जम्मू-कश्मीर सरकार ने भाजपा द्वारा पेश आरक्षण नीति के पुनर्मूल्यांकन के लिए समिति गठित की

उमर अब्दुल्ला सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में बढ़ते गुस्से के मद्देनज़र भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की आरक्षण नीति में किए गए बदलावों पर फिर से विचार करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया है.

भाजपा के सवर्ण नेताओं पर मतदाता हुए कठोर, दलितों-आदिवासियों के बीच बढ़ी कांग्रेस की साख

हिंदी पट्टी में भाजपा ने 51 सीटें गंवा दी हैं, जिनमें से 22 सीटें सवर्ण सांसदों के पास और केवल सात सीटें ओबीसी सांसदों के पास थीं.

जब तक खुलेआम जातिवादी टिप्पणी न की गई हो, एससी/एसटी क़ानून का केस नहीं होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कथित अपराधों के लिए तब तक मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, जब तक कि अपमानित करने के इरादे से ‘सार्वजनिक तौर पर’ जातिवादी टिप्पणी न की गई हो.

सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना वेबसाइट दो महीने से अधिक समय से बंद: रिपोर्ट

देश की सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना की वेबसाइट के दो महीने से बंद होने को लेकर इसके संचालन के लिए ज़िम्मेदार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 'तकनीकी' कारणों का हवाला दिया है.

साल 2019-21 के बीच 35,000 से अधिक छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई: सरकारी डेटा

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 में छात्रों की आत्महत्या से मौत की 10,335 घटनाएं दर्ज की गईं, 2020 व 2021 में यह आंकड़ा क्रमशः 12,526 और 13,089 दर्ज किया गया. एससी और एसटी छात्रों द्वारा आत्महत्या की संख्या पर मंत्रालय ने कहा कि इसका डेटा उपलब्ध नहीं है.

मणिपुर: सरकार ने कोर्ट को नहीं बताया- मेईतेई को एसटी दर्जा देने की मांग 1982 व 2001 में ख़ारिज हुई थी

1982 में भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने मणिपुर के बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने से इनकार किया था और फिर 2001 में मणिपुर सरकार ने. हालांकि इस साल एसटी दर्जे की मांग की याचिका सुन रहे हाईकोर्ट को केंद्र और न ही मणिपुर सरकार ने यह जानकारी दी.

कर्नाटक: माहवारी से गुज़र रहीं तीन महिलाओं को बंद कमरे से मुक्त कराया गया

कर्नाटक के तुमकुरु ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि तीन महिलाओं को ग्रामीणों द्वारा गांव के बाहर बने एक कमरे में रखा गया था, क्योंकि वे माहवारी से गुज़र रही थीं. तीनों महिलाएं गोल्ला समुदाय से हैं. समुदाय का मानना है कि माहवारी वाली और गर्भवती महिलाएं अशुभ होती हैं, इसलिए उन्हें गांव से दूर रखा जाता है.

साल 2019 से 34,035 छात्रों ने उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ दी

शिक्षा मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 और 2023 के बीच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों में लगभग आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों से संबंधित थे.

मेघालय में सिर्फ़ मां का सरनेम अपनाने वालों को ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को लेकर विवाद

मेघालय में खासी हिल्स स्वायत्त ज़िला परिषद द्वारा पति या पिता के सरनेम को अपनाने वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने से इनकार करने के आदेश की निंदा की जा रही है. खासी संस्कृति में बच्चे अपनी मां का सरनेम अपनाते हैं.

कृषि मंत्रालय तीन साल में बजट में आवंटित 44,000 करोड़ रुपये इस्तेमाल नहीं कर सका: रिपोर्ट

लोकसभा में पेश कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय द्वारा वापस की गई धनराशि मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं के लिए ‘कम आवश्यकता’ के कारण है.

केंद्र में सचिव-संयुक्त सचिव के पदों पर एससी-एसटी का प्रतिनिधित्व क्रमश: 4 और 4.9 फीसदी: सरकार

राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में वर्तमान में संयुक्त सचिव और सचिव का पद रखने वाले 322 अधिकारी हैं, जिनमें अनुसूचित जाति के 16, अनुसूचित जनजाति के 13, अन्य पिछड़ा वर्ग के 39 और सामान्य श्रेणी के 254 कर्मचारी हैं.

राजस्थान: नल से पानी लेने पर हुए विवाद के बाद आदिवासी शख़्स की पीट-पीटकर हत्या

मामला जोधपुर के सूरसागर का है. पुलिस का कहना है कि पीड़ित और आरोपी दोनों पड़ोसी थे. मोहल्ले से होकर गुजरने वाली एक सार्वजनिक पाइपलाइन से पानी लेने को लेकर दोनों पक्षों के बीच टकराव हुआ और  मृतक के साथ मारपीट की गई. मामले के तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.

भारतीय मीडिया में शीर्ष नेतृत्व के लगभग 88 फ़ीसदी पदों पर उच्च जातियों का क़ब्ज़ा: रिपोर्ट

गै़र-सरकारी संगठन ‘ऑक्सफैम इंडिया’ और समाचार वेबसाइट ‘न्यूजलॉन्ड्री’ द्वारा अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच की अवधि में की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यधारा के किसी भी मीडिया घराने में अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोग नेतृत्व की भूमिका में नहीं थे.

आईआईएम में पीएचडी दाखिलों व फैकल्टी भर्ती में आरक्षण नियमों का उल्लंघन हो रहा है: आरटीआई

एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक़, नौ आईआईएम के पीएचडी दाखिले के आंकड़े बताते हैं कि बीते पांच सालों में एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के तहत आए छात्रों का अनुपात औसतन पांच फीसदी से कम रहा है. वहीं, सभी आईआईएम में ओबीसी और एससी फैकल्टी के लिए आरक्षित 60 फीसदी और एसटी फैकल्टी के 80 फीसदी से अधिक पद ख़ाली रहते हैं.