राजस्थान हाईकोर्ट ने एक पॉक्सो केस में आरोपी स्कूल शिक्षक और नाबालिग पीड़िता के पिता के बीच हुए समझौते के बाद मामले को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को पलटते हुए कहा कि ऐसे मामले समझौते से बंद नहीं हो सकते, क्योंकि इन अपराधों का समाज पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों का फैसला करने वाले सत्र न्यायालयों को निर्देश दिया है कि वे पीड़ितों को मुआवज़ा देने का आदेश अनिवार्य रूप से दें, ख़ासकर ऐसे मामलों में जहां पीड़ित नाबालिग और महिलाएं हों.
कृष्णागिरी ज़िले के बरगुर में फ़र्ज़ी एनसीसी कैंप में कम से कम 13 छात्राओं के कथित यौन शोषण और एक से बलात्कार का मामला सामने आया था. पुलिस का कहना है कि यौन उत्पीड़न के मुख्य संदिग्ध ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली और एक दिन पहले उसके पिता एक सड़क दुर्घटना में गुज़र गए.
तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक फ़र्ज़ी एनसीसी कैंप आयोजित कर इसमें शामिल हुई कम से कम 13 छात्राओं का कथित तौर पर यौन शोषण किया गया और एक से बलात्कार हुआ. स्कूल को जब इस बारे में सूचित किया गया तो उसने पुलिस के पास न जाकर मामले को दबाने का प्रयास किया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह बात एक ऐसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कही जिसमें नाबालिग के साथ बलात्कार करने के आरोपी ने दावा किया था कि उसका पीड़िता के साथ समझौता हो गया है, इसलिए उसके ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए.
मामला बुलंदशहर ज़िले का है. पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक, स्कूल प्रिंसिपल ने छात्राओं को गलत तरीके से छुआ. शिकायतकर्ता का कहना है कि 9 से 12 साल की उम्र की सभी छात्राओं ने इसके कारण स्कूल जाना बंद कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी पुरुष स्कूल शिक्षक द्वारा कक्षा में नाबालिग छात्रा को फूल देना और उसे दूसरों के सामने इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर करना पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न है और इसके लिए सख़्त दिशानिर्देश दिए गए हैं.
नाबालिग से बलात्कार के मामले में सोनभद्र ज़िले से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को 15 दिसंबर को 25 साल की सज़ा सुनाई गई थी, लेकिन अब तक उत्तर प्रदेश विधानसभा ने उन्हें अयोग्य घोषित नहीं किया है. इसके विपरीत पिछले साल विपक्षी सपा विधायकों के आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि के बाद उन्हें अयोग्य घोषित करने में काफी तत्परता दिखाई गई थी.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले की एक स्थानीय अदालत ने दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को 2014 के एक नाबालिग से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया है. विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. सज़ा का ऐलान 15 दिसंबर को होगा.
हरियाणा के जींद स्थित एक सरकारी स्कूल का मामला. बीते 13 सितंबर को हरियाणा महिला आयोग ने इस मामले में कार्रवाई के लिए जींद पुलिस से कहा था. हालांकि आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की. इस बीच आरोपी प्रिंसिपल को बीते 4 नवंबर को गिरफ़्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने कहा कि जींद ज़िले के एक सरकारी स्कूल की 50 से अधिक नाबालिग छात्राओं ने वहां के प्रिंसिपल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. आयोग ने कहा कि उन्होंने छात्राओं की शिकायतें 14 सितंबर को पुलिस को भेजी थीं लेकिन कार्रवाई 30 अक्टूबर को हुई.
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पुलिस ने बताया कि असम के दीमा हसाओ ज़िले से आदिवासी कुकी समुदाय की नाबालिग लड़की को मेजर और उनकी पत्नी दो साल पहले ट्रांसफर होने के बाद हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में अपने साथ ले गए थे. लड़की को पूरे एक साल तक अमानवीय यातना से गुज़रना पड़ा. उसके पूरे शरीर पर तमाम तरह की चोटों के निशान हैं. उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
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उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले का मामला. 17 वर्षीय लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 28 अगस्त को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के ज़िलाध्यक्ष मासूम रज़ा राही ने उसके साथ बलात्कार किया और जब पिता ने विरोध किया, तो आरोपी ने उनकी पिटाई की, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.