बलात्कार मामलों में महिला गर्भपात की हक़दार, मां बनने के लिए हां या न कहने का अधिकार: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन शोषण के चलते गर्भवती हुई 14 साल की लड़की द्वारा 25 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने का अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न पीड़िता पर मातृत्व की ज़िम्मेदारी थोपना उसके सम्मानित जीवन जीने के मानवाधिकार के उल्लंघन के समान है.

आरबीआई अग्रिम ‘सिक लीव’ से गर्भावस्था की जटिलताएं बाहर रखने की नीति पर पुनर्विचार करे: कोर्ट

भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यरत एक महिला कर्मचारी को गर्भावस्था से उत्पन्न जटिलताओं के कारण ‘बेड रेस्ट’ की सलाह दी गई थी. उन्होंने आरबीआई से अग्रिम ‘सिक लीव’ देने का अनुरोध किया, जिसे नियमों का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया गया था.

कोर्ट ने 33 हफ्ते की गर्भवती को गर्भपात की इजाज़त दी, कहा- जन्म देना महिला की पसंद पर निर्भर हो

एक 26 वर्षीय महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट से भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यताएं होने के कारण गर्भपात की अनुमति मांगी थी. अदालत ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में अंतिम फैसला जन्म देने संबंधी महिला की पसंद और अजन्मे बच्चे के गरिमापूर्ण जीवन की संभावना को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. 

महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर उम्र की पाबंदी के ख़िलाफ़ याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता मीरा कौर पटेल की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धारा 4 (3) (i) में 35 वर्ष की आयु का प्रतिबंध महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर पाबंदी है.

विवाद के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने गर्भवती महिलाओं की भर्ती संबंधी सर्कुलर वापस लिया

भारतीय स्टेट बैंक ने गर्भवती महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित नियमों सहित बैंक में भर्ती संबंधी फिटनेस मानदंड की हाल में समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद जारी नए नियमों के तहत तीन माह से अधिक अवधि की गर्भवती महिला उम्मीदवारों को अस्थायी रूप से अयोग्य माने जाने की बात कही गई थी और कहा गया था कि गर्भवती महिलाएं प्रसव के चार महीने के भीतर ही नौकरी शुरू कर सकती हैं.

बच्चे को जन्म देने का चुनाव व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक आयाम है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक गर्भवती महिला को भ्रूण में अधिक विकृति रहने के चलते मेडिकल गर्भपात कराने की अनुमति दी है. याचिकाकर्ता ने गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर कर दावा किया था कि भ्रूण दिल की असामान्यताओं से पीड़ित है और उसके जीवित रहने की संभावना सीमित है.

लिंग चयन निषेध अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में दोषसिद्धि में देरी पर संसदीय समिति ने चिंता जताई

एक संसदीय समिति ने कहा है कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन निषेध अधिनियम (पीसीएंडपीएनडीटी) के तहत पिछले 25 वर्षों से दर्ज 3,158 न्यायिक मामलों में से केवल 617 मामलों में दोषसिद्धि हुई. समिति ने सिफ़ारिश की कि मामलों की सुनवाई में तेज़ी लाई जाए और निर्णय लेने में छह महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए.

उत्तर प्रदेशः दलित बलात्कार पीड़िता की गर्भपात के दौरान मौत, डॉक्टर सहित चार गिरफ़्तार

दलित युवती से छह माह पूर्व कथित रूप से बलात्कार हुआ था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी. युवती के पिता ने बलात्कार के आरोपी युवक, उसके परिवार और एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले से यह गिरफ़्तारी हुई है.

केरल: गर्भपात की अपील लेकर हाईकोर्ट पहुंच रहीं नाबालिग रेप पीड़िताओं की संख्या बढ़ी

सितंबर में केरल हाईकोर्ट में कम से कम तीन ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो में मेडिकल बोर्ड ने गर्भावस्था समाप्त करने की सिफ़ारिश की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी. तीसरे मामले में नाबालिग बलात्कार पीड़िता के आठ सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति मांगी गई है.

केरल: हाईकोर्ट ने बलात्कार पीड़िता को 26 सप्ताह का गर्भ समाप्त करने की अनुमति दी

हाईकोर्ट ने यह आदेश नाबालिग बलात्कार पीड़िता और उनके माता-पिता की उस याचिका पर दिया है, जिसमें उन्होंने गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने के लिए अस्पताल को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा कि एक गर्भवती की गर्भावस्था जारी रखने या समाप्त करने का चयन करने की स्वतंत्रता छीनी नहीं जा सकती.

केरल: गर्भवती महिला की मौत पर अस्पताल का दावा, कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों से गई जान

केरल के कोट्टायम ज़िले का मामला. महिला ने गर्भावस्था की पुष्टि के बाद छह अगस्त को कोविशील्ड की पहली डोज़ ली थी. 11 अगस्त को उन्हें तेज सिर दर्द हुआ, जिसके चार दिन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराय गया, जहां 20 अगस्त को उनकी मौत हो गई. कोट्टायम के ज़िला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि अस्पताल ने महिला की मौत को किन परिस्थितियों में वैक्सीन से जोड़ा है. हमें ऑटोप्सी रिपोर्ट का

अपने गर्भ के बारे में फ़ैसला लेने की महिला की आज़ादी छीनी नहीं जा सकती: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट का कहना है कि अगर होने वाले बच्चे में विकृति का ख़तरा है, जिससे वह अपंग हो सकता है तो ऐसी स्थिति में मां के गर्भपात कराने के अधिकार को अदालत मान्यता देता है.

बलात्कार पीड़िता मेडिकल बोर्ड की सहमति के बिना करा सकती हैं गर्भपात: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून, 1971 की धारा तीन के प्रावधानों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है. पीड़िता को बेवजह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

जान बचाने के लिए कोर्ट की अनुमति बिना 20 हफ्ते से अधिक का गर्भ गिरा सकते हैं डॉक्टर

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी महिला के जीवन को ख़तरा हो तो कोई पंजीकृत डॉक्टर अदालत की अनुमति के बिना भी 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात करा सकते हैं.