उत्तर प्रदेश के खुर्जा पुलिस स्टेशन में दिसंबर 2020 में 24 वर्षीय दलित युवक की हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने दावा किया था कि उन्होंने ख़ुद फांसी लगा ली थी. वहीं, पीड़ित परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था. हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबी-सीआईडी मेरठ ने की और आठ पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था.
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घटना सहारनपुर ज़िले की है. युवक-युवती बीएससी के छात्र थे. कहा जा रहा है कि युवती का परिवार उनके रिश्ते से खुश नहीं था. पुलिस ने बताया कि दोनों ही परिवारों की ओर से किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है. अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.
सहारनपुर में महिलाओं के अंडर-17 राज्य स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों को शौचालय के अंदर रखा खाना परोसे जाने संबंधी वीडियो सामने आए हैं, जिसके बाद ज़िला खेल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के बहराइच, कुशीनगर और सहारनपुर ज़िलों का मामला. बहराइच में हुई घटना में तिरंगा हटाकर हरा झंडा लगाने का आरोप दो मुस्लिम युवकों पर लगा है. इसी तरह कुशीनगर में ग़ैर-राष्ट्रीय ध्वज लगाने के आरोपी मुस्लिम युवक को गिरफ़्तार करने के अलावा उनकी बुआ और चचरे भाई के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया गया है. वहीं सहारनपुर में पांच छात्रों पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद नारा लगाने का आरोप लगा है.
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि हिंसा के हालिया मामलों के आरोपियों की संपत्तियों में और तोड़फोड़ न की जाए.
11 जून को सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पुलिस हिरासत में लिए कुछ युवकों को बेरहमी से पीटते हुए दिख रही थी. दावा किया गया था कि वीडियो सहारनपुर के कोतवाली थाने का है पर पुलिस ने इससे इनकार किया था. अब भी पुलिस का कहना है वह वीडियो की सत्यता की पुष्टि कर रही है, वहीं मजिस्ट्रेट अदालत ने वीडियो में दिख रहे आठ लोगों को सबूतों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है.
भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान सहारनपुर में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों के परिवारों को घर गिराए जाने संबंधी नोटिस मिल रहे हैं. परिजनों का कहना है कि नोटिसों का 10 जून यानी हिंसा भड़कने के दिन ही जारी होना इन पर सवाल खड़े करता है.
पूर्व नौकरशाहों के कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अब समस्या केवल स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन की 'ज़्यादतियों' की नहीं है बल्कि तथ्य यह है कि क़ानून के शासन, उचित प्रक्रिया और 'दोषी साबित न होने तक निर्दोष माने जाने' के विचार को बदला जा रहा है.
शनिवार 11 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पुलिस हिरासत में कुछ युवकों को बेरहमी से पीटे जाते हुए देखा जा सकता था. दावा किया गया कि वीडियो सहारनपुर जिले के कोतवाली थाने का है. हालांकि, पुलिस लगातार इन दावों को ख़ारिज करती रही लेकिन अब वीडियो में दिख रहे लोगों के परिजन सामने आए हैं और कह रहे हैं कि वीडियो सहारनपुर का ही है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर में दो संपत्तियों को और कानपुर में एक इमारत को अवैध निर्माण बताकर तोड़ दिया है. इलाहाबाद में भी छात्र कार्यकर्ता आफ़रीन फ़ातिमा के घर को तोड़ने की कार्रवाई हुई है. ये संपत्तियां पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी के ख़िलाफ़ हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले आरोपियों और उनसे जुड़े लोगों की थीं.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के समय मज़दूरों से 5,400 जब्त ऐसी साइकिलों की नीलामी कर दी गई है, जिसे मज़दूर दोबारा लेने नहीं आ पाए. पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से पलायन कर रहे मज़दूरों को प्रशासन सहारनपुर में क्वारंटीन करता था और फिर उनकी साइकिल जब्त कर उन्हें बस या ट्रेन से उनके घर भेज दिया जाता था.
सहारनपुर ज़िले के देवबंद थाना क्षेत्र का मामला है. एक युवक ने युवती से कथित तौर पर छेड़छाड़ की जिसके बाद अलग-अलग समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए और लाठियों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों के एक-एक व्यक्ति घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का मामला. पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि कुछ लोगों ने 18 मार्च को होली के दिन शराब का गिलास गिरने पर उसके माथे पर जबरन एसिड से त्रिशूल बनाया और उसके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया. पुलिस ने इसे झूठा मामला बताया है.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले का मामला. पुलिस ने इस संबंध में एक और व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है, जबकि एक अन्य की तलाश की जा रही है. पुलिस ने बताया कि युवती के परिवार ने आरोपी के ख़िलाफ़ साल 2017 में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में आरोपी ज़मानत पर बाहर था.