अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी एक रिपोर्ट में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उन आवाजों को अनुचित तरीके से दबाने और हटाने के एक पैटर्न का दस्तावेज़ीकरण किया है, जिसमें फिलिस्तीन के समर्थन में शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति और मानवाधिकारों के बारे में बहस शामिल है.
सारी दुनिया में लाखों यहूदी, मुसलमान, ईसाई, हिंदू, कम्युनिस्ट, एग्नॉस्टिक लोग सड़कों पर उतरकर गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, वही मुल्क जो कभी फिलिस्तीन का सच्चा दोस्त था, जिन पर कभी लाखों लोगों के जुलूस निकले हुए होते, वही सड़कें आज ख़ामोश हैं.
जर्मनी की फोटो प्रदर्शनी बिएननेल फर एक्चुएल फोटोग्राफी के 2024 के संस्करण के क्यूरेटर शाहिदुल आलम ने फिलिस्तीन के समर्थन में फेसबुक पर कुछ पोस्ट किए थे, जिन्हें यहूदी विरोधी मान लिया गया और आयोजन रद्द कर दिया गया. क्यूरेटर की ओर से एक बयान में कहा गया है कि यह नस्लवादी और भेदभावपूर्ण है. फासीवाद वर्तमान में लौट रहा है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: बर्बर और अमानवीय इजरायल गाज़ा में जो कर रहा है और जिस तरह से अनेक देश उसे चुप रहकर ऐसा करने दे रहे हैं, वे मनुष्यता और सभ्यता की विफलता के ताज़ा उदाहरण हैं.
मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.
फ़िलिस्तीन और इज़रायल की ख़ातिर, जो ज़िंदा हैं उनकी ख़ातिर और जो मारे गए उनके नाम पर, हमास के हाथों बंधक बनाए गए लोगों की ख़ातिर और इज़रायली जेलों में बंद फ़िलिस्तीनियों की ख़ातिर, सारी इंसानियत की ख़ातिर, गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद होना चाहिए.
इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को बिना किसी धारणा और पूर्वाग्रह के समझना है, तो ज़रूरी है कि धर्म के चश्मे को उतारकर उसके ऐतिहासिक संदर्भ से समझा जाए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाज़ा पट्टी में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए कहा है कि हर गुज़रते घंटे के साथ सामने आ रही तबाही युद्ध विराम की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना देती है. इस दौरान उन्होंने हमास द्वारा बंधक बनाए गए 200 से अधिक इज़रायलियों की रिहाई का आह्वान भी दोहराया.
फैक्ट-चेक: इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष के बीच लगातार साझा की जा रही फ़र्ज़ी ख़बरों के बीच इज़रायल समर्थकों ने एक वीडियो क्लिप में एक फ़िलिस्तीनी व्यक्ति के 'शव के हिलने' का दावा करते हुए मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाया गया था. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा ग़लत पाया गया है.
वीडियो: इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है. कैसे इज़रायल और फिलिस्तीन अस्तित्व में आए, दोनों देशों का 2000 साल का इतिहास क्या है, कैसे यहूदियों को पनाह देने वाले फिलिस्तीन को यहूदियों के राष्ट्र इज़रायल ने ही उजाड़ दिया, बता रहे हैं द वायर के अजय कुमार.
कोलकाता पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान-बांग्लादेश विश्व कप क्रिकेट मैच के दौरान फिलिस्तीनी झंडा लहराने के आरोप में चार लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है. वे गाज़ा में चल रहे इज़रायल-हमास संघर्ष के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए प्रस्ताव में गाज़ा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के महत्व पर ज़ोर दिया गया था. इसमें बंधक बनाए गए सभी नागरिकों की बिना शर्त रिहाई और गाज़ा को ज़रूरी रसद सामग्री की निर्बाध आपूर्ति का आग्रह किया था. भारत प्रस्ताव पर वोटिंग में शामिल नहीं हुआ था.
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इज़रायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि भारत हमारे आतंकवाद विरोधी अभियानों में मज़बूती से हमारा समर्थन कर रहा है. अब समय आ गया है कि वह हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करे. उन्होंने हमास के ख़िलाफ़ आतंकवाद विरोधी अभियानों में इज़रायल को समर्थन देने के लिए भारत को धन्यवाद दिया.
बताया गया है कि अस्पताल में मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना है. अब तक के आंकड़े 1982 में लेबनान के सबरा और शतीला में इज़रायली सेना और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए नरसंहार के बाद किसी एक घटना में मारे गए फिलिस्तीनियों की सबसे बड़ी संख्या है.