पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को दो महीने में राशन कार्ड प्रदान करें सरकार: सुप्रीम कोर्ट

साल 2020 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं पर एक स्वत: संज्ञान याचिका पर आदेश देते हुए अदालत ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईश्रम पोर्टल में पंजीकृत लेकिन एनएफएसए से बाहर रखे गए लगभग 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है.

झारखंड: खाद्य सुरक्षा अधिकार मंच ने कहा- मध्याह्न भोजन योजना में केंद्रीकृत किचन व्यवस्था फेल

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम ज़िले में खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच की ओर से मध्याह्न भोजन के लिए लागू केंद्रीकृत किचन व्यवस्था पर एक सर्वे किया गया है. सर्वे में कहा गया है कि स्कूल में पहले रसोइये द्वारा तैयार भोजन केंद्रीकृत किचन से मिल रहे भोजन से बेहतर था. वर्तमान व्यवस्था के तहत मिल रहे भोजन की गुणवत्ता और स्वाद अच्छा नहीं होता.

खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत कवर नहीं किए गए 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को राशन कार्ड देने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी राज्य का यह कर्तव्य है कि वह प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को राशन कार्ड मुहैया कराए. अदालत ने अधिकारियों को अपने आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख 3 अक्टूबर तक केंद्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी है.

गुजरात में ‘अतिरिक्त’ राशन कार्ड रद्द करने से सबसे अधिक आदिवासी प्रभावित होंगे: रिपोर्ट

गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. इसके तहत 11 ज़िलों में 83,556 परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए जाने हैं. यह क़दम 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित कर देगा.

नीति आयोग ने सरकार पर पीडीएस के निजीकरण, फ्री राशन का दायरा व सब्सिडी कम करने का दबाव बनाया

विशेष रिपोर्ट: दस्तावेज़ों से पता चलता है कि नीति आयोग खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के दायरे के विस्तार का प्रबल विरोधी है. इसने बार-बार ग़रीबों को सब्सिडी वाला राशन देने वाली सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली के आकार को घटाने और उसमें बड़े बदलाव लाने की कोशिश की है.

केंद्र सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न योजना का नाम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना रखा

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बयान में कहा कि केंद्र सरकार की एकीकृत खाद्य सुरक्षा योजना को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) नाम दिया गया है, जिसके तहत एक जनवरी से 80 करोड़ से अधिक ग़रीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है.

प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना वापस लेना ग़रीबों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ाएगा: अधिकार समूह

बीते 23 दिसंबर को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि वह 1 जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना को बंद कर देगी. ‘राइट टू फूड कैंपेन’ नामक संगठन ने कहा है कि जब तक देश पूरी तरह से महामारी से बाहर नहीं आ जाता है, तब तक सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति कम से कम 10 किलो राशन की गारंटी दी जानी चाहिए. 

अर्थशास्त्रियों की अपील- बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मातृत्व लाभ को महत्व दें वित्त मंत्री

अर्थशास्त्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने दिसंबर 2017 और 2018 में इसी तरह के प्रस्तावों के साथ उनके पूर्ववर्ती अरुण जेटली को दो समान पत्र भेजे थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था.

खाद्य सुरक्षा पाने वाले 70 लाख लाभार्थी संदिग्ध, राज्यों से सत्यापन के लिए कहा: सरकार

केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया है कि 2013 से 2021 के बीच राज्यों द्वारा 4.74 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए गए हैं, जिनमें से 4.28 करोड़ को 2014 से 2021 के बीच रद्द किया गया है. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1.73 करोड़ कार्ड रद्द किए गए हैं.

भाजपा नेता वरुण गांधी, विपक्ष ने राशन कार्ड संबंधी निर्देशों को लेकर यूपी सरकार पर साधा निशाना

विपक्ष ने योगी सरकार के उस कथित दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें अपात्र कार्डधारकों को अपना कार्ड लौटाने अन्यथा खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेता ने दिशानिर्देशों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि अगर तथाकथित अपात्र लोग ख़ुद राशन कार्ड नहीं देते हैं तो इनसे कोरोना जैसी महामारी के दौरान दिए गए राशन की वसूली और कुर्की तक की जाएगी.

सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं उत्पादन का अनुमान घटाकर 10.5 करोड़ टन किया

केंद्र सरकार ने जून में समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं उत्पादन के अनुमान को 5.7 प्रतिशत घटाकर 10.5 करोड़ टन कर दिया है. पहले गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 13.2 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया था. अनुमान में गिरावट का कारण गर्मी की जल्द शुरुआत होने की वजह से फसल उत्पादकता प्रभावित होना है.

सुप्रीम कोर्ट ने भुखमरी पर पुराना आंकड़ा पेश करने पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट उस जनहित योजना पर सुनवाई कर रही है, जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भुखमरी और कुपोषण से निपटने के लिए सामुदायिक रसोइयों के लिए योजना बनाने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है. अदालत ने केंद्र के इस प्रतिवेदन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी कि किसी भी राज्य ने भूख से मौत की जानकारी नहीं दी है.

भूख से मर रहे लोगों को भोजन उपलब्ध कराना सरकार की ज़िम्मेदारी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट भूख और कुपोषण से निपटने के लिए सामुदायिक रसोई योजना तैयार करने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. केंद्र द्वारा दायर हलफ़नामे पर अप्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि यह भारत सरकार को अंतिम चेतावनी है. 

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पहचान के लिए आधार कार्ड एकमात्र आधार नहींः बॉम्बे हाईकोर्ट

ठाणे के आदिवासी इलाकों के लोगों ने अदालत के समक्ष शिकायत की थी कि प्रशासन ने उन्हें खाद्यान्न देने से इनकार कर दिया है क्योंकि उनके आधार कार्ड आरसीएमएस पोर्टल से जुड़े हुए नहीं हैं. कोर्ट ने एनएफएसए के तहत राशन कार्ड की वैधता बताते हुए कहा कि आधार को अनिवार्य रूप से लागू करना आठ फरवरी 2017 को जारी केंद्र की अधिसूचना का स्पष्ट उल्लंघन है.

प्रवासी कामगारों के लिए सामुदायिक रसोई, खाद्यान्न और परिवहन की व्यवस्था करें सरकारें: अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाद्यान्न देते हुए प्रशासन उन प्रवासी कामगारों को पहचान पत्र दिखाने पर ज़ोर न दे, जिनके पास फ़िलहाल दस्तावेज़ नहीं हैं. पीठ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को यह निर्देश भी दिया कि वे कोविड-19 के कारण फंसे प्रवासी कामगारों में से जो घर जाना चाहते हैं, उनके लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था करें.

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