महाराष्ट्र: बच्चों की तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार मदरसा शिक्षकों के ख़िलाफ़ नहीं मिला कोई सबूत

साल 2023 में रेलवे पुलिस ने महाराष्ट्र के दो स्टेशनों से पांच मदरसा शिक्षकों को बच्चा तस्करी के आरोप गिरफ़्तार कर क़रीब एक माह जेल में रखा था. अब जीआरपी ने इसकी जांच पूरी करने के बाद कहा है कि यह पूरा मामला ‘ग़लतफ़हमी’ के कारण खड़ा हुआ.

बिहार: पटना विश्वविद्यालय में नक़ाबपोश हमलावरों ने एक छात्र की पीट-पीटकर हत्या की

कहा जा रहा है कि छात्र की हत्या का संभावित कारण इस साल के अंत में होने वाले पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव हो सकते हैं, जिनमें वह उतरने की योजना बना रहा था.

बिहार: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद हिंसा में एक की मौत, इंटरनेट बंद

घटना सारण लोकसभा क्षेत्र की है. पुलिस ने कहा कि यह मतदान के दौरान राजद और भाजपा उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प का नतीजा थी. 20 मई को मतदान के दौरान गड़बड़ी के आरोप को लेकर भाजपा और राजद समर्थकों के बीच विवाद होने पर फायरिंग हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौक़े पर ही मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए थे.

‘मेन मुद्दा बेरोजगारी बा, महंगाई आसमान छुअत बा, पांच सौ रुपया मजदूरी भी कम पड़त बा’

ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.

बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट न देने की अपील करने पर शिक्षक को जेल

मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर अपनी कक्षा में बच्चों से कहा था कि किसी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देना चाहिए. शिक्षक पर चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.

अग्निपथ योजना: बिहार में चयन हो जाने के बाद भी नौकरी छोड़ रहे हैं अग्निवीर

अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.

गुजरात से बिहार तक नीट परीक्षा के पेपर लीक होने के दावे, सरकारी एजेंसी का इनकार

बीते पांच मई को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) के बाद से गुजरात और बिहार में पेपर लीक की बात सामने आई है और आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि, देश भर में विभिन्न परीक्षाओं को आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पेपर लीक होने के दावों को ख़ारिज कर चुकी है.

लोकसभा चुनाव: चौथे चरण में भी मतदान प्रतिशत में गिरावट, 96 सीटों पर हुआ 67.25% मतदान

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 96 लोकसभा सीटों पर 67.25 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों पर 68.8 फीसदी मतदान हुआ था.

लोकसभा चुनाव: मिथिलांचल में एम-वाई समीकरण कितना प्रभावी रहेगा?

दरभंगा लोकसभा क्षेत्र और निकटवर्ती लोकसभा सीटों- झंझारपुर, मधुबनी और समस्तीपुर- यानी मिथिलांचल में 55 पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों के मतदाता जिन्हें ‘पचपनिया’ कहा जाता है, की भूमिका निर्णायक मानी जाती है. पिछले चुनाव में एनडीए की जीत में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान बताया जाता है.

फासीवाद का खतरा और सीपीआई की राजनीतिक अपरिपक्वता

सीपीआई को यह भ्रम है कि इसके पास एक वैज्ञानिक विचारधारा है जो हर सामाजिक परिघटना की व्याख्या कर सकती है, लेकिन उसके सहारे चुनाव नहीं लड़ा जा सकता.

लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान, कई सीटों पर दिग्गजों का मुक़ाबला

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के तीन मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.

पुलिस नोटिस को झेलते बिहार के ग्रामीण मतदान से डर रहे हैं

ये नोटिस अमूमन पासवान, महतो और तेली जैसी अति-पिछड़ी जाति और अनुसूचित जातियों के सदस्यों के पास आए हैं. इस आरोप से डरकर ये लोग मतदान के दिन अपना गांव छोड़कर जाने का सोच रहे हैं- इस तरह यह नोटिस इन्हें मतदान के अधिकार से वंचित कर सकता है.

असम: आईआईटी-गुवाहाटी का छात्र हॉस्टल में मृत पाया गया, परिवार का रैगिंग का आरोप

आईआईटी-गुवाहाटी  के प्रथम वर्ष के छात्र का शव 10 अप्रैल को उनके हॉस्टल के कमरे में मिला. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले इस छात्र के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी रैगिंग कर हत्या कर दी गई है, वहीं पुलिस आत्महत्या का संदेह जता रही है. परिवार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

भारत में पिछले साल टीबी के 25 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, छह दशकों में सर्वाधिक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले साल तपेदिक (टीबी) के लगभग 25,50,000 मामले दर्ज किए, जो 60 के दशक में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है. पिछले नौ वर्षों में टीबी मामलों में 64% वृद्धि हुई है.

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