भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान सहारनपुर में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों के परिवारों को घर गिराए जाने संबंधी नोटिस मिल रहे हैं. परिजनों का कहना है कि नोटिसों का 10 जून यानी हिंसा भड़कने के दिन ही जारी होना इन पर सवाल खड़े करता है.
पूर्व नौकरशाहों के कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अब समस्या केवल स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन की ‘ज़्यादतियों’ की नहीं है बल्कि तथ्य यह है कि क़ानून के शासन, उचित प्रक्रिया और ‘दोषी साबित न होने तक निर्दोष माने जाने’ के विचार को बदला जा रहा है.
शनिवार 11 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पुलिस हिरासत में कुछ युवकों को बेरहमी से पीटे जाते हुए देखा जा सकता था. दावा किया गया कि वीडियो सहारनपुर जिले के कोतवाली थाने का है. हालांकि, पुलिस लगातार इन दावों को ख़ारिज करती रही लेकिन अब वीडियो में दिख रहे लोगों के परिजन सामने आए हैं और कह रहे हैं कि वीडियो सहारनपुर का ही है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर में दो संपत्तियों को और कानपुर में एक इमारत को अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया है. इलाहाबाद में भी छात्र कार्यकर्ता आफ़रीन फ़ातिमा के घर को तोड़ने की कार्रवाई हुई है. ये संपत्तियां पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले आरोपियों और उनसे जुड़े लोगों की थीं.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के समय मज़दूरों से 5,400 जब्त ऐसी साइकिलों की नीलामी कर दी गई है, जिसे मज़दूर दोबारा लेने नहीं आ पाए. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से पलायन कर रहे मज़दूरों को प्रशासन सहारनपुर में क्वारंटीन करता था और फिर उनकी साइकिल जब्त कर उन्हें बस या ट्रेन से उनके घर भेज दिया जाता था.
सहारनपुर ज़िले के देवबंद थाना क्षेत्र का मामला है. एक युवक ने युवती से कथित तौर पर छेड़छाड़ की जिसके बाद अलग-अलग समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और लाठियों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों के एक-एक व्यक्ति घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का मामला. पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि कुछ लोगों ने 18 मार्च को होली के दिन शराब का गिलास गिरने पर उसके माथे पर जबरन एसिड से त्रिशूल बनाया और उसके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया. पुलिस ने इसे झूठा मामला बताया है.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले का मामला. पुलिस ने इस संबंध में एक और व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है, जबकि एक अन्य की तलाश की जा रही है. पुलिस ने बताया कि युवती के परिवार ने आरोपी के ख़िलाफ़ साल 2017 में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में आरोपी ज़मानत पर बाहर था.
मामला देवबंद के केंदुकी गांव का है, जहां जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना महमूद मदनी गुट द्वारा बनवाए जा रहे एक युवा केंद्र के निर्माण को ग्रामीणों के विरोध के बाद जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप कर रुकवा दिया. हिंदू संगठनों का दावा है कि केंद्र निर्माण के लिए मंज़ूरी नहीं ली गई है और न ही क़ानूनी औपचारिकताएं पूरी की गई हैं.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले एक शख्स ने अपनी कंप्यटूर की दुकान पर कथित तौर पर हजारों की संख्या में फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए थे. चुनाव आयोग का कहना है कि उनका डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है.
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कर चुके लोगों की एक कथित सूची लीक हुई थी, जिसमें अब्दुल समद नाम के शख़्स के साथ सहारनपुर के प्रवीण कुमार की तस्वीर लगी थी और अन्य जानकारियां भी उन्हीं की थीं. प्रवीण ने धर्मांतरण से इनकार किया है लेकिन पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद भी गांव में उनका सामाजिक तौर पर बहिष्कार कर दिया गया है.
घटना 18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले के बड़गांव थाना क्षेत्र के शिमलाना गांव में हुई थी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया कि नाई समेत सात आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत केस दर्ज किया गया है.
मामला सहारनपुर ज़िला अस्पताल का है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक महिला सोमवार सुबह इमरजेंसी वार्ड के बाहर पति के इलाज के लिए स्वास्थ्यकर्मियों से मदद मांगती रही लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इस शख़्स की मौत हो जाने के बाद भी उनका शव काफ़ी समय तक बारिश में वहीं पड़ा […]
इन लोगों को कथित रूप से कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में सहारनपुर में छह अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया था.
सहारनपुर के डिविज़नल कमिश्नर ने कहा कि लोग जिस रबर ट्यूब का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे पहले से ही ख़राब हालत में है और कभी भी फट सकते हैं. इससे नदी को पार करने का जोख़िम उठाने वालों की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है.