भाषा पर ध्यान देना चौकन्ना काम है, वह प्रचलित सामान्यीकरणों के सहारे नहीं हो सकता

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदी में ऐसा आलोचनात्मक माहौल बन गया है कि भाषा को महत्व देना या कि उसकी केंद्रीय भूमिका की पहचान करना, उस पहचान को ब्योरों में जाकर सहेजना-समेटना अनावश्यक उद्यम मान लिया गया है.

किताब पढ़ने की आदत से एक्टर में परिपक्वता आती है: श्रीकांत वर्मा

वीडियो: आंखों देखी, दम लगा के हईशा और लाल सिंह चड्ढा जैसी फ़िल्मों के साथ-साथ पंचायत, मिर्ज़ापुर और ब्रीद: इनटू द शैडोज जैसी वेब-सीरीज़ में अभिनय कर चुके अभिनेता श्रीकांत वर्मा से उनके जीवन, रंगमंच, सिनेमा और ओटीटी पर उनके अनुभव और यात्रा के बारे में बातचीत.

ऑस्कर: द एलीफ़ेंट व्हिसपरर्स को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री, नाटू-नाटू को बेस्ट गीत का अवॉर्ड

95वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ मूल (ओरिजनल) गीत की श्रेणी में एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' के गीत 'नाटू-नाटू' को चुना गया है, वहीं कार्तिकी गोंसाल्वेस द्वारा निर्देशित 'द एलीफ़ेंट व्हिसपरर्स' सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म चुनी गई है.

फ़रीद काज़मी, जिन्होंने लोकप्रिय सिनेमा के प्रतिरोध को विश्लेषण के दायरे में लिया

स्मृति शेष: बीते दिनों इस दुनिया को अलविदा कहने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर फ़रीद काज़मी सिनेमा के ऐसे अध्येता थे, जिन्होंने समानांतर या कला फिल्मों की बजाय पॉपुलर सिनेमा को चुना और इसमें दिखने वाले वर्चस्वशाली राजनीतिक विमर्श को रेखांकित किया.

अभिनेता अरुण बाली का निधन

अरुण बाली को धारावाहिक ‘स्वाभिमान’ और फिल्म ‘3 इडियट्स’ में निभाए उनके किरदार के लिए काफी सराहना मिली थी. वह ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘खलनायक’, ‘सत्या’, ‘हे राम’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’, ‘बर्फी’, ‘मनमर्ज़ियां’, ‘केदारनाथ’, ‘सम्राट पृथ्वीराज’ और ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी फिल्मों में भी नज़र आए थे.

सिंगापुर में बैन होगी द कश्मीर फाइल्स, कहा- फिल्म में मुस्लिमों का एकतरफा, उकसावे वाले चित्रण

सिंगापुर की इन्फोकॉम मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ने संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय के साथ एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि इस फिल्म को सिंगापुर के फिल्म वर्गीकरण दिशानिर्देशों के मानकों से परे पाया है.

द कश्मीर फाइल्स का सिर्फ एक ही सच है, और वो है मुस्लिमों से नफ़रत

लोग ये बहस कर सकते हैं कि फिल्म में दिखाई गई घटनाएं असल में हुई थीं और कुछ हद तक वे सही भी होंगे. लेकिन किसी भी घटना के बारे में पूरा सच, बिना कुछ भी घटाए, जोड़े और बिना कुछ भी बदले ही कहा जा सकता है. सच कहने के लिए न केवल संदर्भ चाहिए, बल्कि प्रसंग और परिस्थिति बताया जाना भी ज़रूरी है.

द कश्मीर फाइल्स ने हिंदुत्ववादियों को मुस्लिमों के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने का बहाना दे दिया है

सिनेमाघरों में द कश्मीर फाइल्स देखने वालों के नारेबाज़ी और सांप्रदायिक जोश से भरे वीडियो तात्कालिक भावनाओं की अभिव्यक्ति लगते हैं, लेकिन ऐसे कई वीडियो की पड़ताल में कट्टर हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं और संगठनों की भूमिका स्पष्ट तौर पर सामने आती है. 

द कश्मीर फाइल्स एक प्रोपगैंडा फिल्म है, जिसका मक़सद मुस्लिमों के ख़िलाफ़ भावनाएं भड़काना है

विवेक रंजन अग्निहोत्री भाजपा के पसंदीदा फिल्मकार के रूप में उभर रहे हैं और उन्हें पार्टी का पूरा समर्थन मिल रहा है.

गंगूबाई काठियावाड़ी के बहाने: मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी, यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी…

गंगूबाई फिल्म एक सिनेमेटिक अनुभव की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, पर इस फिल्म के योगदान को जिस चीज़ के लिए माना जाना चाहिए वह है- वेश्याओं के छुपे हुए संसार को अंधेरे गर्त से निकाल कर सतह पर लाना.

द कश्मीर फाइल्स का मक़सद पंडितों के प्रति हमदर्दी है या एक वर्ग के प्रति नफ़रत उपजाना

कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ हिंसा ऐसी त्रासदी है जिस पर बात करते समय सिर्फ उसी पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए. किसी त्रासदी को तुलनीय बनाना उसका अपमान है. 'कश्मीर फ़ाइल्स' के निर्माताओं को यह सवाल करना चाहिए कि क्या वास्तव में कश्मीरी पंडितों की पीड़ा ने उन्हें फिल्म बनाने को प्रेरित किया या उसकी आड़ में वे अपनी मुसलमान विरोधी हिंसा को ज़ाहिर करना चाहते थे?

‘द कश्मीर फाइल्स’ के सरकारी प्रमोशन के क्या मायने हैं

कश्मीरी पंडितों का विस्थापन भारत की गंगा-जमुनी सभ्यता के माथे पर बदनुमा दाग़ है और उसे मिटाने के लिए तथ्यों के धार्मिक सांप्रदायिक नज़रिये वाले फिल्मी सरलीकरण की नहीं बल्कि व्यापक और सर्वसमावेशी नज़रिये की ज़रूरत है. दुर्भाग्य से यह ज़रूरत अब तक नहीं पूरी हो पाई है और पंडितों को राजनीतिक लाभ के लिए ही भुनाया जाता रहा है.

द कश्मीर फाइल्स: पुराने जख़्म पर मरहम के बहाने नए ज़ख़्मों की तैयारी

हालिया रिलीज़ फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी पंडितों के बरसों पुराने दर्द को कंधा बनाकर और उस पर मरहम रखने के बहाने कैसे एक पूरे समुदाय विशेष को ही निशाना बनाया जा रहा है.

भारत हिंदू और मुसलमान दोनों का देश, भेदभाव ठीक नहीं: नाना पाटेकर

अभिनेता नाना पाटेकर ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही. हालांकि, पाटेकर ने यह भी कहा कि उन्होंने अभी फिल्म नहीं देखी है और इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगे, लेकिन किसी फिल्म को लेकर विवाद खड़ा होना अच्छा नहीं है.

‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बीते दिनों रिलीज़ के बाद उपजे राजनीतिक विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह क़दम उठाया गया है. फिल्म को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं विपक्ष ने फिल्म को एकतरफा और बेहद हिंसक बताया है.

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