साहस के बिना जनतंत्र का बने रहना असंभव है

साधारण लोग सहज रूप से साहसी होते हैं. मज़दूर अपने हक़ के लिए उठ खड़े होते हैं, किसान मोर्चे निकालते हैं, आदिवासी निहत्थे हथियारबंद राज्य के सामने खड़े हो जाते हैं, लेकिन जो भाषा का सजग अभ्यास करने का दावा करते हैं, उनका गला रुंध जाता है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की पच्चीसवीं क़िस्त.

कर्नाटक: सीएम ने पीएम मोदी से प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने को कहा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि प्रज्वल रेवन्ना ने जघन्य कृत्यों की ख़बर सामने आने के तुरंत बाद अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग कर 'आपराधिक कार्यवाही से बचने' के लिए 'अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग' किया है.

संघ और भाजपा: कितने दूर, कितने पास?

क्या स्वयंसेवक उस सामाजिक स्वीकार्यता की अनदेखी कर पाएंगे जो मोदी सरकार के कारण उन्हें मिली है? क्या नाराज़ स्वयंसेवक अपने प्रचारक प्रधानमंत्री से दूरी बना पाएंगे? या वे आख़िरकार सामंजस्य कर लेंगे, यह सोचकर कि 2025 के अपने शताब्दी वर्ष में सत्ता से बाहर रहने का जोखिम उठाना बुद्धिमानी नहीं?

‘मेन मुद्दा बेरोजगारी बा, महंगाई आसमान छुअत बा, पांच सौ रुपया मजदूरी भी कम पड़त बा’

ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.

बिहार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट न देने की अपील करने पर शिक्षक को जेल

मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर अपनी कक्षा में बच्चों से कहा था कि किसी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देना चाहिए. शिक्षक पर चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.

अग्निपथ योजना: बिहार में चयन हो जाने के बाद भी नौकरी छोड़ रहे हैं अग्निवीर

अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के ख़िलाफ़ याचिका पर सुनवाई से दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने ख़ुद को अलग किया

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' से भारत की प्रतिष्ठा को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए मुआवज़ा मांगने वाली गुजरात के एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने ख़ुद को मामले से अलग करने का कोई कारण नहीं बताया है.

यूपी: मगहर के बुनकरों और गांधी आश्रम के पूर्व कर्मचारियों की आवाज़ चुनाव में कहां है?

गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह-नगर है. इस ज़िले से महज़ 31 किलोमीटर दूर मगहर में स्थित गांधी आश्रम और कताई मिल जर्जर हालत में हैं. गांधी आश्रम पर श्रमिकों-कर्मचारियों के वेतन, पीएफ, ग्रैच्युटी के साथ लगभग 22 करोड़ रुपये की देनदारी है.

त्रिपुरा: सीएए के कार्यान्वयन को तैयार सरकार, डीएम को अधिकारियों को नामित करने को कहा

त्रिपुरा सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति और ज़िला स्तरीय समिति के गठन के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लोकसभा चुनावों की घोषणा के कुछ दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने सीएए के नियमों को अधिसूचित किया था.

यूपी: वाराणसी से पीएम मोदी के ख़िलाफ़ उतरे श्याम रंगीला का नामांकन ख़ारिज

चुनाव आयोग ने 15 मई को तकनीकी आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से कॉमेडियन श्याम रंगीला का नामांकन ख़ारिज कर दिया. रंगीला ने कहा है कि 'लोकतंत्र में केवल (चुनाव) आयोग द्वारा चुने गए लोगों को ही चुनाव लड़ने का अधिकार है.’

उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के लिए क्यों भिन्न है 2024 चुनाव

कहा जाता है कि कांग्रेस में प्रत्याशी चुनाव लड़ता है, भाजपा में संगठन यह जिम्मेदारी संभालता है. इस बार भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं में उत्साह कम दिखाई दे रहा है.

बात भारत की: मोदी का मुस्लिम कोटे का ‘डर’ दिखाना, भाजपा की मददगार बसपा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों में कांग्रेस के मुस्लिमों को 'अलग कोटा' देने के भ्रामक दावों, बसपा के भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले चुनवी फैसलों और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों पर द वायर की संपादक सीमा चिश्ती और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सारिम नावेद के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

राजनीतिक विश्लेषकों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, कहा- लोकतंत्र ख़तरे में है

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी चुनाव आयोग की विभिन्न गतिविधियों पर सवाल उठे हैं, जैसे कि चुनाव का लंबा कार्यक्रम और अनंतनाग में स्थगित चुनाव. इसके अलावा, आयोग ने प्रत्येक चरण में मतदान के बाद मतों की संख्या बताने और मीडिया से रूबरू होने की प्रथा भी छोड़ दी है.

डेमॉगॉग, जो शुरुआत लफ़्फ़ाज़ के तौर पर करता है और तानाशाह में बदल जाता है

डेमॉगॉग लोगों के भीतर छिपी अश्लीलताओं को उत्तेजित करता है, समाज में विभाजन पैदा करता है और जो अंतर लोगों में है, उनका इस्तेमाल कर उनके बीच खाई खोदता है, वह एक के हित को दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा करता है, ख़ुद को अपने लोगों के रक्षक के तौर पर पेश करता है.

मोदी सरकार के कोविड कुप्रबंधन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी

कोविड महामारी के प्रभाव भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर साफ़ दिखते हैं. जहां एक तरफ बेरोज़गारी बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ शहरों में विभिन्न कामों में लगे श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़ने को मजबूर हुए हैं.

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