सुप्रीम कोर्ट ने 8 जवनरी को बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा है. गुजरात के दाहोद के एसपी ने बताया है कि पुलिस को उनके आत्मसमर्पण के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है और न ही उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले की प्रति प्राप्त हुई है.
अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार और परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफ़ी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने के बाद बिलक़ीस बानो ने अदालत के साथ उनके समर्थन में खड़े रहने वालों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी दुआ है कि सबसे ऊपर क़ानून रहे और क़ानून की नज़र में सब बराबर बने रहें.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफ़ी और रिहाई को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार के पास दोषियों को समय से पहले रिहा करने का हक़ नहीं है. अदालत ने दोषियों को दो हफ्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा है.
जो लोग यक़ीन करते हैं कि भारत अब भी एक लोकतंत्र है, उनको बीते कुछ महीनों में मणिपुर से लेकर मुज़फ़्फ़रनगर तक हुई घटनाओं पर नज़र डालनी चाहिए. चेतावनियों का वक़्त ख़त्म हो चुका है और हम अपने अवाम के एक हिस्से से उतने ही ख़ौफ़ज़दा हैं जितना अपने नेताओं से.
बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की सज़ा माफ़ी और समयपूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई में एक दोषी के वकील की दलीलें सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में उन्हें (दोषियों को) कई दिनों तक कई बार बाहर आने का मौक़ा मिला.
सुप्रीम कोर्ट ने बिलक़ीस बानो के बलात्कार के दोषियों की समय-पूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए कहा कि गुजरात सरकार का यह कहना कि सभी क़ैदियों को सुधरने का मौका मिले, सही है लेकिन क्या सभी मामलों में ऐसा किया जाता है.
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नरेंद्र मोदी की छवि को ख़राब करने वालीं तीस्ता सीतलवाड़ अकेली नहीं हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों ने भी अतीत में गुजरात हिंसा और मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा चलाई गई सरकार की भूमिका पर कड़ी टिप्पणियां की थीं.
फरवरी 2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने की घटना के एक दिन बाद डेरोल रेलवे स्टेशन पर हुए दंगों से संबंधित चार मामलों में 52 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से 17 की मुक़दमे के दौरान मौत हो गई. अब स्थानीय अदालत ने 'सबूतों की कमी' का हवाला देते हुए बाक़ी सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान वडोदरा शहर में स्थित बेस्ट बेकरी पर भीड़ के हमले में 14 लोग मारे गए थे. इनमें से ज़्यादातर मुस्लिम थे, जिन्होंने अंदर शरण ली हुई थी. मुंबई की निचली अदालत ने हर्षद सोलंकी और मफत गोहिल को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन यह साबित करने में असफल रहा कि दोनों दंगाई भीड़ का हिस्सा थे.
दिल्ली हाईकोर्ट में गुजरात स्थित जस्टिस ऑन ट्रायल नामक एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया है कि बीबीसी की दो भाग की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ ने भारत की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया है. बीबीसी के ख़िलाफ़ इस संबंध में मानहानि की एक अन्य याचिका एक भाजपा नेता द्वारा दायर की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला यह उन शिकायतों के जवाब में दिया, जिसमें कहा गया था कि मामले के एक दोषी को नोटिस नहीं दिया जा सका, क्योंकि वह अपने पते पर नहीं मिला. आरोप है कि बचाव पक्ष सुनवाई को टालने की कोशिश कर रहा है. बिलक़ीस ने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
दिल्ली की एक अदालत ने बीबीसी, विकिपीडिया और इंटरनेट आर्काइव को भाजपा नेता बिनय कुमार सिंह द्वारा दायर एक मानहानि के मुक़दमे के संबंध में समन जारी किया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में आरएसएस, विहिप और भाजपा जैसे संगठनों की मानहानि की गई है.
वीडियो: 2014 के बाद गुजरात दंगे के आरोपियों की लगातार रिहाई में एक पैटर्न दिखता है. साल 2022 में इस मामले में नरेंद्र मोदी को भी क्लीन चिट मिली, सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल दंगों के 9 केस में से 8 बंद करने का आदेश दिया. ऐसे में क्या यह कहना उचित है कि गुजरात दंगों के लिए न्याय देने की कोशिश कभी नहीं की गई?
गुजरात में दाहोद ज़िले के लिमखेड़ा क़स्बे के रंधीकपुर गांव का मामला. पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि बिलक़ीस बानो का रिश्तेदार होने के नाते भीड़ ने उन पर हमला किया था. हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि हमला पैसे के लेन-देन को लेकर हुआ.