अलगाववादी नेता मसरत आलम भट की अध्यक्षता वाली मुस्लिम लीग पर बैन लगाते हुए गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया कि इसके सदस्य पाकिस्तान सहित विभिन्न स्रोतों के ज़रिये धन जुटाने और इसके प्रॉक्सी संगठन आतंकवादी गतिविधियों के समर्थन, जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पथराव में शामिल रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि 2019 और 2023 के बीच पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स के 46,930 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का विकल्प चुना. इनमें सबसे अधिक संख्या (21,860) बीएसएफ कर्मियों की थी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में हेट स्पीच के 993 मामले सामने आए थे, जो 2022 में बढ़कर 1,444 हो गए. 2022 में सबसे अधिक 217 मामले उत्तर प्रदेश, उसके बाद राजस्थान में 191 और महाराष्ट्र में 178 में दर्ज किए गए.
एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में देश में अपहरण के 1,07,588 मामले दर्ज किए गए जबकि साल 2021 में यह आंकड़ा 1,01,707 और 2020 में 84,805 था. इस मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा.
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) का गठन 1964 में हुआ था. यह भारतीय क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह से काम कर रहा है. यह उन आठ मेईतेई चरमपंथी संगठनों में से एक है, जिन्हें गृह मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी क़ानून, ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ग़ैर-क़ानूनी संगठन घोषित किया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में पिछले चार वर्षों में हथियारों, गोला-बारूद, आईईडी और डेटोनेटर की सबसे ज़्यादा बरामदगी हुई है. साल 2018 में 275, 2019 में 185, 2020 में 453, 2021 में 364, 2022 में 485 और इस साल 67 हथियार बरामद किए गए हैं.
अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को ईडी ने साल 2017 को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ़्तार किया था. वह टेरर-फंडिंग मामले में भी आरोपी हैं और दिल्ली की एक जेल में बंद हैं. गृह मंत्रालय ने उनके नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी पर कथित भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत प्रतिबंध लगा दिया है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग की नवीनतम सालाना रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त कुल 1,15,203 शिकायतों में से 46,643 (41%) गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ थीं. इसके बाद रेलवे को इसके कर्मचारियों की 10,580 और बैंकों को 8,129 शिकायतें मिलीं.
गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में मनोरोग से जूझ रहे रोगियों की कुल संख्या 2020 के 3,584 से बढ़कर साल 2022 में 4,940 हो गई. आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 तक 658 जवानों ने आत्महत्या की.
केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद में बताया कि गृह मंत्रालय के तहत विभिन्न संगठनों में 1,14,245 पद ख़ाली हैं और इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ और दिल्ली पुलिस भी शामिल हैं. रिक्त पदों में से 3,075 ग्रुप 'ए', 15,861 ग्रुप 'बी' में और 95,309 ग्रुप 'सी' में हैं.
बीते 28 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने मणिपुर और मिज़ोरम की सरकारों से अवैध प्रवासियों के बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक विवरण जुटाने के लिए कहा था, जिसकी समयसीमा 30 सितंबर निर्धारित की गई थी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते दिनों एक साक्षात्कार में राज्य में जारी हिंसा के लिए म्यांमार के अवैध प्रवासियों को ज़िम्मेदार ठहराया था.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक परामर्श जारी करते हुए इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि हाल के वर्षों में भारत की जेलों में बड़ी संख्या में हुई मौतें आत्महत्या के चलते हुईं. बताया गया है कि जेलों में होने वाली अप्राकृतिक मौतों में से 80 प्रतिशत की वजह आत्महत्या थी.
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे. यह मामला 1 नवंबर 1984 को राष्ट्रीय राजधानी के आज़ाद मार्केट स्थित गुरुद्वारा पुल बंगश में भीड़ द्वारा आग लगाने और तीन लोगों की मौत से संबंधित है. टाइटलर पर भीड़ को उकसाने का आरोप है.
पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता सौरव दास ने बीते 7 अप्रैल को एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि उनके इस ट्वीट पर केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर रोक लगा दी गई है. इस स्क्रीनशॉट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान है. उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगाने के संबंध में ट्विटर ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी है.
अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए संशोधित नियम कहा गया है कि भर्ती होने से पहले अग्निवीरों को एक लिखित परीक्षा पास करनी होगी.