प्रेस काउंसिल ने ‘द कारवां’ को सेना संबंधी रिपोर्ट को लेकर कारण बताओ नोटिस भेजा

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 'द कारवां' पत्रिका को जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित रिपोर्ट के संबंध में कारण बताओ नोटिस भेजा है. इससे पहले पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में उक्त रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट से हटाने के लिए कहा गया था.

कश्मीर में सेना की हिरासत में नागरिकों की मौत संबंधी ‘कारवां’ की रिपोर्ट सरकार ने हटाने को कहा

‘कारवां’ पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में कहा गया है कि अगर वह 24 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट से जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित लेख नहीं हटाती है, तो पूरी वेबसाइट हटा दी जाएगी. पत्रिका ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है.

भारत सरकार ने ‘हिंदुत्व वॉच’ वेबसाइट के एक्स एकाउंट पर रोक लगाई

हिंदुत्व वॉच भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हमलों और हेट स्पीच पर रिपोर्ट करता है. इसके संस्थापक रक़ीब अहमद नाइक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें मंगलवार को एक ईमेल मिला था, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार ने एकाउंट को आईटी अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन करते पाया है.

मीडिया संगठनों ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक किए जाने की निंदा की

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय विमेन प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने कहा कि 'द कश्मीर वाला' के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई 'प्रेस की आज़ादी की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है.'

‘द कश्मीर वाला’ को ब्लॉक करना कश्मीरी मीडिया को मोदी सरकार द्वारा ग़ुलाम बना लेने का नमूना है

वीडियो: श्रीनगर से संचालित होने वाली 'द कश्मीरवाला' न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है और इसके ट्विटर और फेसबुक पेज भी ब्लॉक हो चुके हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से सूबे में मीडिया के क्या हालात हैं, बता रहे हैं अजय कुमार.

जम्मू कश्मीर: सरकार ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर रोक लगाई

स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के ब्लॉकिंग आदेशों के ख़िलाफ़ ट्विटर की याचिका ख़ारिज की

ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती दी थी. अदालत ने इस तथ्य का हवाला दिया कि ट्विटर ने नोटिस दिए जाने के बावजूद सरकार के ब्लॉकिंग आदेशों का पालन नहीं किया. ​इसके ‘आचरण’ को लेकर अदालत ने 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति से मोदी के समक्ष भारत में प्रेस स्वतंत्रता संबंधी मुद्दे उठाने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए हुए हैं. इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट ने एक बयान जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से आह्वान किया है कि उन्हें इस अवसर का उपयोग भारत में प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को मोदी के समक्ष उठाने के लिए करना चाहिए.

कुणाल कामरा की याचिका पर केंद्र ने कहा- व्यंग्य या किसी राय को नहीं हटाएगी फैक्ट-चेक इकाई

हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियां सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ बताई सामग्री हटाने के लिए बाध्य होंगी. सरकार ने इसके ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में दर्ज स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की याचिका ख़ारिज करने की मांग की है.

सरकारी फैक्ट-चेकिंग के ख़िलाफ़ कुणाल कामरा की याचिका और अभिव्यक्ति की आज़ादी का सवाल

इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ क़रार दी गई सामग्री को गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता को हटाना ही होगा. स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने इसके ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

सरकार की नई फैक्ट-चेक इकाई में दो ‘विशेषज्ञ’ और दो सरकारी प्रतिनिधि होंगे: रिपोर्ट

इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ क़रार दी गई सामग्री को गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता को हटाना ही होगा. इन नियमों को सेंसरशिप बताते हुए इनकी व्यापक आलोचना की गई है.

बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी से जुड़ा कोई भी मामला बेहद ज़रूरी: बॉम्बे हाईकोर्ट

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में आईटी नियम, 2021 में किए गए हालिया संशोधनों को चुनौती दी है, जो सरकार को उसके द्वारा 'फ़र्ज़ी' क़रार दी गई सामग्री को सोशल मीडिया से हटवाने का अधिकार देते हैं. इसे सुनते हुए जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि किसी बात या बयान की कई व्याख्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे यह ग़लत या फ़र्ज़ी नहीं हो जाती.

2019 से सीबीआई ने आपत्तिजनक पोस्ट के आरोप में 15 मामले दर्ज किए: सरकार

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को बताया कि इन 15 मामलों में से 6 मामलों की जांच चल रही है, जबकि 9 मामलों में 28 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ 28 आरोप-पत्र दायर किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये पोस्ट वर्ष 2019 से लेकर 30 नवंबर तक सरकार और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के ख़िलाफ़ किए गए थे.

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