जोशीमठ: हिमालय ने दरककर ‘विकास’ का भंडाफोड़ कर दिया है

‘विकास’ का यह कौन-सा मॉडल है, जो जोशीमठ ही नहीं, पूरे हिमालय क्षेत्र में दरार पैदा कर रहा है और इंसान के लिए ख़तरा बन रहा है? सरकारी ‘विकास’ की इस चौड़ी होती दरार को अगर अब भी नज़रअंदाज़ किया गया, तो पूरी मानवता ही इसकी भेंट चढ़ सकती है.

पत्रकारों को ख़बरों के स्रोत का ख़ुलासा न करने के लिए कोई वैधानिक छूट प्राप्त नहीं है: कोर्ट

मामला वर्ष 2009 का है. सीबीआई द्वारा समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट पेश करने से पहले ही संबंधित दस्तावेज़ मीडिया में लीक हो गए थे. सीबीआई ने मीडिया घरानों ने उन दस्तावेज़ों को उपलब्ध कराने वाले स्रोत का खुलासा करने को कहा था, जिससे इनकार कर दिया गया था.

बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी ने हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने वाले निर्माण रोकने का आग्रह किया

उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसने पर चिंता व्यक्त करते हुए बद्रीनाथ मंदिर के प्रमुख पुजारी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने कहा कि न केवल एनटीपीसी परियोजना, बल्कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली सभी परियोजनाओं को रोका जाना चाहिए. हिमालय क्षेत्र एक संवेदनशील क्षेत्र है. इस पवित्र भूमि की रक्षा की जानी चाहिए.

जोशीमठ: सरकार ने संस्थानों के मीडिया से बातचीत पर रोक लगाई; इसरो ने धंसाव संबंधी रिपोर्ट वापस ली

उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दर्जन भर सरकारी संस्थानों और वैज्ञानिक संगठनों को पत्र लिखकर कहा है कि वे जोशीमठ में भू-धंसाव के संबंध में मीडिया से बातचीत या सोशल मीडिया पर डेटा साझा न करें. इसके बाद ज़मीन धंसने के संबंध में भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी एक रिपोर्ट को वेबसाइट से हटा दिया गया है.

कर्नाटक पुलिस पर आरोप, ख़बर का स्रोत उजागर करने के लिए न्यूज़ पोर्टल को कर रही प्रताड़ित

कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल ‘द फाइल’ के संस्थापक संपादक जी. महंतेश को बेंगलुरु पुलिस ने नोटिस जारी कर पोर्टल पर प्रकाशित एक ख़बर के लिए हासिल किए गए दस्तावेज़ों के स्रोत का नाम और विवरण बताने को कहा है. इस क़दम की अन्य न्यूज़ पोर्टल ने यह कहते हुए निंदा की है कि अपने स्रोत का ख़ुलासा करना पत्रकारिता की नैतिकता के ख़िलाफ़ है.

आज हिंदी मध्यवर्ग का असली राजनीतिक प्रतिपक्ष हिंदी साहित्य ही है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: आम तौर पर मध्यवर्ग में प्रवेश ज्ञान के आधार पर होता आया है पर यही वर्ग इस समय ज्ञान के अवमूल्यन में हिस्सेदार है. एक ओर तो वह अपनी मातृभाषा से लगातार विश्वासघात कर रहा है, दूसरी ओर हिंदी को हिंदुत्व की, यानी भेदभाव और नफ़रत फैलाने वाली विचारधारा की राजभाषा बनाने पर तुला है.

द वायर की क़ैदियों के अधिकारों और पेगासस संबंधी रिपोर्ट को रेड इंक पुरस्कार मिला

मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित रेड इंक अवॉर्ड्स, 2022 की विमेन एम्पावरमेंट एंड जेंडर इक्वॉलिटी और राजनीति श्रेणी (प्रिंट) में क्रमशः द वायर की सुकन्या शांता की जेलों में बंद ट्रांसजेंडर बंदियों की दशा पर की गई रिपोर्ट और सिद्धार्थ वरदराजन की पेगासस संबंधी रिपोर्ट को पुरस्कृत किया गया है.

