मुंबई पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता ग़ुलाम क़ाज़ी को गिरफ़्तार करते हुए कहा है कि उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेता किरीट सोमैया समेत अन्य के ख़िलाफ़ 'अपमानजनक' टिप्पणी की है.
भारत में सांसद और विधायक बनने के लिए किसी भी तरह की डिग्री की ज़रूरत नहीं है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि सांसद और विधायक अपने चुनावी हलफ़नामे में अगर फ़र्ज़ी डिग्री पेश करें तो यह कोई ग़लती नहीं है. नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला इस तरह के संशय को बढ़ाता ही है.
अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी दें. विश्वविद्यालय ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट ने सीआईसी का आदेश रद्द करते हुए केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है.
एक तिब्बती नागरिक ने केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन से कुछ जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें इस आधार पर सूचना देने से इनकार कर दिया गया कि वे एक तिब्बती नागरिक हैं और आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत जानकारी पाने के हक़दार नहीं हैं.
डिजी यात्रा योजना नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा एक ‘बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम’ शुरू करने की एक पहल है, जो हवाई अड्डों पर यात्रियों के सत्यापन के लिए फेशियल रिकग्निशन सिस्टम का उपयोग करती है. डेटा सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में इस तकनीक के उपयोग को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी से संबंधित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें. जुलाई 2016 में हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
आरटीआई के ज़रिये पूर्व भाजपा सांसद दीनू सोलंकी से जुड़ी अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ता अमित जेठवा को जुलाई 2010 में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर गोली मारी गई थी. सीबीआई अदालत ने सात आरोपियों, जिनमें दीनू और उनके भतीजे शिव भी शामिल थे, को दोषी ठहराया था.
एक याचिकाकर्ता ने दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, जिससे गुजरात पुलिस ने इनकार कर दिया. तब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत उन नियमों को प्रकाशित करने के लिए कहा, जो पुलिस को प्रदर्शन या रैलियां करने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का अधिकार देते हैं. हालांकि उनके आवेदन को गुजरात पुलिस द्वारा ख़ारिज कर दिया गया था.
सूचना के अधिकार के तहत एक अपील पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिया था कि वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दान में छूट/कटौती प्राप्त करने के लिए दाख़िल किए गए आवेदन की प्रति याचिकाकर्ता को साझा करे. आदेश के ख़िलाफ़ सीबीडीटी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया था.
ग़ैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने आरोप लगाया कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए जीएम सरसों का परीक्षण देश की नियामक व्यवस्था में निर्धारित सीमित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है. सरकार ने परीक्षण के दौरान नियमों के उल्लंघन के दावे का खंडन किया है.
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि आरोपी सरपंच ने पूछताछ में स्वीकार किया कि 12 नवंबर की रात आरटीआई कार्यकर्ता से विवाद हो गया था और सिर पर डंडे से वार से उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद आरोपियों ने शव जंगल में ले जाकर जला दिया और उनकी मोटरसाइकिल के टुकड़े कर ज़मीन में गाड़ दिया गया था.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त से आधार और मतदाता पहचान पत्र को लिंक करने का एक स्वैच्छिक अभियान शुरू किया था, जिसमें 12 दिसंबर तक 54.32 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं से उनका आधार नंबर जुटाया गया, लेकिन अब सूचना के अधिकार से पता चला है कि आयोग ने अब तक किसी भी मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नहीं किया है.
आरटीआई कार्यकर्ता और ‘महा प्रचंड’ समाचार पत्र के संपादक लिंगाराजू पर 20 नवंबर, 2012 को उनके घर के पास तीन हथियारबंद लोगों ने हमला किया था. सत्र अदालत ने 28 अक्टूबर, 2020 को आरोपियों को दोषी पाया था और उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.
चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 के तहत बॉन्ड डिजिटल और भौतिक, दो रूपों में बेचे जाते है. एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि मार्च 2018 से अब तक 22 में से 8 दौर में बेचे गए अधिकांश बॉन्ड भौतिक लेने-देन वाले थे. कई विधानसभा चुनावों से पहले भौतिक बॉन्ड का आंकड़ा डिजिटल से कहीं अधिक रहा.
भारतीय वायुसेना में एयरमैन ‘एक्स’ और ‘वाई’ समूह की भर्ती के लिए जुलाई 2021 में परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन परिणाम अब तक घोषित नहीं किया गया है. इस संबंध में एक उम्मीदवार को सूचना के अधिकार से जानकारी मिली है कि उक्त परीक्षा के लिए 6,34,249 आवेदन प्राप्त हुए थे और परिणाम जारी करने की प्रक्रिया संविदा आधारित ‘अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना’ के मद्देनज़र रोक दी गई है.