भारत द्वारा चीनी पत्रकारों को निकाले जाने पर चीन ने कहा- वह ‘उचित जवाबी उपाय’ करेगा

1980 के दशक के बाद पहली बार भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है. सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के अंतिम दो पत्रकारों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है. चीन ने कहा है कि अपने मीडिया संगठनों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी उपाय करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं है.

सामान्य वीज़ा फिर से शुरू होने के बावजूद भारत और चीन ने एक दूसरे के पत्रकारों के प्रवेश को रोका

भारत द्वारा चीन की सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के एक पत्रकार को बीते 31 मार्च तक देश छोड़ने के लिए कहने के बाद चीन ने तीन भारतीय पत्रकारों के वीज़ा पर रोक लगा दी है. 1980 के दशक के बाद यह पहली बार है कि भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है.

साल 2022 में देश में मैलवेयर हमलों में 31 फीसदी की वृद्धि: रिपोर्ट

अमेरिकी साइबर सुरक्षा प्रदाता कंपनी सोनिकवॉल के एशिया-प्रशांत और जापान के उपाध्यक्ष देबाशीष मुखर्जी ने कहा है कि अन्य क्षेत्रों में मैलवेयर हमलों में कमी आई है लेकिन भारत में वे चिंताजनक रूप से उच्च स्तर पर बने हुए हैं.

झारखंड: ग्रामीणों के विरोध के बाद स्कूल से मलाला यूसुफ़ज़ई के पोस्टर हटाए गए

रामगढ़ ज़िले में एक सरकारी स्कूल में बच्चों को प्रेरित करने के उद्देश्य से 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार की विजेता और पाकिस्तान की समाजसेवी मलाला यूसुफ़ज़ई की तस्वीर वाले पोस्टर से लगाए गए थे. हालांकि, ग्रामीणों ने इसका यह कहकर विरोध किया कि उन्हें किसी पाकिस्तानी से सीखने की ज़रूरत नहीं है.

भारतीय उपमहाद्वीप में हर दूसरे रोज़ आहत हो रही भावनाओं पर बात करने का हक़ किसे है?

पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक भारतीय उपमहाद्वीप में आए दिन किसी न किसी की आहत भावनाओं की बात होती रहती है और उसकी स्वाभाविक प्रतिकिया के तौर पर उत्पाती समूहों द्वारा इसका बदला लेने के लिए की गई हिंसा की ख़बर आती रहती है, लेकिन सवाल है कि आख़िर किसकी भावनाएं आहत होती हैं?

ऑस्ट्रेलिया के दो और विश्वविद्यालयों ने कुछ भारतीय राज्यों के छात्रों के दाख़िले पर रोक लगाई

एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के छात्रों को अब ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में स्थित फेडरेशन यूनिवर्सिटी और न्यू साउथ वेल्स में वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी द्वारा प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इससे पहले पांच विश्वविद्यालय इसी तरह का क़दम उठा चुके हैं.

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री: ऑस्ट्रेलियाई सांसद-कार्यकर्ता बोले, भारत में सच बोलना अपराध हो सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के समय वहां के संसद भवन में गुजरात दंगों में उनकी भूमिका रेखांकित करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. इसके बाद हुई एक चर्चा में ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन्स सीनेटर ने भारत में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर वहां के प्रधानमंत्री द्वारा मोदी से बात न करने पर चिंता जताई.

कीवी का कड़वा स्वाद: इटली में पंजाब के युवाओं के शोषण की कहानी

वीडियो: हर साल हज़ारों की संख्या में पंजाब के युवा बेहतर भविष्य की तलाश में अवैध तरीकों से सीमाएं पार करते हुए विदेशों में पहुंचते हैं. लेकिन अक्सर उनके सपने सच नहीं होते. द वायर ने 5 रिपोर्ट्स के ज़रिये पंजाब से इटली के कीवी फार्म्स में पहुंचने के बाद शोषण का शिकार होते युवाओं की व्यथा दर्ज की है. इससे जुड़ीं एक रिपोर्टर कुसुम अरोड़ा से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

शेयर मार्केट में लिस्टिंग के बाद एलआईसी के शेयर 40% गिरने पर कांग्रेस ने मोदी-अडानी पर सवाल उठाए

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक साल पहले एलआईसी को शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध किया गया था, तब बाज़ार पूंजीकरण 5.48 लाख करोड़ रुपये था. आज यह भारी गिरावट के साथ 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है! 

कनाडा में असली ख़ालिस्तानी कुछ ही हैं, भारत को उन्हें नज़रअंदाज़ करना चाहिए: कनाडा के पूर्व मंत्री

ऑडियो: कनाडा के स्वास्थ्य मंत्री रहे उज्जल दोसांझ ने द वायर से बातचीत में उनके राजनीति में उतरने की परिस्थितियों के बारे में बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिख समुदाय में बढ़ते कट्टरपंथ की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा.

साल 2022 में दुनियाभर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची

आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र और नॉर्वेन रिफ्यूजी काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध और पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली मानसूनी बाढ़ के बीच साल 2022 में रिकॉर्ड 60.9 मिलियन नए विस्थापन दर्ज किए गए. यह 2021 में हुए विस्थापन की तुलना में 60 फीसदी अधिक है.

समाज का काम कभी-कभी साहित्य के बिना चल सकता है, पर साहित्य का समाज के बिना नहीं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: साहित्य उन शक्तियों में से नहीं रह गया जो मानवीय स्थिति को बदल सकती हैं- फिर भी हमें ऐसा लिखना चाहिए मानो कि हमारे लिखने से स्थिति बदल सकती है.

भारत के प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में गिरावट शर्मिंदगी भरी, पर उनके लिए जिनमें शर्म हो: पी. साईनाथ

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में भारत 11 स्थान फिसला है. पिछले साल कुल 180 देशों में यह 150वें पायदान पर था, इस साल यह 161वें स्थान पर पहुंच गया है.

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