निर्वाचन आयोग ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के चुनाव अभियान पर दो दिनों की रोक लगाई

चुनाव आयोग ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव को 1 मई रात 8 बजे से 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से रोक दिया है.

हम प्रधानमंत्री नहीं, इस पद के उम्मीदवार भी नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री होने का अधिकार हमारा है

जिस वक़्त हमारा चुनावी लोकतंत्र पूरे देश, ख़ासकर हिंदी प्रदेश में कठिन रास्ते से गुज़र रहा है, प्रस्तुत है यह नया स्तंभ जो हिंदी कविता में लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपस्थिति की याद दिलाता है.

देश के मुस्लिमों को निशाना बनाने वाला भाजपा का वीडियो इंस्टाग्राम से हटा

30 अप्रैल को भाजपा के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर जारी क़रीब डेढ़ मिनट के वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे कि अगर कांग्रेस सरकार में आई है, तो वह हिंदुओं की संपत्ति मुसलमानों में बांट देगी- को ही दोहराया गया था. फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो को पार्टी ने ही हटाया या इंस्टाग्राम ने.

फासीवाद का खतरा और सीपीआई की राजनीतिक अपरिपक्वता

सीपीआई को यह भ्रम है कि इसके पास एक वैज्ञानिक विचारधारा है जो हर सामाजिक परिघटना की व्याख्या कर सकती है, लेकिन उसके सहारे चुनाव नहीं लड़ा जा सकता.

संवैधानिक आचरण समूह का होना निष्पक्ष ढंग से असहमत और प्रतिरोधी होने का प्रमाण है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पूर्व सिविल सेवकों के 'संवैधानिक आचरण समूह' ने सांप्रदायिक घृणा, हिंसा, चुनाव और मतदान, मौलिक अधिकारों समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर पत्र लिखे हैं. किताब के रूप में उन पत्रों का संचयन इस डराऊ-धमकाऊ समय में निर्भय, जागरूक साहस और असहमति का दस्तावेज़ है.

भाजपा के साथ गठबंधन इस बात पर निर्भर है कि वो हमसे कैसा बर्ताव करेंगे: एचडी कुमारस्वामी

मई 2023 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जनता दल (सेकुलर) भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव में उतर रही है और कर्नाटक में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि उनके सामने तीनों सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है. कर्नाटक के 14 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है.

पुलिस नोटिस को झेलते बिहार के ग्रामीण मतदान से डर रहे हैं

ये नोटिस अमूमन पासवान, महतो और तेली जैसी अति-पिछड़ी जाति और अनुसूचित जातियों के सदस्यों के पास आए हैं. इस आरोप से डरकर ये लोग मतदान के दिन अपना गांव छोड़कर जाने का सोच रहे हैं- इस तरह यह नोटिस इन्हें मतदान के अधिकार से वंचित कर सकता है.

पहला आम चुनाव: इतिहास का सबसे बड़ा जुआ

इस ऐतिहासिक चुनाव का श्रेय कई इंसानों और संस्थाओं को दिया जा सकता है, लेकिन किसी भी मूल्यांकन की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू और सुकुमार सेन के साथ उन दो संस्थाओं से होनी चाहिए जिनके उत्कृष्ट मूल्यों को दोनों इंसान रूपायित करते थे - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय सिविल सेवा.

लोकतंत्र को सीधी राह पर लाने का क्या उपाय है?

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: लोकतंत्र अपने आप सीधी राह पर वापस नहीं आता या आ सकता. हम ऐसे मुक़ाम पर हैं जहां नागरिक के लोकतांत्रिक विवेक की परीक्षा है. उन्हें ही निर्णय करना है कि वे लोकतंत्र पर सीधी राह पर वापस लाने की कोशिश करना चाहते हैं या नहीं.

उत्तराखंड: चुनाव प्रचार में अग्निवीर, बेरोज़गारी व अंकिता भंडारी के हत्यारों पर क्यों मौन रही भाजपा

23 बरस पहले उत्तराखंड जिस मकसद के लिए बनाया गया, उसे लेकर आज लगता है कि लोगों की आकांक्षाओं को अनदेखा किया गया और बुनियादी मुद्दों से भटकाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर धकेल दिया गया.

‘बाबासाहेब: माई लाइफ विद डॉ. आंबेडकर’ गंभीर छवि वाले जननेता के सबसे सौम्य रूप को दिखाती है

पुस्तक समीक्षा: डॉ. बीआर आंबेडकर की पत्नी डॉ. सविता आंबेडकर की मूल रूप से मराठी में लिखी गई आत्मकथा का अंग्रेज़ी अनुवाद 'बाबासाहेब माई लाइफ विद डॉ. आंबेडकर' के नाम से आया है. यह किताब बाबासाहेब को विशिष्ट विद्वेता या युगांतरकारी छवि से उतारकर एक सामान्य, गृहस्थ के तौर पर सामने रखती है.

साहित्य में विस्मृति का वितान फैल रहा है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदी में पिछले लगभग पचास वर्षों से साहित्य को राजनीतिक-सामाजिक संदर्भों में पढ़ने-समझने की प्रथा लगभग रूढ़ हो गई है. ये संदर्भ साहित्य को समझने में सहायक होते हैं पर साहित्य को उन्हीं तक महदूद करना साहित्य की समग्रता से दूर जाना है.

लोकसभा चुनाव की तैयारी में है आदिवासी समुदाय की राजनीतिक एकता के लिए गठित नया दल

भारत आदिवासी पार्टी ने स्थापना के मात्र ढाई महीने बाद हुए राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में 35 निर्वाचन क्षेत्रों (27 राजस्थान और 8 मध्य प्रदेश) में चुनाव लड़कर 4 सीटों पर जीत हासिल की.

भारत एक असभ्य-अभद्र-बर्बर युग में प्रवेश कर चुका है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंसा को सार्वजनिक अभिव्यक्ति का लगभग क़ानूनी माध्यम स्वीकार किया जाने लगा है. समाज उसे और उसके फैलाव को लेकर, उसके साथ जुड़े झूठों और घृणा को लेकर विचलित नहीं है. पढ़े-लिखे लोग उसे अवसर मिलते ही, उचित ठहराने लगे हैं.

कच्चाथीवू मामला पचास साल पहले सुलझ गया है, चर्चा की ज़रूरत नहीं: श्रीलंका

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान बार-बार कच्चाथीवू द्वीप का मुद्दा उठा रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि उनका सोचना है कि इस पर चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह हल किया जा चुका मुद्दा है और द्वीप पर कोई विवाद नहीं है.

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