जुलाई 2022 से जेल में बंद रूपेश कुमार सिंह की जीवनसाथी उनके कारावास के अनुभव दर्ज कर रही हैं, साथ ही बता रही हैं कि बिहार की जेलों में क़ैदियों के साथ कितना अमानवीय बर्ताव होता है. लेकिन रूपेश की जिजीविषा बरक़रार है.
गुजरात की पोरबंदर अदालत ने 1997 के 'हिरासत में प्रताड़ना' मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमलों के बाद इज़रायल ने सैन्य आक्रमण के ज़रिये ग़ाज़ा में फिलिस्तीनियों पर ढिठाई से लगातार क़हर बरसाया और विनाश किया है.
नासिरा शर्मा ने कई फ़िलिस्तीनी रचनाकारों का अनुवाद किया है. उनकी हालिया किताब, फ़िलिस्तीन: एक नया कर्बला, में उनके अनुवादों के साथ इस विषय पर राजनीतिक निबंध भी शामिल हैं. वे इस लेख में अनुवाद प्रक्रिया से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रही हैं. उनके अनुसार ये रचनाएं समय की छाती पर लिखी इबारतें हैं जो हथियारों के सामने तनकर खड़ी हैं.
वीडियो: 22 सितंबर को देश के तीन राज्यों में तीन आरोपियों का कथित एनकाउंटर किया गया. उत्तर से दक्षिण तक पुलिस एनकाउंटर को मिली स्वीकार्यता पर द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद और पत्रकार सौरव दास के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति द्वारा व्यक्त की गईं चिंताओं में से एक यह है कि भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को 2023 से राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के वैश्विक गठबंधन ने 'ए' श्रेणी का दर्जा प्रदान नहीं किया है. इसका मतलब यह हुआ कि देश मानवाधिकार के क्षेत्र में अच्छा नहीं कर रहा है और इसलिए उसे शीर्ष दर्जा नहीं मिल रहा है.
असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को एक मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. इनमें से एक 35 वर्षीय जोशुआ भी थे. उनके परिजनों ने मुठभेड़ को फर्ज़ी क़रार देते हुए कहा है कि वह मणिपुर के फेरज़ावल ज़िले के सेनवोन गांव के निवासी थे और अदरक, चावल तथा सब्जियों की खेती करते थे.
असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. अब पूर्वोत्तर के हमार जनजाति के शीर्ष संगठन हमार इनपुई ने घटना की निंदा करते हुए इन्हें 'न्यायेतर हत्याएं' करार दिया है, जहां गिरफ़्तारी के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने दो साल से अधिक समय से हिरासत में लिए गए विदेशी नागरिकों की रिहाई संबंधी एक याचिका पर सुनते हुए असम राज्य क़ानूनी सेवा प्राधिकरण से सवाल किया है कि ऐसे नागरिकों को उनके देश वापस भेजने के लिए भारत सरकार क्या नीति या प्रक्रिया अपनाती है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी कहा था कि ‘अरबों की जिस ज़मीन पर इज़रायल क़ब्ज़ा करके बैठा है वह उसे खाली करनी होगी.’ उस विवेक से हम ऐसी संस्कृति तक आ पहुंचे हैं, जहां अमानवीय इज़रायली हिंसा के बावजूद भारतीय जनमानस का एक बड़ा हिस्सा उसके प्रति चुप्पी या समर्थन का भाव रखे हुए है.
सीएए नियमों की अधिसूचना की संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कड़ी आलोचना की और कहा कि सीएए का अमल समानता और धार्मिक भेदभाव न करने के भारतीय संवैधानिक मूल्यों के लिए एक झटका है.
हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (एचएलआरएन) द्वारा जारी रिपोर्ट में पाया गया है कि 2022 और 2023 में अदालत के आदेशों के कारण लगभग 3 लाख लोगों को बेदखल किया गया. 2022 में अदालती आदेशों के चलते 33,360 से अधिक लोगों को बेदखल करना पड़ा, जबकि 2023 में यह आंकड़ा लगभग 2.6 लाख तक पहुंच गया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में होने वाली ‘बुलडोज़र कार्रवाइयों’ को लेकर दो रिपोर्ट जारी करते हुए मुस्लिमों के घरों, कारोबार और उपासना स्थलों के व्यापक और ग़ैर-क़ानूनी विध्वंस को तत्काल रोकने का आह्वान किया है. रिपोर्ट बताती है कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में ‘सज़ा के तौर’ पर सर्वाधिक 56 बुलडोज़र कार्रवाइयां हुईं.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहली बार है कि मानवाधिकार का मुद्दा आधिकारिक स्तर पर उठाया जाएगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक नोटिस में कहा गया है कि इसकी एक समिति 7 फरवरी से 9 फरवरी तक श्रीनगर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के संबंध में आम जनता की शिकायतों पर सुनवाई करेगी.
मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में भाजपा सरकार के कार्यकाल में भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी नीतियों के कारण अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में धार्मिक और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभावपूर्ण प्रथाओं को उजागर करते हुए कई घटनाओं को सूचीबद्ध किया गया है.