हाशिये के समुदायों के छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं आम हो रही हैं: सीजेआई चंद्रचूड़

बीते दिनों आईआईटी बॉम्बे में एक दलित छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना का ज़िक्र करते हुए देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे संस्थानों को छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी आकार देना चाहिए.

कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध: छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट से हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति मांगी

फरवरी 2022 में कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बाधित करने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. फैसले को बरक़रार रखते हुए मार्च 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.

देश की बड़ी आबादी ‘अमृतकाल’ के अमृत से वंचित क्यों है

भारतीय मिथकीय संदर्भों में अमृत-विष की अवधारणा समुद्र मंथन से जुड़ती है, जहां मोहिनीरूपधारी विष्णु ने चालाकी से सारा अमृत देवताओं को पिला दिया था. आज मोदी सरकार ने आर्थिक संपदा व संसाधनों को प्रभुत्व वर्ग के हाथों में केंद्रित करते हुए मोहिनी की तरह अमृत का पूरा घड़ा ही उनके हाथ में दे दिया है.

सीबीएसई ने 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में चैटजीपीटी के इस्तेमाल पर रोक लगाई

नवंबर 2022 में शुरू हुआ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर चैटजीपीटी दिए गए इनपुट के आधार पर बोलने, गाने, मार्केटिंग कॉपी, समाचार लेख और निबंध लिखने या मानव-समान शब्द उत्पन्न करने में सक्षम है. 

झारखंड: पिछले बजट की घोषणाओं को साकार करने में कितने सफल हुए हैं हेमंत सोरेन

केंद्र सरकार के बजट में सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा को न केवल दरकिनार किया गया है बल्कि मनरेगा सरीखी कई ज़रूरी योजनाओं के आवंटन में भारी कटौती की गई है. ऐसे में झारखंड जैसा राज्य जो कुपोषण, ग़रीबी व ग्रामीण बेरोज़गारी से जूझ रहा है, वहां आने वाले राज्य बजट के पहले पिछले बजटों में की गई घोषणाओं के आकलन की ज़रूरत है.

‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांच कार्यक्रमों पर 28 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च हुए: सरकार

‘परीक्षा पे चर्चा’ एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. छात्रों के साथ प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम पहली बार 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था.

केंद्रीय विद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और ग़ैर-शिक्षकों के 58,000 पद ख़ाली

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 12,099 तथा ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों के 1,312 पद ख़ाली हैं. इसी तरह जवाहर नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के 3,271 तथा ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों के 1,756 पद खाली हैं.

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप के पात्र विद्यार्थियों को महीनों से नहीं मिली अनुदान राशि

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा संचालित मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप योजना के लाभार्थियों को महीनों से उनकी अनुदान राशि न मिलने के चलते उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कुछ तो अपनी पढ़ाई छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं. सरकार द्वारा पिछले दिसंबर में कहा गया था कि अब से इस फेलोशिप को बंद किया जा रहा है.

अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति बहाल करने की कोई योजना नहीं है: केंद्रीय मंत्री

केंद्र सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप, अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद कर दी थी, साथ ही विदेश में पढ़ाई हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज में सब्सिडी देने वाली 'पढ़ो परदेस' योजना भी बंद कर दी गई थी. इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति का ख़ुलेआम प्रदर्शन कर रही है, मानो कि वह कोई सम्मान की बात हो.

गांधी: हिंसा बहादुरी नहीं कायरता का लक्षण है और तलवारें कमज़ोरों का हथियार

पुण्यतिथि विशेष: गांधी की रामराज्य की अवधारणा कोई धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि महान नैतिक मूल्यों पर आधारित और प्राचीनता व आधुनिकता दोनों की रूढ़ियों से मुक्त वैकल्पिक सभ्यता का पर्याय थी. उनके निकट धर्म भी इन्हीं महान नैतिक मूल्यों को बरतने का दूसरा नाम था.

हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को 609 मदरसों का कोष रोकने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया है, जिसमें कहा गया है कि बिहार में खुलेआम फ़र्ज़ी तरीके से मदरसों का संचालन किया जा रहा है और सरकारी अनुदान भी लिया जा रहा है. अदालत ने सरकार से कथित जाली दस्तावेज़ों के आधार पर 609 मदरसों को अनुदान जारी करने की चल रही जांच को चार सप्ताह के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है.

रामचरितमानस को वर्णव्यवस्था का हिमायती और संविधान विरोधी बताने की बहस बहुत पुरानी है

बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस की आलोचना को लेकर अगर कुछ नया है तो वह है इस पर हुआ हंगामा. श्रमण संस्कृति के पैरोकार विद्वान व सामाजिक कार्यकर्ता, तुलसीदास व रामचरितमानस की आलोचना में न सिर्फ इससे कहीं ज़्यादा कडे़ शब्द इस्तेमाल कर चुके हैं. एक दौर में तुलसीदास को ‘हिंदू समाज का पथभ्रष्टक’ तक क़रार दिया जा चुका है.

‘रामचरितमानस’ की आलोचना पर विवाद व्यर्थ है

‘रामचरितमानस’ की जो आलोचना बिहार के शिक्षा मंत्री ने की है वह कोई नई नहीं और न ही उसमें किसी प्रकार की कोई ग़लती है. उन पर हमलावर होकर तथाकथित हिंदू समाज अपनी ही परंपरा और उदारता को अपमानित कर रहा है.

बिहार: शिक्षा मंत्री ने ‘रामचरितमानस’ और ‘मनुस्मृति’ को समाज को बांटने वाला बताया

बृहस्पतिवार को अपने बयान को दोहराते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दावा किया है कि ‘रामायण’ पर आधारित रामचरितमानस समाज में नफ़रत फैलाती है. भाजपा द्वारा माफ़ी की मांग पर उन्होंने कहा कि यह भगवा पार्टी है, जिसे तथ्यों की जानकारी नहीं होने के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए.

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