सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अवमानना याचिका में कहा गया है कि कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जनवरी 2022 में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि हमें सर्वोच्च न्यायालय और संविधान पर कोई भरोसा नहीं है. जो लोग भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विश्वास करते हैं, वे कुत्ते की मौत मरेंगे.
कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर में भाजपा के पूर्व सांसद बैकुंठ लाल शर्मा की जयंती के अवसर पर 17 दिसंबर से तीन दिवसीय धर्म संसद के आयोजन की घोषणा की है. पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर कार्यक्रम न करने का निर्देश दिया है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने कहा था कि वह 17 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद जाएंगे और क़ुरान पर एक प्रस्तुति देंगे, जिसके बाद प्रशासन ने यह क़दम उठाया है. नोटिस में कहा कि अगर वह नफ़रत फैलाने वाले बयान देना बंद नहीं करेंगे, तो उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में बीते एक मई को ‘सनातन हिंदू सेवा संस्थान’ द्वारा एक धर्म सभा का आयोजन किया गया था. आरोप है कि सभा में एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण दिए गए हैं. नरसिंहानंद और कालीचरण पहले से ही नफ़रत भरे भाषणों के लिए आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.
रुड़की में बुधवार को धर्म संसद का आयोजन होने वाला है, जिसके संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव से कहा है कि हेट स्पीच की स्थिति बनने पर उन्हें कोर्ट के कहे बिना तत्काल कार्रवाई करनी होगी.
हिंदुत्ववादी नेता साध्वी ऋतंभरा ने कानपुर में आयोजित राम महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत जल्द ही ‘हिंदू राष्ट्र’ बन जाएगा. उन्होंने आह्वान किया कि अपने दो बच्चों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समर्पित करें, विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता बनाएं, देश को समर्पित करें.
कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद के एक संगठन ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया है. कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने दावा किया कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने कहा कि जब मुसलमान बहुसंख्यक होंगे तो भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान जैसा इस्लामिक देश बन जाएगा.
देश के 28 वरिष्ठ पत्रकारों और मीडियाकर्मियों ने राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और विभिन्न उच्च न्यायालयों, भारत के निर्वाचन आयोग और अन्य वैधानिक निकायों से देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों पर हो रहे हमलों को रोकने का आह्वान किया है.
हरिद्वार धर्म संसद मामले में पिछले महीने गिरफ़्तार कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जेल से रिहा होने के बाद कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के बिना उनकी रिहाई का कोई मतलब नहीं है और उनकी रिहाई के लिए वह भूख हड़ताल फिर शुरू करने जा रहे हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी इस मामले के सह-अभियुक्त हैं.
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में हरिद्वार की एक अदालत ने दिसंबर 2021 में शहर में आयोजित हुए विवादास्पद धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने और उनके नरसंहार का आह्वान करने के मामले में यति नरसिंहानंद को ज़मानत दे दी थी.
बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था. कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद इस धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. उन्होंने भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते और जीवनी लेखक सुगत बोस ने करण थापर के साथ बातचीत में कहा कि अगर नेताजी जीवित होते तो धर्म संसद से मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने की किसी की हिम्मत नहीं होती.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक दल ने अमरोहा, मुरादाबाद और रामपुर ज़िले में भाजपा के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से अभियान चलाया है. मंच की ओर से कहा गया कि संघ या सरकार का ऐसे धर्म संसद से कोई नाता नहीं है और संगठन इसका समर्थन नहीं करता तथा धर्म संसद में दिए गए बयानों की निंदा करता है.
हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित ‘धर्म संसद’ कार्यक्रमों में नफ़रती भाषणों के ख़िलाफ़ दायर याचिका का विरोध करते हुए दो दो दक्षिणपंथी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी याचिकाएं दायर की है. दोनों ने शीर्ष अदालत से उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाने की अपील की है. एक हिंदू संगठन ने पूर्व में मुस्लिम नेताओं द्वारा हिंदुओं के ख़िलाफ़ दिए गए ऐसे ही भाषण के लिए हिंदुओं को समान सुरक्षा दिए जाने की मांग की है.
वीडियो: अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण, लक्षित हमलों और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर आरफा खानम शेरवानी मुसलमानों के अधिकारों, समुदाय में असुरक्षा और अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रही हैं.