यूपी: गोहत्या के मामले में अदालत ने पत्रकार को 3 महीने के लिए ज़िलाबदर किया

मेरठ ज़िले के पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी के ख़िलाफ़ 2020 में दर्ज एक कथित गोकशी के मामले में स्थानीय अदालत ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र में पत्रकार की उपस्थिति क़ानून-व्यवस्था बिगाड़ सकती है.

दिल्ली दंगा केस: उमर ख़ालिद को सात दिन की अंतरिम ज़मानत मिली

दिल्ली दंगों संबंधी मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उमर ख़ालिद ने अपनी बहन की शादी के मद्देनज़र दो सप्ताह की अंतरिम ज़मानत मांगी थी. अदालत ने उन्हें 23 से 30 दिसंबर की अवधि के लिए ज़मानत देते हुए कहा कि वे इसके विस्तार की मांग न करें.

कश्मीरी पत्रकार ख़ालिद गुल को 2017 के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया

कश्मीर के अख़बार ग्रेटर कश्मीर से लंबे समय तक जुड़े रहे ख़ालिद गुल उन कई पत्रकारों में से एक हैं जिनके  घर पुलिस ने अन्य पत्रकारों को ऑनलाइन धमकी मिलने के संबंध में पिछले महीने छापे मारे थे.

प्रिंट और डिजिटल मीडिया एसोसिएशन को सेल्फ-रेगुलेटरी संगठन के रूप में सरकार की मंज़ूरी

एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बताया है कि प्रिंट और डिजिटल मीडिया एसोसिएशन (पद्म) को एक स्व-नियामक निकाय के रूप में पंजीकृत किया गया है, जो डिजिटल मीडिया मचों पर समसायिक मामलों से संबंधित सामग्री से जुड़ी शिकायतों को देखेगा.

चिड़िया को उसका घोंसला नज़र नहीं आ रहा है, पर उसके सामने खुला आसमान ज़रूर है: रवीश कुमार

अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने के बाद एनडीटीवी इंडिया के समूह संपादक रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि जनता को चवन्नी समझने वाले जगत सेठ हर देश में हैं. अगर वो दावा करें कि वे  सही सूचनाएं देना चाहते हैं, तो अर्थ है कि वो अपनी जेब में डॉलर रखकर आपकी जेब में चवन्नी डालना चाहते हैं.

दिल्ली पुलिस ने उमर ख़ालिद की अंतरिम ज़मानत याचिका का विरोध किया

दिल्ली दंगों संबंधी मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उमर ख़ालिद ने अपनी बहन की शादी के मद्देनज़र दो सप्ताह की अंतरिम ज़मानत के लिए दिल्ली की एक अदालत में अर्ज़ी दायर की है. पुलिस ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि उनकी रिहाई से ‘समाज में अशांति’ पैदा हो सकती है.

महाराष्ट्र सरकार ने अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली

पालघर लिंचिंग और लॉकडाउन के बीच बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी श्रमिकों की भीड़ जमा होने को लेकर कथित भड़काऊ टिप्पणियों के लिए समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ दो एफआईआर दर्ज हुई थीं, जिनमें जांच पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था.

कश्मीर: आतंकियों की कथित ऑनलाइन धमकी के बाद पुलिस ने कई पत्रकारों के घर छापे मारे

बीते दिनों लश्कर-ए-तैयबा के कथित ब्लॉग पर प्रकाशित एक धमकी भरे पत्र में घाटी के 21 मीडिया संस्थान मालिकों, संपादकों व पत्रकारों का नाम था. बताया गया कि छापेमारी के दौरान स्थानीय पत्रकार सज्जाद अहमद क्रालियारी को हिरासत में लिया गया और उनका लैपटॉप, कैमरा और मोबाइल फोन ज़ब्त कर लिया गया.

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