अनुसूचित जाति और जनजाति पर गठित संसदीय समिति को सौंपे गए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का डेटा बतात है कि 2018 में दिल्ली एम्स में 16 सीनियर फैकल्टी पद ख़ाली रहे क्योंकि चयन समिति ने एससी/एसटी और ओबीसी के 'उम्मीदवारों को उपयुक्त नहीं' पाया. 2022 में ऐसे 12 पद और खाली रहे थे.
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित केंद्रीय भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं पर लागू होता है. सभी केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, साथ ही उनके भर्ती कार्यालय भी नए क़ानून के पारित होने पर उसके दायरे में आएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में गैंगस्टर एक्ट मामले में बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफ़ज़ल अंसारी की सज़ा को सशर्त निलंबित कर दिया था. लोकसभा सचिवालय ने एक सांसद के रूप में कुछ शर्तों के साथ अंसारी का दर्जा बहाल कर दिया है. वह सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं, लेकिन वोट नहीं डाल सकते या भत्ते प्राप्त नहीं कर सकते.
लोकसभा और राज्यसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 19 से 21 नवंबर के बीच- जब कुल 146 निलंबित सांसदों में से 54 को निलंबित किया गया था- दंडित सदस्यों द्वारा पूछे गए क्रमश: 132-132 प्रश्न दोनों सदनों से हटाए गए हैं.
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, 17वीं लोकसभा के दौरान 172 विधेयकों को चर्चा हुई के बाद पारित किया गया, जिनमें से लोकसभा में 86 और राज्यसभा में 103 विधेयकों पर दो घंटे से भी कम समय की चर्चा हुई. 172 विधेयकों में लोकसभा में केवल 16 और राज्यसभा में 11 विधेयकों पर 30 से अधिक सदस्यों ने चर्चा की.
आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत की सज़ा दो साल क़ैद और जुर्माना या दोनों है. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक इस सज़ा को बढ़ाकर पांच साल कर देता है, हालांकि अन्य अपराधियों की तुलना में डॉक्टरों को अधिकतम दो साल की क़ैद का प्रावधान किया गया है.
वीडियो: संसद के शीतकालीन सत्र से कुल 146 विपक्षी सांसद निलंबित हुए, जो संसद सुरक्षा चूक पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे थे. बिना विपक्षी सांसदों के मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए. इसे लेकर राजद सांसद मनोज झा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
संसद सुरक्षा मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग करने के कारण 14 दिसंबर से अब तक निलंबित हुए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है. निचले सदन में विपक्षी दलों के केवल 47 सांसद बचे हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लोकसभा में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में 1,89,90,809 छात्र कक्षा 10वीं की परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 1,60,34,671 को उत्तीर्ण घोषित किया गया और 29,56,138 छात्र असफल रहे. पिछले चार वर्षों में 10वीं पास करने में असफल छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है.
एक संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर के कई अन्य एम्स में स्थिति बदतर है. दिल्ली स्थित एम्स में 19 प्रतिशत से कम फैकल्टी ओबीसी से हैं, जबकि अनिवार्य ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ओबीसी प्रतिनिधित्व की कमी शीर्ष प्रबंधन पदों और ग़ैर-फैकल्टी पदों पर भी है.
संसद सुरक्षा मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग करने के कारण सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. इस तरह बीते 14 दिसंबर से अब तक दोनों सदनों से निलंबित किए गए कुल विपक्षी सांसदों की संख्या 92 हो गई है.
संसद की सुरक्षा में सामने आई चूक के मामले में गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग करने पर विपक्ष के 13 सांसदों को बीते 14 दिसंबर को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था. विपक्षी सांसद इस मामले पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष सहमत नहीं हुए थे.
वीडियो: उन नौजवानों की ज़िंदगी और परिवारवालों की बात, जिन्होंने बीते 13 दिसंबर को संसद में घुसकर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध जताया. द वायर के अजय कुमार बता रहे हैं कि इस पूरे मामले को केवल संसद की सुरक्षा में चूक तक सीमित करके नहीं देखना चाहिए, बल्कि नौजवानों कहानी बताती है कि यह मामला भारत की भीषण बदहाली से जुड़ा हुआ है.
बसपा सांसद अफ़ज़ल अंसारी को 1 मई 2023 को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वह उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. नवंबर 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और जनवरी 1997 में एक विहिप नेता के अपहरण और हत्या के मामले में अंसारी बंधुओं के ख़िलाफ़ गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया गया था.
संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मद्देनज़र विपक्षी सांसदों ने कहा है कि उनके अनुरोध के बावजूद 17वीं लोकसभा के दौरान संसद परिसर में सुरक्षा पर संयुक्त संसदीय समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया था. साथ ही, उन्होंने कहा है कि संसद की सुरक्षा में निजी सुरक्षा गार्डों की बढ़ती उपस्थिति के ख़िलाफ़ भी वह शिकायत करते रहे हैं.