जम्मू कश्मीर: महबूबा को सेना की हिरासत में मारे गए नागरिकों के परिजनों से मिलने से रोका गया

जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव मिले थे. पीडीपी नेताओं ने कहा कि मुफ्ती को पार्टी के अन्य सहयोगियों को पुलिस ने पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए टोपा पीर गांव की ओर जाने की अनुमति नहीं दी.

जम्मू-कश्मीर: सेना की हिरासत में नागरिकों की मौत पर राजनाथ सिंह बोले- जो हुआ, वो ग़लत था

पुंछ ज़िले में 21 दिसंबर को आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव मिले, जबकि 5 घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती हैं. पीड़ितों के परिजनों ने बताया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे मुलाक़ात की और न्याय का आश्वासन दिया है.

भारत-पाकिस्तान ने बातचीत से समाधान नहीं निकाला तो कश्मीर भी गाज़ा बन जाएगा: फ़ारुक़ अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भारत-पाक के बीच कश्मीर मुद्दे का समाधान बातचीत से करने की पैरवी करते हुए कहा कि आगामी चुनाव में नवाज़ शरीफ के पाकिस्तान का पीएम बनने की संभावना है. उन्होंने बार-बार कहा है कि वे बातचीत को तैयार हैं. क्या वजह है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं.

जम्मू कश्मीर: सेना की हिरासत में रहे लोग बोले- लाठियों/लोहे की रॉड से पीटा, घावों पर मिर्च डाली

जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को एक आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव उस जगह के नज़दीक पाए गए थे, जहां आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया था. पांच अन्य को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें एक नाबालिग भी है.

मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि, वर्तमान वित्तीय वर्ष में भागीदारी दर 59 फीसदी

मनरेगा के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के दौरान 24 दिसंबर तक मनरेगा के तहत कुल 238.62 करोड़ व्यक्ति-दिवस थे, जिनमें महिला दिवसों का आंकड़ा 59.25 फीसदी था, जो पिछले 10 वित्तीय वर्षों में सबसे अधिक है. पिछले 10 वित्तीय वर्षों में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी का सबसे कम प्रतिशत 2020-21 (53.19%) में दर्ज किया गया था.

जम्मू कश्मीर: सरपंच ने पुष्टि की, मारे गए नागरिक वीडियो में जवानों की प्रताड़ना सहते दिख रहे हैं

जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को एक आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था. बाद में 3 लोगों के शव उस जगह के नज़दीक पाए गए थे, जहां आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया था. एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें सेना के जवान नागरिकों को यातनाएं देते देखे जा सकते हैं.

ज़मीनी हक़ीक़त ने जम्मू-कश्मीर में केंद्र की शांति की ‘फ़र्ज़ी कहानी’ को झुठला दिया है: महबूबा

जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में आतंकी हमले में 4 जवानों के शहीद होने के बाद पूछताछ के लिए सेना द्वारा उठाए गए तीन नागरिकों की मौत की घटना पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रचारित सामान्य स्थिति को बनाए रखने के लिए यहां के निर्दोष लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जम्मू कश्मीर: तीन नागरिकों की हत्या के मामले में सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए

जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को एक आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव पाए गए थे. इनके परिवारों ने सेना की हिरासत में मौत का आरोप लगाया है. अब सेना ने इस मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है.

जम्मू कश्मीर: सेना की हिरासत में तीन नागरिकों की प्रताड़ना के बाद मौत से लोगों में ग़ुस्सा

आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए थे. स्थानीय लोगों का दावा है कि इस सिलसिले में सेना के जवानों ने बीते 22 दिसंबर को कम से कम आठ नागरिकों को पूछताछ के लिए उठाया था. इनमें से 3 उस जगह के नज़दीक मृत पाए गए थे, जहां आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया था.

कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला दोषपूर्ण और क़ानून की ग़लत व्याख्या है: फली नरीमन

भारत के प्रमुख संवैधानिक विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरीमन ने एक साक्षात्कार में अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट के 11 दिसंबर को सुनाए गए फैसले की आलोचना की है. 

अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कैसे समझा जाए?

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने के फैसले की बारीकियां समझने के लिए ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि अनुच्छेद 370 था क्या और इसे हटाया कैसे गया.

अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों ने दुख व्यक्त किया

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरक़रार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए केंद्रशासित प्रदेश के राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि फैसले वाले दिन उन्हें नज़रबंद कर दिया गया था. नेताओं ने कहा कि यह फैसला अप्रत्याशित नहीं था.

जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की चुप्पी पर विपक्ष ने चिंता जताई

विपक्ष का कहना है कि वह इस बात से निराश है कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर राज्य को विखंडित करने और उसका दर्जा घटाकर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के सवाल पर फैसला नहीं किया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर बरक़रार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि वह इससे ‘सम्मानपूर्वक असहमति जताती’ है.

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