बिलक़ीस केस: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोचना किए जाने के ख़िलाफ़ गुजरात सरकार की याचिका ख़ारिज

गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सज़ा पाए 11 दोषियों को अगस्त 2022 में गुजरात सरकार द्वारा दी गई सज़ा माफ़ी को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार ने अपनी ‘शक्ति का दुरुपयोग’ किया है.

गुजरात में बलात्कारियों को रिहा करने वाले मोदी बंगाल के ऐसे अपराधियों के लिए फांसी चाहते हैं

साल 2022 में मोदी सरकार ने बिलक़ीस बानो के बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए सज़ायाफ़्ता अपराधियों की रिहाई को मंज़ूरी दी थी. बिलक़ीस के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने मामला अपने हाथ में लिया और उन हत्यारों और बलात्कारियों को वापस जेल भेजा.

भाजपा के दस साल और महिलाओं की स्थिति

पिछले कुछ वर्षो में बलात्कारी के तथाकथित हिंदू और भाजपा या संघ समर्थक होने पर उसके पक्ष में क्या-क्या नहीं किया गया. बलात्कारियों को बचाने के लिए जुलूस निकाले गए, राष्ट्रीय ध्वज लेकर भी मार्च निकाला गया, थानों पर दबाव बनाए गए, मीडिया को ख़ामोश किया गया. यहां तक कि पीड़िताओं में ही दोष निकाला गया, उनके चरित्र को तार-तार किया गया, उनके परिवारों को फुसलाया और धमकाया गया और सौदा करने पर मज़बूर किया गया.

बिलक़ीस बानो केस: दो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट के समयपूर्व रिहाई रद्द करने के ख़िलाफ़ याचिका दायर की

बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों में से दो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि एक 'असामान्य' स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि समान शक्ति रखने वाली शीर्ष अदालत की दो अलग-अलग पीठों ने सज़ा माफ़ी के एक ही मुद्दे पर विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है.

बिलकीस बानो गैंगरेप मामले के एक और दोषी को शादी में शामिल होने के लिए 10 दिन की पैरोल मिली

गुजरात हाईकोर्ट ने बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी रमेश चांदना को भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल दे दी. इससे पहले एक अन्य दोषी प्रदीप मोढिया को हाईकोर्ट द्वारा 7 से 11 फरवरी तक पैरोल पर गोधरा जेल से रिहा किया गया था.

बिलक़ीस बानो फ़ैसले में अपने ख़िलाफ़ की गई टिप्पणियां हटवाने के लिए कोर्ट पहुंची गुजरात सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने बीते आठ जनवरी को बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफ़ी और रिहाई को रद्द करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार ने उन्हें समयपूर्व रिहा करते हुए 'शक्ति का दुरुपयोग' किया था.

गुजरात: आत्मसमर्पण के एक पखवाड़े बाद बिलकीस बानो गैंगरेप मामले का एक दोषी पैरोल पर बाहर

बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के लोगों की हत्या के दोषियों में से एक प्रदीप मोढिया को ससुर की मृत्यु के बाद गुजरात हाईकोर्ट द्वारा बीते 7 फरवरी को पैरोल दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोढिया और 10 अन्य आजीवन कारावास के दोषियों ने 21 जनवरी की रात गोधरा उप-जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.

गुजरात: 2002 में बिलकीस बानो से गैंगरेप और परिजनों की हत्या मामले के 11 दोषियों ने आत्मसमर्पण किया

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 जनवरी को बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समय-पूर्व रिहाई का ख़ारिज करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार के पास उन्हें समय से पहले रिहा करने की शक्ति नहीं है. रिहाई का आदेश रद्द करते हुए अदालत ने दोषियों को दो हफ़्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा था.

गुजरात: दाहोद एएसपी ने कहा- बिलकीस बानो मामले के दोषी लापता नहीं, पुलिस की निगरानी में हैं

सुप्रीम कोर्ट ने 8 जवनरी को बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा था. इस आदेश के बाद उनके घर पर न रहने की ख़बरें सामने आई थीं. इस बीच बीते 19 जनवरी को अदालत ने इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया.

बिलक़ीस केस: दोषियों ने आत्मसमर्पण के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा, कोर्ट सुनवाई को राज़ी

गुजरात सरकार द्वारा बिलकीस बानो मामले के 11 दोषियों को दी गई सज़ा माफ़ी को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को उन्हें दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था. इनमें से 10 ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर निजी कारण देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए और समय की मांग की है.

बिलक़ीस की न्याय की लड़ाई गुजरात की दो अधिकारियों के ज़िक्र के बिना अधूरी है

साल 2002 में बिलक़ीस के साथ हुई ज़्यादती के बाद गुजरात की दो अधिकारियों- गोधरा की तत्कालीन डीएम जयंती रवि और गोधरा सिविल अस्पताल की डॉक्टर रोहिणी कुट्टी ने उस समय के तमाम राजनीतिक-प्रशासनिक दबावों के बीच जिस ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाई, वो वाकई एक मिसाल है. 

प्रधानमंत्री की कई अनैतिक चुप्पियों पर राम नाम का पर्दा डाला जा रहा है, बिलक़ीस ने उसे हटा दिया

बिलक़ीस बानो की जीत भारत की उन महिलाओं और मर्दों को शर्मिंदा करती है जो इस केस पर इसलिए चुप हो गए क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करना पड़ता, उन्हें भाजपा से सवाल करना पड़ता.

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