शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा जून 2022 में संविधान की 10वीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी क़ानून) के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिका दायर करने के लगभग दो साल बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का शिंदे गुट को ‘असली शिवसेना’ बताने का निर्णय बीते 10 जनवरी को आया था.
पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने एक समारोह में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि अराजनीतिक और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों पर टिके रहना और इस तथ्य को पहचानना ज़रूरी है कि इन मोर्चों पर कोई भी समझौता या इनके पालन में कमी सेना के लिए हानिकारक होगी.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से ख़ुश तबका भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक बताते हुए इस पर सवाल उठा रहा है.
असम कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में यह बताए जाने की मांग की है कि पिछले विधानसभा चुनाव के फॉर्म-20 या अंतिम परिणाम पत्र में ऐसे बदलाव क्यों किए गए हैं, जिनमें मतदान केंद्रों के नाम और उन राजनीतिक दलों के नाम नहीं बताए गए हैं, जिनके उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा ऐसी जानकारी को हटाने पर सवाल उठाए हैं.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने कहा है कि राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक सरकार-प्रायोजित राजनीतिक कार्यक्रम है, जो लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा और आरएसएस द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इन्हीं कारणों से कांग्रेस और माकपा ने भी इस समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव पर निर्देश पारित करना पड़ा. उन्होंने राजस्थान के साथ 40 साल के लिए बिजली ख़रीद समझौते का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह हमारे संसाधनों की लूट है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, पर भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है.
विपक्ष के इंडिया गठबंधन की ओर से ईवीएम और वीवीपैट को लेकर चुनाव आयोग को एक और पत्र लिखकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि यह सभी पार्टियों के लिए ‘गंभीर चिंता’ का विषय है. विपक्ष आयोग से ईवीएम पर अपने संदेहों पर चर्चा और वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की ‘100% गिनती’ करने की मांग लगातार कर रहा है.
बांग्लादेश के संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग ने जीत हासिल कर ली है. विपक्ष ने इस चुनावों का बहिष्कार किया था. अवामी लीग ने 300 सीटों वाली संसद में 222 सीटों पर जीत हासिल की है. अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की ओर से उन्हें अब तक बधाई नहीं दी गई है.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग ने रविवार को हुए आम चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. प्रधानमंत्री के तौर पर यह उनका लगातार चौथा कार्यकाल होगा. मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने शेख़ हसीना की सरकार पर अपने समर्थकों और विपक्षी राजनेताओं को निशाना बनाते हुए बड़ी संख्या में उनकी गिरफ़्तारी करने का आरोप लगाया है.
वीडियो: चुनाव आयोग, संसद से निलंबित हुए विपक्ष के सदस्यों, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा उनकी 'जाति' का अपमान किए जाने के दावे समेत देश की राजनीति के विभिन्न मुद्दों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से बात कर रहे हैं पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का यह बयान तब आया है, जब एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीएए के नियमों को लोकसभा चुनावों की घोषणा से ‘बहुत पहले’ अधिसूचित कर दिया जाएगा. दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए पारित होने और राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में इसके ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग कहते हैं कि वे ‘लोकतंत्र’ के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही वे इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए सुरक्षा उपायों को भी कमज़ोर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश को सद्भाव की ओर ले जाने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और इसके परिणाम बढ़ते ध्रुवीकरण के रूप में देखे जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इसके जाति सर्वेक्षण डेटा का विवरण सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा ऐसा इसलिए किया गया ताकि असंतुष्ट लोग निष्कर्षों को चुनौती दे सकें.
जो समाजवादी पार्टी 1993 के दौर से भी पहले से धर्म और राजनीति के घालमेल के पूरी तरह ख़िलाफ़ रही और धर्म की राजनीति के मुखर विरोध का कोई भी मौका छोड़ना गवारा नहीं करती रही है, अब उसके लिए धर्म अनालोच्य हो गया है.