राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के चार आरोपियों को यह कहते हुए बरी किया है कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', ‘मंगनी’ शब्द जाति के नाम नहीं हैं.
एक हालिया सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में अनुसूचित जातियों के ख़िलाफ़ अत्याचार के सभी मामलों में से लगभग 97.7% मामले 13 राज्यों से दर्ज किए गए, जिनमें यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ऐसे सर्वाधिक अपराध दर्ज हुए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम तब लागू होगा जब पीड़ित को जानबूझकर इसलिए अपमानित किया गया हो क्योंकि वह एससी/एसटी समुदाय का सदस्य है.
मध्य प्रदेश के अशोक नगर ज़िले का मामला. किलोरा में कुछ लोगों ने 65 वर्षीय व्यक्ति और उनकी 60 वर्षीय पत्नी को एक खंभे से बांधकर पीटा और जूतों की माला पहना दी. दंपति का बेटा कुछ महीने पहले छेड़छाड़ के मामले में शामिल था. पुलिस का कहना है कि हमले के पीछे पीड़ित परिवार के सदस्यों के होने का संदेह है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कथित अपराधों के लिए तब तक मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, जब तक कि अपमानित करने के इरादे से ‘सार्वजनिक तौर पर’ जातिवादी टिप्पणी न की गई हो.
बीते 31 जनवरी को एंकर सुधीर चौधरी ने ‘आज तक’ पर प्रसारित होने वाले अपने प्राइम टाइम शो ‘ब्लैक एंड ह्वाइट’ में ये टिप्पणी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तारी को लेकर की थी. आदिवासी सेना नामक संगठन ने रांची में उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि अब तक कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की गई है.
मामला मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के खतौली थाना क्षेत्र के जसोला गांव का है, जहां एक 21 वर्षीय दलित व्यक्ति को गांव के ही कुछ लोगों ने घर में बंधक बनाकर कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला. पुलिस ने बताया है कि प्रथमदृष्टया मामला प्रेम संबंध से जुड़ा है.
पुलिस ने बताया कि 25 वर्षीय महिला का शव 29 दिसंबर को आगरा में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल राघवेंद्र सिंह के किराए के कमरे की छत से लटका हुआ मिला था.
तराजस्थान की हवामहल सीट से भाजपा के एक नवनिर्वाचित भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य उर्फ संजय शर्मा पर एक दलित व्यक्ति पर हमला करने और उन पर थूकने का आरोप है. पीड़ित सूरजमल रैगर का आरोप है कि विधायक ने उनकी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने का प्रयास करते हुए उनके साथ मारपीट की है.
गुजरात के मोरबी शहर का मामला. एफ़आईआर के मुताबिक, 21 वर्षीय नीलेश दलसानिया अक्टूबर में महिला व्यवसायी की कंपनी के निर्यात विभाग में किए गए अपने 16 दिन के काम का वेतन मांगने गए थे, जब उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया गया. आरोपियों के ख़िलाफ़ आईपीसी के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
घटना गुजरात के पाटन ज़िले में स्थित कानोसन गांव की है, जहां ठाकोर समुदाय का वर्चस्व है. इस गांव को सामाजिक सद्भाव के लिए ‘समरस ग्राम’ का दर्जा प्राप्त है, बावजूद इसके गांव के 436 राशन कार्ड धारक एक दलित व्यक्ति की उचित मूल्य की दुकान से राशन ख़रीदना नहीं चाहते हैं. कलेक्टर ने इन लोगों को पास के गांव से राशन ख़रीदने की अनमुति दे दी है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एलजीबीटी समुदाय से संबंधित एक दलित शख़्स की मौत पर एक निजी फर्म के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए यह फैसला सुनाया है. तीनों अधिकारियों पर मृतक के यौन रुझान के कारण दफ़्तर में प्रताड़ित करने का आरोप है.
आरोप है कि मध्य प्रदेश में सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य के बेटे विवेकानंद वैश्य ने बीते 3 अगस्त को मोरवा पुलिस स्टेशन थाना क्षेत्र में बहस के दौरान कथित तौर पर गोली चला दी थी, जिससे आदिवासी व्यक्ति सूर्य कुमार खैरवार घायल हो गए थे. घटना के बाद से वह फ़रार थे. पुलिस ने उनकी सूचना देने वाले को 10,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 2021 में अनुसूचित जाति (एससी) समूहों के लोगों के ख़िलाफ़ अपराध दर सबसे अधिक थी. 2021 में देश में अनुसूचित जाति के ख़िलाफ़ अपराध की 50,900 घटनाएं हुईं. मध्य प्रदेश में यह संख्या 7,214 थी.
केरल हाईकोर्ट ने एक मलयाली दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें पुलिस को उनका फोन सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के प्रावधानों के उल्लंघन में पत्रकार का मोबाइल फोन पुलिस अधिकारियों द्वारा ज़ब्त नहीं किया जा सकता.