महाराष्ट्र: सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौत

घटना महाराष्ट्र के विरार की है. एक 25-30 फीट गहरे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में 4 मज़दूर सफाई के लिए उतरे थे, लेकिन इस दौरान दम घुटने से उनकी मौत हो गई. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कर्मचारियों को मास्क समेत किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे.

1993 से अब तक सीवर में हुईं 1,248 मौतों में से 81 मामलों में मुआवज़ा अभी भी लंबित है

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अनुसार, 1993 के बाद से सीवर और सेप्टिक टैंक से होने वाली मौतों के 1,248 मामलों में से इस साल मार्च तक 1,116 मामलों में मुआवज़े का भुगतान किया गया है. 81 मामलों में भुगतान अभी भी लंबित है, जबकि 51 मामले बंद कर दिए गए हैं.

पिछले पांच वर्षों में सीवर, सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान 443 लोगों की मौत: सरकार

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लोकसभा में बताया कि इस साल 20 नवंबर तक सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 49 मौतें दर्ज की गईं. सबसे ज़्यादा मौतें राजस्थान में हुईं, उसके बाद दूसरे नंबर पर गुजरात रहा.

मृत सफ़ाईकर्मियों के परिवारों ने पूछा- सरकार का मौतों का आंकड़ा कम कैसे?’

वीडियो: सरकार के अनुसार, जुलाई 2023 तक देशभर में सीवरों और सेप्टिक टैंकों की में सफ़ाई 9 मौतें हुई हैं, लेकिन सफाई कर्मचारी आंदोलन के अनुसार इस अवधि में 58 मौतें हुईं. 28 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर मृत कर्मचारियों के परिजनों ने न्याय की मांग उठाते हुए प्रदर्शन किया और सरकार के डेटा पर सवाल भी उठाया.

पिछले पांच साल में सीवर, सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए 339 लोगों की मौत: सरकार

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लोकसभा में बताया कि 2023 में अब तक इस तरह की नौ मौतें, 2022 में 66, 2021 में 58, 2020 में 22, 2019 में 117 और 2018 में 67 मौतें दर्ज की गईं. 

गुजरात में सीवर की सफाई के दौरान दो कर्मचारियों की मौत

गुजरात के अहमदाबाद ज़िले के ढोलका क़स्बे का मामला. पुलिस ने ठेकेदारों के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण क़ानून के तहत मामला दर्ज किया है.

साल 1993 से अब तक सीवर सफाई के दौरान 1,035 लोगों की मौत हुई: सरकार

केंद्र सरकार हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास के लिए स्वरोज़गार योजना पर पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस सांसद मिमी चक्रवर्ती के एक सवाल का जवाब दे रही थी. बीते फरवरी माह में सरकार ने बताया था कि 2018 से 2022 के बीच सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 308 लोगों की मौत हुई थी.

सरकार ने बताया- साल 2018 से 2022 तक 308 लोगों की मौत सीवर सफाई के दौरान हुई

एक सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने राज्यसभा को सूचित किया कि इन 308 लोगों में से सबसे अधिक 52 मौतें तमिलनाडु में हुईं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 46 और हरियाणा में 40 लोगों की मौत सीवर सफाई के दौरान दर्ज की गई हैं.

महाराष्ट्र: चंद्रपुर में सीवेज टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से तीन श्रमिकों की मौत

चंद्रपुर ज़िले के शस्ती-धोपाटला कस्बे में एक भूमिगत सीवेज टैंक की सफाई के दौरान वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के तीन संविदाकर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई और दो बीमार हैं. वहीं, बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के मधुबन थानाक्षेत्र में शौचालय की टंकी में दम घुटने से दो मज़दूरों की मौत हुई और दो की हालत गंभीर है. वहीं, ग़ाज़ियाबाद में निर्माणाधीन सीवर के ढांचे की दीवार गिरने से तीन मज़दूरों की मौत हो गई.

गुजरात: सूरत में सीवर की सफाई के दौरान दो सफाईकर्मियों की मौत

घटना सूरत ज़िले के चलथाण क्षेत्र की एक रिहायशी इमारत में हुई. पुलिस ने बताया कि मंगलवार शाम को सीवर में जाने के कुछ मिनट बाद ही ज़हरीली गैस के चलते दोनों बेहोश हो गए. स्थानीय लोग उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

मैला ढोने की प्रथा रोकने के लिए क़ानून बदलेगा, मशीन से सफाई कराना होगा अनिवार्य

विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर केंद्र ने सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई को लोगों द्वारा कराने से रोकना और मशीन से उनकी सफाई को बढ़ावा देना है.

सीवर सफाई के दौरान तीन वर्षों में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत: केंद्र सरकार

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से सूचना के अधिकार के तहत प्रदान किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.