महाराष्ट्र सरकार ने मार्च की शुरुआत में 21 सहकारी चीनी मिलों के लिए गारंटर बनने पर सहमति व्यक्त की और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से ऋण के लिए उनके नामों की सिफारिश की. इनमें से 15 मिलों का प्रबंधन सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं या उन लोगों द्वारा किया जाता है जिन्होंने हाल ही में भाजपा के साथ समझौता किया है.
बीते 5 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और पांच अन्य को ‘आतंकवाद’ के आरोपों से बरी कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने अदालत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा, जो 90 फीसदी से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हैं और ह्वीलचेयर पर रहते हैं, पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे. साल 2014 में गिरफ़्तार किए गए साईबाबा के अब रिहा होने की संभावना है.
श्री मुंबई जैन संघ संगठन और भारतीय जनता पार्टी के आध्यात्मिक सेल के सदस्यों ने कथित तौर पर मिड-डे मील में अंडे परोसे जाने का विरोध किया था. जैन संघ के ट्रस्टियों द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक ज्ञापन दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने बीते 24 जनवरी को इस संबंध में एक नया प्रस्ताव जारी किया है.
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बीते 1 सितंबर को मराठा समुदाय के लिए ओबीसी दर्जे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कर दिया गया था. इसमें शामिल तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को महाराष्ट्र सरकार ने निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्य आंदोलनकारी से अपनी भूख हड़ताल ख़त्म करने की अपील की है.
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र में महामारी के दौरान कोविड जंबो फील्ड सेंटर स्थापित करने में घोटाले का आरोप लगाया था. इस संबंध में अगस्त 2022 में केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि शिवसेना नेताओं से जुड़े ठेकेदारों को अत्यधिक दरों पर ठेके दिए गए, जबकि उनके पास स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्व अनुभव नहीं था.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी के बारसु-सोलगांव में रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के निर्माण का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने महाराष्ट्र सरकार और स्थानीय प्रशासन पर दमन का आरोप लगाया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्राचील शैल चित्रों की वजह से यह क्षेत्र यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है. उनके अनुसार, परियोजना के विरोध में अब तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था. 2004 के बाद से सरकारी कर्मचारी (सशस्त्र बलों को छोड़कर) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किए गए हैं. इसके तहत भुगतान बाज़ार से जुड़ा हुआ है और रिटर्न आधारित है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और विपक्ष के नेता अजीत पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक कम से कम 1,203 किसानों ने अपनी जान ली है. शिंदे-फडणवीस सरकार कृषि के मामले में सबसे असंवेदनशील सरकारों में से एक है.
रविवार को मुंबई में होने वाले हिंदू जन आक्रोश मोर्चा के कार्यक्रम पर उसके पिछले आयोजन में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हेट स्पीच का हवाला देते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि कार्यक्रम में कोई नफ़रती भाषण न दिया जाए. कोर्ट ने पुलिस को कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कर एक रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है.
पुणे के हडपसर स्थित उन्नति नगर मस्जिद के बाहर 2 जून 2014 को एक 24 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ मोहसिन शेख़ की उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह नमाज़ पढ़कर लौट रहे थे. सभी 21 आरोपी हिंदू राष्ट्र सेना नामक एक कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठन का हिस्सा थे.
लड़कियां अपनी मर्ज़ी से जीना चाहती हैं. अपनी मर्ज़ी से रिश्ते बनाना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें भागना न पड़े अपने लोगों से, ऐसा समाज बनाने की ज़रूरत है. जब तक वह न बने, तब तक इन औरतों को अगर बचाया जाना है तो उनके परिवारों से, बाबू बजरंगी जैसे गुंडों से और बजरंग दल जैसे हिंसक संगठनों से. लेकिन अब इस सूची में जोड़ना पड़ेगा कि उन्हें राज्य से भी बचाने की ज़रूरत है.
साल 2012 में दिल्ली में पैरामेडिकल की छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद बनाए गए 'निर्भया फंड' के लिए 2021-22 तक कुल आवंटन 6,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा, जिसमें से 30 प्रतिशत धनराशि का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
महाराष्ट्र सरकार के मराठी भाषा विभाग ने छह दिसंबर को कोबाड गांधी की ‘फ्रैक्चर्ड फ्रीडम: अ प्रिज़न मेमॉयर’ के अनुवाद के लिए अनघा लेले को स्वर्गीय यशवंतराव चव्हाण साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की थी. इस फैसले को सरकार द्वारा पलटने के ख़िलाफ़ पुरस्कार चयन समिति के चार सदस्यों ने इस्तीफ़ा दे दिया है और कुछ मराठी लेखकों ने अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है.