एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई एक रिपोर्ट बताती है कि कुल आत्महत्या की संख्या में सालाना 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बेंगलुरु के श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूशन में बीते 10 जून को 22 वर्षीय मेडिकल छात्र लोकेंद्र सिंह ढांडे ने आत्महत्या कर ली थी. उनके पिता का कहना है कि दलित होने के चलते उसका उत्पीड़न किया जाता था.
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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021 में 13,089 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई थी, जबकि 2011 में यह संख्या 7,696 थी. 2011 के बाद से भारत में छात्रों द्वारा आत्महत्याओं की संख्या हर साल बढ़ी है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि शिक्षा को संविधान की समवर्ती सूची से राज्य सूची में लाना राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) को ख़त्म करने का रास्ता है. स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राज्य के एनईईटी छूट विधेयक को जल्द से जल्द मंज़ूरी देने का आग्रह किया है.
सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में 2018-2023 की अवधि के दौरान आत्महत्या के कुल 61 मामले दर्ज किए गए. आत्महत्या के आधे से अधिक मामले आईआईटी में सामने आए हैं. इसके बाद एनआईटी और आईआईएम का नंबर आता है.
अहमदाबाद के रहने दर्शन सोलंकी की बीते 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे परिसर के एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंज़िल से कथित तौर पर छलांग लगाने से मौत हो गई थी. उनके परिवार ने कैंपस में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था. वहीं आईआईटी-बॉम्बे द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में इससे इनकार किया है.
अहमदाबाद के रहने वाले दर्शन सोलंकी की मौत बीते 12 फरवरी को आईआईटी-बॉम्बे परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर छलांग लगाने से हो गई थी. वह बीटेक के पहले वर्ष का छात्र थे.
मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बीते हफ्ते कॉलेज परिसर में आत्महत्या का प्रयास किया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मामले में एक छात्र को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, वह कॉलेज स्टाफ की भूमिका की जांच रही है क्योंकि उन्होंने घटना के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया था.
उत्तर प्रदेश के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा का शव बीते 31 जुलाई को एक स्टोर रूम में फांसी से लटका मिला था. पहले पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन मामले को आत्महत्या बता रहे थे. छात्रा के पिता की लिखित शिकायत पर एक अगस्त की देर शाम विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष और उनके सहायकों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि बेटी की फीस न जमा होने से उसे स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा कक्ष से बीते दो जनवरी को लौटा दिया था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. स्कूल प्रबंधन ने आरोप से इनकार किया है.
लेडी श्रीराम कॉलेज, मिरांडा हाउस कॉलेज आदि कॉलेजों ने कई क़दम उठाए हैं. इनमें विद्यार्थियों की मानसिक सेहत के लिए उनसे संवाद करना, ज़रूरतमंद विद्यार्थियों को इंटरनेट डेटा कार्ड से लेकर लैपटॉप मुहैया कराना शामिल है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन ने प्रिंसिपल को पत्र लिखकर छात्रों को वित्तीय सहायता देने और सभी तरह की छात्रवृत्तियां बांटने पर विचार करने के लिए समिति बनाने का आग्रह किया है.
तेलंगाना की रहने वाली दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ने तीन नवंबर को हैदराबाद के अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाली छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वे अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं और शिक्षा के बिना ज़िंदगी उन्हें मंज़ूर नहीं थी.
‘बॉयज़ लॉकर रूम’ इंस्टा ग्रुप में स्कूली लड़कों की अभद्र बातचीत और नाबालिग लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरों के स्क्रीनशॉट्स सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने मामले का संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया है.