गुजरात के गिर सोमनाथ ज़िले के वेरावल क़स्बे का मामला. पुलिस ने बताया कि हनुमान जयंती पर बिना अनुमति के शोभा यात्रा निकाली गई थी. इस संबंध में दो एफ़आईआर दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले के अचलपुर शहर में धार्मिक झंडे हटाने को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी जिसके बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया.
गुजरात के वडोदरा शहर के रावलपुरा इलाके का मामला. दोपहिया वाहनों की मामूली दुर्घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया और दंगाइयों ने एक-दूसरे पर पथराव करने के अलावा एक पूजा स्थल तथा वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. घटना में तीन लोग घायल हो गए हैं.
आणंद ज़िला कलेक्टर ने बताया कि अवैध कब्ज़े और अवैध निर्माण सहित सड़कों के किनारे खड़ी झाड़ियों पर भी बुलडोज़र चलवाया जा रहा है क्योंकि रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद बदमाश इन्हीं झाड़ियों में छुप रहे थे. कांग्रेस ने इस अभियान को असंवैधानिक और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया.
ऐसा बताया जाता है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो मनोज सोनी उनके भाषण लेखकों में से एक थे. नरेंद्र मोदी से नज़दीकी के चलते उन्हें 'छोटे मोदी' भी कहा जाता है. अब यूपीएससी अध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति को विभिन्न आयोगों और केंद्रीय संस्थानों का भगवाकरण किए जाने के रूप में देखा जा रहा है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों में महत्वपूर्ण पदों के ख़ाली होने पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा कि उन्हें इस बारे में केंद्र से संपर्क करना चाहिए क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सेवा विभाग द्वारा की जाती है जो सीधे उपराज्यपाल के अधीन आता है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है.
गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. एक दिन बाद फिर दो समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव किया. हिंसा को लेकर तीन मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, झारखंड के लोहरदगा ज़िले में रामनवमी के अवसर पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात शहरों में रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प हो गई. मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. झारखंड के लोहरदगा ज़िले में पथराव और हमले में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं और बंगाल में भी हावड़ा के शिबपुर इलाके में झड़प की ख़बर है.
गुजरात के भरूच ज़िले के दहेज औद्योगिक क्षेत्र स्थित रासायनिक कारखाने में रविवार देर रात तीन बजे अचानक विस्फोट हो जाने से आग लग गई थी. पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और हादसे में कोई अन्य व्यक्ति घायल नहीं हुआ है.
नींबू की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र में पुणे के थोक बाज़ार में एक नींबू की कीमत 5 रुपये है और खुदरा बाज़ार में इसकी कीमत 10-12 रुपये प्रति पीस है. दिल्ली में नींबू के भाव 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलो के बीच हैं. आलू, प्याज़ और टमाटर जैसी रोज़मर्रा की सब्ज़ियों की दामों में भी वृद्धि हुई है.
गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों से संबंधित इन कैग रिपोर्ट्स को हाल ही में संबंधित विधानसभाओं में पेश किया गया, जिनमें राज्यों की आर्थिक हालत और अन्य परियोजनाओं पर हुए काम और उनकी स्थिति पर जानकारियां दी गई हैं.
गुजरात के वडोदरा शहर के नंदेसरी बाज़ार की घटना. एक पुलिसकर्मी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में 13 वर्षीय बच्चे को कई बार थप्पड़ मारते दिखा था. वडोदरा के पुलिस उपायुक्त ने कहा कि इस तरह का दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. जांच के बाद सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
सीबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) संबंधी भ्रष्टाचार के एक मामले में देशभर में 22 स्थानों पर छापेमारी के दौरान नौ किलोग्राम से अधिक सोना और 1.1 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं. एनएचएआई के नौ शीर्ष अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित 13 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के दौरान उक्त एनएचएआई अधिकारियों ने निजी कंपनियों से धन लिया था.
अगर शिक्षा को हम ‘मन की किवाड़ों के खुलने’, सृजनात्मकता को नई उड़ान देने की प्रक्रिया के तौर पर देखें तो धर्म उसकी बिल्कुल विपरीत प्रक्रिया की मिसाल के तौर पर सामने आता है, जहां स्वतंत्र विचार को नकारने पर ही ज़ोर रहता है. और जब आप किसी पाठ्यक्रम में धार्मिक ग्रंथ का पढ़ना अनिवार्य कर देते हैं, तब एक तरह से शिक्षा के बुनियादी उद्देश्य को ही नकारते हैं.
गुजरात के साबरकांठा ज़िले का मामला. महिला के पिता की मृत्यु के बाद परिवार ने महिला को उनकी मर्ज़ी से विवाह करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन इसके बजाय महिला ने इस साल फरवरी में अपने प्रेमी से शादी की. फैसले से नाराज़ महिला के चाचा ने उसके पति और ससुर पर हमला किया और महिला को अगवा कर लिया था.
गंगूबाई फिल्म एक सिनेमेटिक अनुभव की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, पर इस फिल्म के योगदान को जिस चीज़ के लिए माना जाना चाहिए वह है- वेश्याओं के छुपे हुए संसार को अंधेरे गर्त से निकाल कर सतह पर लाना.