Kiren Rijiju

देश भर के वकीलों का क़ानून मंत्री को पत्र, कहा- सरकार की आलोचना ‘भारत-विरोध’ नहीं

बीते 18 मार्च को केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘तीन या चार’ रिटायर जज ‘भारत-विरोधी’ गिरोह का हिस्सा हैं, जो चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए. इस बयान के विरोध में देश के 300 से अधिक वकीलों ने उन्हें पत्र लिखकर टिप्पणी वापस लेने की मांग की है.

उपराष्ट्रपति और क़ानून मंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संविधान में ‘विश्वास की कमी’ दिखाकर, इसकी संस्था यानी सुप्रीम कोर्ट पर हमला कर संवैधानिक पदों पर रहने से ‘ख़ुद को अयोग्य’ कर लिया है.

कुछ रिटायर जज ‘भारत विरोधी गैंग’ का हिस्सा हैं: क़ानून मंत्री रिजिजू

केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं, वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए.

कॉलेजियम प्रणाली संपूर्ण नहीं है, लेकिन उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है: सीजेआई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली पर अभी उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है. इस प्रणाली का उद्देश्य आज़ादी को बनाए रखना था, जो कि एक प्रमुख मूल्य है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने भी शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इसे ‘आदर्श प्रणाली’ बताया.

समलैंगिक विवाह पर रिजिजू बोले- लोगों की निजी ज़िंदगी में दख़ल नहीं, लेकिन शादी नीतिगत मसला

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे में केंद्र ने समलैंगिक विवाह का विरोध किया है. वहीं, एलजीबीटीक्यू+ कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार एलजीबीटीक्यू+ नागरिकों के लिए समानता का अधिकार बनाए रखने की संवैधानिक प्रतिबद्धता को नज़रअंदाज़ करते हुए भेदभावपूर्ण विवाह क़ानून बनाए रखने पर अड़ी हुई है.

जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली लगभग परफेक्ट है: पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित

भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि हमारे पास कॉलेजियम प्रणाली से बेहतर व्यवस्था नहीं है. न्यायपालिका सक्षम उम्मीदवारों की योग्यता पर फैसला करने के लिहाज़ से बेहतर स्थिति में होती है, क्योंकि वहां उनके काम को सालों तक देखा जाता है.

पूर्वोत्तर भारत में असम में पॉक्सो के सबसे अधिक 3,811 मामले लंबित

केंंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बताया है कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) क़ानून के तहत लंबित मामलों की संख्या असम में पिछले तीन वर्षों के दौरान तीन गुना बढ़ी है. वहीं, एक अन्य पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में पूरे देश में सबसे कम 36 मामले लंबित पाए गए.

सुप्रीम कोर्ट में 69,000 से अधिक व उच्च न्यायालयों में क़रीब 60 लाख मामले लंबित

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बताया कि एक फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश भर के उच्च न्यायालयों में 59,87,477 मामले लंबित हैं. इनमें से 10.30 लाख मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित हैं. सिक्किम हाईकोर्ट में सबसे कम 171 मामले हैं.

मोदी के पीएम बनने के बाद जादू हुआ कि अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख़्स बन गए: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अडानी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि इस सरकार के दौरान नियम बदलकर हवाई अड्डों के ठेके अडानी समूह को दिए गए तथा प्रधानमंत्री के विदेश दौरों के बाद दूसरे देशों में भी इस उद्योगपति को कई व्यावसायिक ठेके मिले.

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के अगले ही दिन केंद्र ने पांच जजों की नियुक्ति को मंज़ूरी दी

उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और न्यायपालिका के बीच चल रही खींचतान के बीच बीते शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कॉलेजियम की सिफ़ारिशों पर केंद्र द्वारा देरी किए जाने पर इसे गंंभीर मुद्दा बताते हुए चेतावनी दी थी कि मामले में किसी भी देरी का परिणाम प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्रवाई के तौर पर निकलेगा.

2018 से अब तक उच्च न्यायालयों में नियुक्त 554 जजों में से 430 सामान्य श्रेणी के हैं: क़ानून मंत्री

केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा को बताया कि कुल नियुक्तियों में सामान्य श्रेणी के न्यायाधीशों की संख्या 77 प्रतिशत से अधिक है. उन्होंने बताया कि इनमें से 58 न्यायाधीश ओबीसी और 19 अनुसूचित जाति से हैं. अनुसूचित जनजाति से केवल छह और अल्पसंख्यक समुदाय से 27 न्यायाधीश हैं. नियुक्तियों में 84 महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं.

ज़िला और निचली अदालतों में 20 साल से अधिक समय से क़रीब 6.72 लाख मामले लंबित: किरेन रिजिजू

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में बताया कि देशभर की विभिन्न अदालतों में चार लाख से अधिक ऐसे मामले है, जो 25 वर्षों से भी अधिक समय से लंबित हैं. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार उच्च न्यायालय और ज़िला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 25 वर्षों से अधिक समय से लंबित वादों की संख्या क्रमशः 1,24,810 और 2,76,208 है.

समान नागरिक संहिता लागू करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया: सरकार

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह भी बताया कि 22वां विधि आयोग समान नागरिक संहिता से संबंधित मामले पर विचार कर सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार ने भारत के 21वें विधि आयोग से अनुरोध किया था, लेकिन इसकी अवधि 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गई.

कॉलेजियम की सिफ़ारिशों पर केंद्र का फैसला न लेना लोकतंत्र के लिए घातक: पूर्व जज

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन ने क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू की कॉलेजियम पर सार्वजनिक टिप्पणियों को निंदनीय बताते हुए कहा कि अदालत के फैसले स्वीकार करना उनका कर्तव्य है. उन्होंने जोड़ा कि अगर यह गढ़ (न्यायपालिका) भी गिर जाता है तो हम अंधकार युग के गर्त में चले जाएंगे.

न्यायपालिका में विविधता होनी चाहिए, हेट्रोसेक्सुअल जजों के भी पूर्वाग्रह होते हैं: सौरभ कृपाल

वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफ़ारिश की गई है, की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि उनकी नियुक्ति पर सरकार की एक आपत्ति यह थी कि ‘समलैंगिक अधिकारों के प्रति उनके झुकाव’ के चलते पूर्वाग्रहों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.