राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने कागज़ और छपाई की गुणवत्ता जांच का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी स्कूलों से कक्षा 9 से 12 तक की चार पाठ्यपुस्तकों की सभी प्रतियां वापस मंगाएं. इनमें से एक किताब में 2002 के गोधरा कांड से जुड़ा अध्याय शामिल है.
गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सज़ा पाए 11 दोषियों को अगस्त 2022 में गुजरात सरकार द्वारा दी गई सज़ा माफ़ी को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार ने अपनी ‘शक्ति का दुरुपयोग’ किया है.
एनसीईआरटी प्रमुख ने एक साक्षात्कार में कक्षा 12वीं के राजनीति विज्ञान की किताब से गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भ को हटाए जाने को सही ठहराया है. उन्होंने बताया कि एक विशेषज्ञ समिति ने महसूस किया था कि कुछ चुनिंदा दंगों का उल्लेख करना सही नहीं है.
महात्मा गांधी ने हमें प्रेम की ताक़त सिखाई थी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने दिखा दिया है कि नफ़रत कितनी प्रबल होती है.
बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों में से दो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा है कि एक 'असामान्य' स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि समान शक्ति रखने वाली शीर्ष अदालत की दो अलग-अलग पीठों ने सज़ा माफ़ी के एक ही मुद्दे पर विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है.
साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान जान बचाने में सफल रहे कुछ पीड़ितों से द वायर ने बात की तो जाना कि आज भी उनके जख़्म भरे नहीं हैं. वे दंगों के बाद बनीं मुस्लिम बस्तियों में अमानवीय परिस्थितियों में जीवनयापन को मजबूर हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त होने के लगभग 19 महीने बाद जस्टिस एएम खानविलकर को भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. यह पद करीब दो साल पहले रिक्त हुआ था. सरकार ने लोकपाल में तीन न्यायिक सदस्यों सहित छह सदस्यों की नियुक्ति भी की है.
गुजरात हाईकोर्ट ने बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी रमेश चांदना को भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल दे दी. इससे पहले एक अन्य दोषी प्रदीप मोढिया को हाईकोर्ट द्वारा 7 से 11 फरवरी तक पैरोल पर गोधरा जेल से रिहा किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते आठ जनवरी को बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफ़ी और रिहाई को रद्द करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार ने उन्हें समयपूर्व रिहा करते हुए 'शक्ति का दुरुपयोग' किया था.
गुजरात दंगों के मुस्लिम गवाहों का कहना है कि कैसे अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निकट आने के साथ उनकी सुरक्षा वापस ले लेने की कार्रवाई ने उनके डर को फिर से जगा दिया है. उनका कहना है कि राम मंदिर की मांग ने ही इस पूरे अध्याय को जन्म दिया था और बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 जनवरी को बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समय-पूर्व रिहाई का ख़ारिज करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार के पास उन्हें समय से पहले रिहा करने की शक्ति नहीं है. रिहाई का आदेश रद्द करते हुए अदालत ने दोषियों को दो हफ़्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जवनरी को बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा था. इस आदेश के बाद उनके घर पर न रहने की ख़बरें सामने आई थीं. इस बीच बीते 19 जनवरी को अदालत ने इन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया.
गुजरात सरकार द्वारा बिलकीस बानो मामले के 11 दोषियों को दी गई सज़ा माफ़ी को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को उन्हें दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था. इनमें से 10 ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर निजी कारण देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए और समय की मांग की है.
साल 2002 में बिलक़ीस के साथ हुई ज़्यादती के बाद गुजरात की दो अधिकारियों- गोधरा की तत्कालीन डीएम जयंती रवि और गोधरा सिविल अस्पताल की डॉक्टर रोहिणी कुट्टी ने उस समय के तमाम राजनीतिक-प्रशासनिक दबावों के बीच जिस ईमानदारी से अपनी भूमिका निभाई, वो वाकई एक मिसाल है.
बिलक़ीस बानो की जीत भारत की उन महिलाओं और मर्दों को शर्मिंदा करती है जो इस केस पर इसलिए चुप हो गए क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करना पड़ता, उन्हें भाजपा से सवाल करना पड़ता.