भारत में इज़रायल के पूर्व राजदूत डेनियल कार्मोन की टिप्पणी भारत ने इज़रायल को ड्रोन और तोप के गोले उपलब्ध कराने की अटकलों की पृष्ठभूमि में आई है. भारत सरकार ने अब तक इज़रायल को हथियारों की आपूर्ति करने की न तो पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए भेजे गए बधाई संदेश में फ़िलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफ़ा ने लिखा है कि एक वैश्विक नेता और मानवाधिकारों तथा शांति को महत्व देने वाले राष्ट्र के रूप में भारत, गाज़ा में हो रहे नरसंहार को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
युद्धग्रस्त इज़रायल के लिए हैदराबाद में हुए चार दिवसीय भर्ती अभियान में कंस्ट्रक्शन के काम करने वाले कुल 2,209 श्रमिकों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें से 905 को चुना गया. भारत और इज़रायल की सरकारों के बीच समझौते के तहत इस साल देश में आयोजित होने वाला यह तीसरा भर्ती अभियान था.
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान ने इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री याओव गैलेंट के साथ ही तीन हमास नेताओं के ख़िलाफ़ भी युद्ध अपराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों का हवाला देते हुए अरेस्ट वॉरंट जारी करने की मांग की है.
अक्सर हम संस्कृतियों और राष्ट्रों के प्रति इसलिए सहिष्णु नहीं हो पाते कि हम उन्हें जुगलबंदी के बगैर, एकरेखीय ढंग से, एक ही धुन और एक ही सुर में, एक ही आवाज़ में समझने की कोशिश करते हैं.
स्पेन के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि उसने डेनमार्क के झंडे वाले मालवाहक जहाज, जो कथित तौर पर भारत से इज़रायल 26.8 टन विस्फोटक लेकर लेकर जा रहा था, उसे अपने बंदरगाह पर रुकने की इजाज़त नहीं दी है. उसका का कहना है कि मिडिल ईस्ट को हथियारों की नहीं, बल्कि शांति की ज़रूरत है.
193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा के नौ देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया, जिसमें अमेरिका और इज़रायल भी शामिल थे.
फ़िलिस्तीन का उपनिवेशीकरण विभाजित पश्चिमी समाज के लिए एकता क़ायम करने का ज़रिया बन जाता है. यहूदी समस्या पश्चिम को दिखाई देती है, वहीं फ़िलिस्तीन को वह नज़रअंदाज़ करता है. एडवर्ड सईद ने इसे ‘दोहरा विज़न’ कहा है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी कहा था कि ‘अरबों की जिस ज़मीन पर इज़रायल क़ब्ज़ा करके बैठा है वह उसे खाली करनी होगी.’ उस विवेक से हम ऐसी संस्कृति तक आ पहुंचे हैं, जहां अमानवीय इज़रायली हिंसा के बावजूद भारतीय जनमानस का एक बड़ा हिस्सा उसके प्रति चुप्पी या समर्थन का भाव रखे हुए है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे विद्यार्थियों के प्रदर्शन में कुछ फैकल्टी सदस्य भी शामिल थे, जो प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए वहां मौजूद थे. न्यूयॉर्क पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिया गया था. उनमें से एक प्रोफेसर डेविड लडन ने अपना अनुभव साझा किया है.
पिछले महीने न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में गूगल के कुछ कर्मचारियों ने इज़रायल सरकार के साथ कंपनी के क्लाउड अनुबंध के विरोध में धरना दिया था, जिसके बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने उन्हें राजनीतिक बहस में न पड़ने की हिदायत दी थी.
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव के पक्ष में 28 सदस्य देशों ने मतदान किया, जहां 6 ने विरोध में मतदान किया और 13 सदस्य अनुपस्थित रहे.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: मुक्तिबोध साहित्य और जीवन संबंधी अपने विचार और स्थापनाएं रोज़मर्रा की ज़िंदगी में रसे-बसे रहकर ही व्यक्त और विकसित करते थे. ऐसे रोज़मर्रा के जीवन के कितने ही चित्र, प्रसंग और छवियां उनकी कविताओं और विचारों में गहरे अंकित हैं.
इज़रायली विदेश मंत्रालय के दस्तावेज़ों से पता चलता है कि इज़रायली राजनयिक भारतीय हिंदुत्ववादी दक्षिणपंथियों को 'फासीवादी' समझते थे. साथ ही, वे ऐसा मानते थे कि उनकी विचारधारा मुसलमानों से नफ़रत पर आधारित है, फिर भी उन्होंने दक्षिणपंथियों के साथ सावधानीपूर्वक संबंध बनाए रखे.