भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने ऊपर लग रहे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर अपना और बजरंग पुनिया तथा विनेश फोगाट का नार्कों टेस्ट कराए जाने की बात कही थी.
28 मई को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पहलवान लगभग एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वीडियो: जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के समर्थन में दिल्ली के दस महिला संगठन सामने आए, जहां हज़ार से अधिक महिलाओं ने एक मार्च निकालते हुए सिंह की गिरफ़्तारी के साथ अन्य मांगें सामने रखीं.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार एक तरफ बेटी पढ़ाओ और महिला उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ देश के लिए ओलंपिक पदक लाने वाली लड़कियां राष्ट्रीय राजधानी में न्याय पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. उसे आरोपी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जो भाजपा का नेता भी है.
माना जा रहा है कि भाजपा सांसद और यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी का व्यापक समर्थन मिल रहा है. रैली के माध्यम से वह हिंदू धार्मिक नेताओं की मदद से लोगों को अपने पक्ष में लामबंद करना चाहते हैं.
वीडियो: यौन शोषण के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्मी महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को लगभग एक महीने हो चुके हैं. हाल ही में एक मार्च निकाला गया था, इसमें शामिल लोगों से बातचीत.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. उनका कहना है कि न्याय मिलने में देरी भी अन्याय के समान है.
बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सरकार द्वारा नियुक्त निगरानी समिति के सामने गवाही देने वाली पहलवानों ने कहा है कि समिति की कार्यवाही निष्पक्ष नहीं थी. उनके अनुसार, समिति के एक सदस्य ने एक शिकायतकर्ता से कहा कि 'सिंह पिता समान हैं और उन्होंने जो किया वो निर्दोष भावना से किया होगा, जिसे महिलाओं ने ग़लत समझ लिया.'
असम जातीय परिषद नामक राजनीतिक दल ने राज्य के गुवाहाटी शहर में प्रदर्शन के दौरान ‘चैंपियन पहलवानों की दुर्दशा पर केंद्र सरकार की दयनीय उदासीनता’ के ख़िलाफ़ नारे लगाए. उन्होंने कहा कि पहलवानों को न्याय सुनिश्चित करने में केंद्र की हिचकिचाहट से भारतीय खिलाड़ियों के मनोबल पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न विरोधी क़ानून को पेश किए जाने के एक दशक बाद भी ‘स्थिति चिंताजनक’ है, जबकि यह केंद्र और राज्यों के लिए सकारात्मक कार्रवाई करने का समय था. अदालत ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि जब महिलाएं कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना करती हैं, तो वे शिकायत करने से हिचकती हैं. उनमें से कई तो अपनी नौकरी छोड़ भी देती हैं.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शनरत पहलवानों को समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन प्राप्त हुआ है. जाति उन्मूलन संगठन ने भी पहलवानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि सभी जातियों और वर्गों की महिलाओं के साथ उत्पीड़न का विरोध हो और उनके हितों की रक्षा की जाए.
द इकोनॉमिक टाइम्स ने एक रिपोर्ट में पहलवानों की ओर से दर्ज एफ़आईआर के हवाले से बताया है कि उन्हें कथित तौर पर यह जानकर ‘झटका’ लगा है कि निगरानी समिति ने ‘आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के कृत्यों को सही ठहराने’ की कोशिश की है. समिति ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपी थी. तब से इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.
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पहलवानों के हालिया आंदोलन में न केवल कुश्ती बल्कि भारतीय खेल संस्कृति के भविष्य को मोड़ने की ताक़त है. हालांकि, आंदोलन की क़रीबी पड़ताल करें तो एक तरफ़ ये आंदोलन राज्य की पितृसत्ता का विरोध कर रहा है, लेकिन साथ ही जातिगत पितृसत्ता के साथ खड़ा मिलता है.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शनरत पहलवानों को समर्थन देने संयुक्त किसान मोर्चा, भाकियू, खाप पंचायतों के नेताओं समेत सैकड़ों लोग जंतर-मंतर पहुंचे थे. पहलवानों को परामर्श देने के लिए गठित 31 सदस्यीय समिति ने बृजभूषण की गिरफ़्तारी के लिए 21 मई की समयसीमा देते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो प्रदर्शनकारी 'अहम फैसला' लेंगे.