विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने 2019 से राष्ट्रपति के दौरे के लिए क़रीब 6.25 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री के दौरे के लिए 22.76 करोड़ रुपये और विदेश मंत्री के दौरे के लिए 20.87 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च की है. राष्ट्रपति ने आठ विदेश यात्राएं, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 86 विदेश यात्राएं की हैं.
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने द्रौपदी मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. 64 वर्षीय मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली राष्ट्रपति इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
महाभारत की द्रौपदी एक निष्ठावान पत्नी और बेटी थीं, लेकिन जब अन्याय का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने सभी से असुविधाजनक सवाल पूछने की हिम्मत दिखाई. उम्मीद करनी चाहिए कि आरएसएस की एक निष्ठावान बेटी होने के बावजूद द्रौपदी मुर्मू वक़्त आने पर न्याय के लिए खड़ी होंगी.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी बिना किसी दबाव के दौपदी मुर्मू को समर्थन दे रही है. उन्होंने जोड़ा कि वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए उन्हें मुर्मू का समर्थन नहीं करना चाहिए था, लेकिन वे संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं.
भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की गई. निर्वाचित होने पर वे आदिवासी समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी.
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर 59 वर्षीय शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को पांच वर्षों के लिए जेएनयू के कुलपति नियुक्त किया गया है. पंडित जेएनयू की छात्रा रही हैं, जहां से उन्होंने एमफिल के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की उपाधि हासिल की है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे गए पत्र में शिक्षाविदों, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं आदि ने इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा लगाए जाने के फैसले के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसा नहीं है कि उनकी प्रतिमा दिल्ली में पहले से मौजूद नहीं है, लेकिन फिर भी मीडिया के एक वर्ग ने ग़लत तरीके से यह दर्शाने की कोशिश की कि ऐसा पहली बार होगा कि नेताजी को राजधानी में इस तरह
इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि साल 1975 में वह जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा थे, जिन्होंने ऐसा आदेश पारित किया, जिसमें इंदिरा गांधी को अयोग्य क़रार दिया गया. इस निर्णय ने देश को हिलाकर रख दिया था.
सूचना आयोग में अब भी तीन सूचना आयुक्तों के पद ख़ाली हैं. सूचना का अधिकार क़ानून के तहत मुख्य सूचना आयुक्त के साथ इस संस्था में कुल 10 सूचना आयुक्त होने चाहिए.
अगर प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत को खारिज किया जाता है तो इसका कोई कारण नहीं बताया जाएगा. वहीं केंद्रीय मंत्री या संसद के सदस्यों के खिलाफ मामला है तो इस संबंध में लोकपाल के कम से कम तीन सदस्यों की पीठ फैसला लेगी.
लोकपाल का अभी तक कोई स्थायी कार्यालय नहीं है. फिलहाल ये नई दिल्ली के अशोका होटल से काम कर रहा है. लोकपाल को अब तक कुल 1,160 शिकायतें मिली हैं लेकिन किसी भी मामले में जांच शुरू नहीं हुई है.
लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति में सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या अधिक थी और चयन में पूरी तरीके से गोपनीयता बरती गई. ऐसा करना लोकपाल कानून के प्रावधानों का पूरी तरह से उल्लंघन है. चयन प्रक्रिया से समझौता करके मोदी सरकार ने कामकाज शुरू करने से पहले ही लोकपाल संस्था को कमजोर कर दिया है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पीसी घोष को देश के पहले लोकपाल के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी. इसके अलावा लोकपाल में आठ सदस्यों की नियुक्ति भी की गई.
जम्मू कश्मीर के कई बड़े अख़बारों ने सरकार द्वारा ग्रेटर कश्मीर और कश्मीर रीडर अख़बारों को बिना कोई स्पष्ट कारण बताए विज्ञापन न देने के फ़ैसले के विरोध में रविवार को अपने पहले पन्ने को ख़ाली छोड़ दिया.
14 अक्टूबर को पटना विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल होने वाले हैं, लेकिन पटना से चार बार सांसद रहे सिन्हा को नहीं बुलाया गया.