सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाले केंद्र के अध्यादेश को विपक्ष ने संघीय ढांचे पर हमला बताया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि दिल्ली सरकार के पास सभी प्रशासनिक सेवाओं (ट्रांसफर-पोस्टिंग) पर अधिकार है. इसमें उपराज्यपाल का दख़ल नहीं होगा. हालांकि केंद्र ने एक अध्यादेश के ज़रिये इस फैसले को पलट दिया है. इस पर विपक्ष ने कहा कि यह सभी राज्य सरकारों के लिए चेतावनी का संकेत है.

समाज का काम कभी-कभी साहित्य के बिना चल सकता है, पर साहित्य का समाज के बिना नहीं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: साहित्य उन शक्तियों में से नहीं रह गया जो मानवीय स्थिति को बदल सकती हैं- फिर भी हमें ऐसा लिखना चाहिए मानो कि हमारे लिखने से स्थिति बदल सकती है.

नफ़रती भाषण को लेकर प्रधानमंत्री की चुप्पी उनकी मौन सहमति का प्रतीक है: नसीरुद्दीन शाह

द वायर को दिए एक विशेष इंटरव्यू में नफ़रती भाषण को लेकर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि इस संबंध में बोलना प्रधानमंत्री का कर्तव्य है, हम सभी की रक्षा करना उनका काम है. सरकार की चुप्पी हैरान करने वाली है. यह इस संबंध में उनकी मौन सहमति का प्रतीक है.

मुग़लों का इतिहास न पढ़ाने के फैसले के पीछे कौन-सी समझदारी है?

मुग़लों का इतिहास तो पढ़ाए न जाने के बावजूद इतिहास ही रहेगा- न बदलेगा, न मिटेगा. लेकिन छात्र उससे वाक़िफ़ नहीं हो पाएंगे और उनका इतिहास ज्ञान अधूरा व कच्चा रह जाएगा. 

क्या आज़ादी और लोकतंत्र किसी देश का ‘आंतरिक मामला’ हो सकते हैं?

1971 में बांग्लादेश के संघर्ष के वक़्त जब भारत कई हलकों में पाकिस्तान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की तोहमतें झेल रहा था, लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि लोकतंत्र किसी देश का आंतरिक मामला नहीं हो सकता और उसका दमन सारे संसार की चिंता का विषय होना चाहिए.

अडानी समूह के प्रति सरकार की कृपादृष्टि महज़ धारणा का मामला नहीं है

जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?

गुजरात: मेहसाणा रैली केस में जिग्नेश मेवाणी बरी, कोर्ट ने कहा- मामला आधारहीन

वडगाम से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने जुलाई 2017 में ऊना में गोरक्षकों द्वारा दलित युवकों की पिटाई के सालभर पूरे होने पर बिना अनुमति के मेहसाणा से बनासकांठा ज़िले के धनेरा तक 'आज़ादी कूच' नाम की रैली निकाली थी. इसे लेकर पिछले साल उन्हें तीन महीने की सज़ा सुनाई गई थी.

‘तानाशाह सरकार ने आम आदमी की आवाज़ उठाने वाले राहुल को संसद से बाहर किया है’

वीडियो: केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को बीते हफ्ते सूरत की एक अदालत के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने सांसद के तौर पर अयोग्य घोषित किया है. इस बारे में नई दिल्ली के आम लोगों से बातचीत.

‘कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर चुके हैं, जीत सत्य की होगी’

वीडियो: राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के ख़िलाफ़ हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ता नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमा हुए थे. यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का हिस्सा था.

प्रियंका गांधी ने कहा- इस देश का प्रधानमंत्री कायर है

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में आयोजित ‘संकल्प सत्याग्रह’ में सत्तारूढ़ भाजपा पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आप शहीद के बेटे को देशद्रोही और मीर जाफ़र कहते हैं. हमारे परिवार ने इस देश के लिए... इस तिरंगे... इस धरती के लिए खून बहाया है. इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के ख़ून ने सींचा है.

मीडिया ट्रायल अदालती फैसले से पहले ही व्यक्ति को दोषी ठहरा देती है: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रेस राज्य की अवधारणा में चौथा स्तंभ है. एक स्वस्थ लोकतंत्र को पत्रकारिता को एक ऐसी संस्था के रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए, जो सत्ता से कठिन सवाल पूछ सके. जब प्रेस को ऐसा करने से रोका जाता है तो किसी भी लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है.

राहुल गांधी को बोलने से रोकना और जनतंत्र का ख़ात्मा

वीडियो: क्या नरेंद्र मोदी के अमृतकाल में लोगों का अपनी बात कहना 'विष' के समान है? राहुल गांधी लोकसभा में कुछ बोल नहीं सकते, जो लंदन में बोल आए हैं उसके लिए भी माफ़ी की मांग की जा रही है. वहीं, यूपी में एक पत्रकार मंत्री से सवाल पूछने के बाद गिरफ़्तार हो गए. इन मसलों को लेकर प्रोफेसर अपूर्वानंद और सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.

उर्दू शायरी उम्मीद की शायरी है…

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: उर्दू कविता, अपने हासिल की वजह से भारतीय कविता का बेहद ज़रूरी और मूल्यवान हिस्सा रही है. वह इस तरह हिंदुस्तान का ज़िंदगीनामा है जिसने कभी राजनीति और अध्यात्म के पाखंड को पकड़ने में चूक नहीं की है. उसमें समय के प्रति जागरूकता है, तो उसका अतिक्रमण भी.

राहुल गांधी ने लंदन में ऐसा क्या कहा, जिससे भाजपा बौखला गई है

यूनाइटेड किंगडम में राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार की आलोचना में कुछ नया नहीं था, सिवाय इसके कि वे विदेशी दर्शकों के सामने बोल रहे थे. संभव है कि यही वजह है कि भाजपा- जो 2024 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी को वैश्विक नेता के तौर पर पेश करना चाहती है- इतनी बौखलाई हुई नज़र आ रही है.

‘राजनीति में भक्ति या नायक पूजा पतन और अंतत: तानाशाही का सीधा रास्ता है’

डॉ. आंबेडकर ने संविधान के पहले मसौदे को संविधान सभा में पेश करते हुए कहा था कि 'नवजात प्रजातंत्र के लिए संभव है कि वह आवरण प्रजातंत्र का बनाए रखे, परंतु वास्तव में तानाशाही हो जाए.' जब मोदी की चुनावी जीत को लोकतंत्र, उनसे सवाल या मतभेद रखने वालों को लोकतंत्र का दुश्मन बताया जाता है, तब डॉ. आंबेडकर की चेतावनी सही साबित होती लगती है.

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