल हो चुकी है. यह किसानों को स्थायी आय की गारंटी नहीं दे सकती है.
मुंबई के मीरा रोड स्थित नयानगर इलाके में 21 जनवरी की रात सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद भाजपा विधायक नितेश राणे ने 23 जनवरी को क्षेत्र का दौरा किया. दौरे के बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर कार्यालय में बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय को खुली धमकी दी. कुछ ही घंटों बाद ही इलाके में दूसरे दौर की हिंसा भड़क उठी थी.
पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों ने कहा कि पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर क़ानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो केंद्र सरकार क़रीब तीन साल तक क्यों बैठी रही. मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.
कर्नाटक के हुबली के किसान नेता किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के रास्ते दिल्ली जा रहे थे, लेकिन जब वे भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतरे तो उन्हें पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इस कृत्य के पीछे आपराधिक दिमाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार का है.