कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर गए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए, रोज़ उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ की ओर से दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘किसान गर्जना रैली’ का आयोजन किया गया. न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा किसानों ने कृषि गतिविधियों पर जीएसटी को वापस लेने, पीएम-किसान योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि और जीएम फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति को ख़त्म करने की मांग की है.
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के अनुपालन में की जा रहीं कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के साथ-साथ क़ानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर भी सहमति दी गई है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जीएसटी बकाया देकर हम पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं, यह लोगों का पैसा है जिसे उन्होंने (केंद्र) जीएसटी के माध्यम से एकत्रित किया है. अगर केंद्र हमें पैसा नहीं दे सकता, तो हम भी जीएसटी देना बंद कर सकते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन अब वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बहस कर रही है कि किसानों को लागत के 50 प्रतिशत से अधिक एमएसपी की पेशकश बाजारों को विकृत कर देगी.
गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर इसे एकजुट करने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे ज़रूरी मानती है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए.’
संगठित क्षेत्र के प्रदर्शन के आधार पर अर्थव्यवस्था के सार्वभौमिक और व्यापक पुनरुद्धार का दावा करना बेहद भ्रामक है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में कहा कि संस्थानों को नियंत्रित, कमज़ोर किया जा रहा है या उन पर कब्ज़ा कर लिया गया है. भले ही हमारे पास लोकतंत्र का कवच है, लेकिन भीतर से यह कवच खोखला हो चुका है.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अनाज से लेकर दालों और दही से लेकर लस्सी तक खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर स्पष्टीकरण जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है और इन पैकेटबंद सामान का वज़न 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए. इससे पहले केवल ब्रांडेड अनाज-दालें ही जीएसटी के दायरे में आती थीं.
पिछले पांच वर्षों में जीएसटी क़ानून निश्चित रूप से बदलाव हुए हैं और समय-समय पर संशोधनों के ज़रिये करदाताओं के सामने आने वाले कई मुद्दे स्पष्ट हुए हैं. लेकिन अब भी कई ऐसे मसले बाक़ी हैं जो जीएसटी व्यवस्था के अमल को प्रभावित करते हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, मई में भारत की बेरोज़गारी दर 7.1% रही. आंकड़े मूल रूप से दावा करते हैं कि सही प्रकार की नौकरियां न मिलने से निराश होकर कामकाजी उम्र के 90 करोड़ भारतीयों में से आधों, विशेष रूप से महिलाओं, ने रोज़गार की तलाश करना ही बंद कर दिया है.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है. रिकॉर्ड संग्रह के साथ यह संशोधित बजट लक्ष्य को पार कर गया है. केंद्र ने 2021-22 के लिए 5.70 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह का संशोधित बजट लक्ष्य रखा था. इससे पहले जनवरी 2022 में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.40 लाख करोड़ रुपये था.
उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के बड़ौत का मामला है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक जूता व्यापारी और उनकी पत्नी ने इसके लिए कथित तौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार बताते हुए फेसबुक लाइव के दौरान ज़हर खा लिया. व्यापारी ने वीडियो में आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री छोटे व्यापारियों और किसानों के हितैषी नहीं हैं.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने बताया कि उनके मंत्रालय द्वारा कराए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 67 फीसदी एमएसएमई तीन महीने से अस्थायी तौर पर बंद थे और 50 फीसदी से अधिक इकाइयों ने अपने राजस्व में 25 फीसदी से अधिक की गिरावट का सामना किया.
कन्फेडेरेशन ऑफ नगालैंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नगा राजनीतिक समूहों द्वारा कई कर लगाने की समस्या को तत्काल हल करने और जीएसटी के तहत आने वाले सामान पर नगर निकाय द्वारा लिए जाने वाले सभी तरह के करों को हटाने को लेकर नौ सितंबर को मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन दिया था, जिस पर राज्य सरकार का संतोषजनक जवाब न आने के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है.