इज़रायली स्पायवेयर पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तकनीकी समिति ने पिछले महीने लोगों अपील की थी कि जिनके पास यह मानने का पर्याप्त कारण मौजूद है कि उनके मोबाइल फोन स्पायवेयर से प्रभावित हैं, तो अपने फोन जांच के लिए जमा करा दें. हालांकि तय समयसीमा तक पर्याप्त संख्या में फोन नहीं जमा होने पर अदालत ने इसकी समयसीमा बढ़ा दी है.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के निवासियों को 75 फ़ीसदी आरक्षण देने संबंधी हरियाणा सरकार के क़ानून पर बृहस्पतिवार को अंतरिम रोक लगा दी थी. हरियाणा में यह क़ानून 15 जनवरी से प्रभावी हुआ है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करने वाले इज़रायल के खोजी पत्रकार रॉनेन बर्गमैन ने द वायर से बातचीत में कहा कि भारत के साथ हुए सौदे की शर्तों के अनुसार यहां की ख़ुफ़िया एजेंसियां एक बार में पचास फोन को स्पायवेयर हमले का निशाना बना सकती थीं.
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, दुधवा और अमनगढ़ टाइगर रिज़र्व तथा कतरनिया घाट वन्यजीव अभयारण्य का मामला. याचिका में दिहाड़ी मज़दूरों के हवाले से कहा गया है कि पिछले 11 महीनों से उन्हें वेतन का भुगतान न करने के कारण उनके परिवार भुखमरी के कगार पर हैं.
हिंदुत्ववादी समूहों के समर्थक और सदस्य पिछले कुछ महीने से अधिक समय से प्रत्येक शुक्रवार को हरियाणा के गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज़ स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने पूर्व के फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शीर्ष अदालत द्वारा पेगासस मामले पर गठित समिति से द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा भारत सरकार द्वारा पेगासस स्पायवेयर खरीदने के दावे पर सरकार से जवाब मांगने का आग्रह किया है. गिल्ड ने यह भी कहा कि समिति की कार्यवाही को बड़े पैमाने पर जनता के लिए खुला रखा जाए, ताकि गवाहों को बुलाए जाने और उनके जवाबों के संबंध में पूरी पारदर्शिता रहे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने इज़रायल के साथ 2017 में दो अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पायवेयर ख़रीदा था. इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी यह मिलिट्री ग्रेड स्पायवेयर सिर्फ़ सरकारों को ही बेचती हैं. अभी तक न तो भारत सरकार और न ही इज़रायल ने यह स्वीकार किया है कि भारत ने पेगासस ख़रीदा था.
जनवरी की शुरुआत तक राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश में कोविड-19 से हुई अतिरिक्त यानी आधिकारिक आंकड़े से ज़्यादा मौतें, सरकारी संख्या से 12 गुना से अधिक थीं. रिकॉर्ड के बेतरतीब रखरखाव और लालफीताशाही के कारण हज़ारों परिवार मुआवज़े से वंचित हो सकते हैं.
दिसंबर, 2021 में वन अधिकार क़ानून को पारित हुए 15 साल पूरे हुए हैं, हालांकि अब भी वन निवासियों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. आज जहां पूरे भारत में 20 लाख से अधिक वन अधिकार दावे मंज़ूर किए गए, उनमें हिमाचल प्रदेश का योगदान केवल 169 है, जो प्रदेश को इस क़ानून के क्रियान्वयन में सबसे पिछड़ा राज्य बनाता है.
जुलाई 2021 में महाराष्ट्र विधानसभा के पीठासीन अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार करने पर भाजपा के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने उनके पक्ष में फ़ैसला देते हुए कहा कि विधानसभा सत्र से परे विधायकों को निलंबित नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि राज्य सरकारें एससी/एसटी के प्रतिनिधित्व में कमी संबंधी आंकड़े एकत्र करने के लिए बाध्य हैं.
त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ी एक याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि स्वतंत्र जांच की मांग करने वालों की नीयत ठीक नहीं है और वे जनहित की आड़ में कोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस पर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर सी-ग्रेड न्यूज़ चैनल ऐसे तर्क देते तो समझा जा सकता था, पर किसी राज्य सरकार का ऐसा करना शोभा नहीं देता.
त्रिपुरा में बीते साल हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम के सदस्यों में एक वकील एहतेशाम हाशमी की याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि रिपोर्ट एकतरफा है और इसमें घटनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित ‘धर्म संसद’ कार्यक्रमों में नफ़रती भाषणों के ख़िलाफ़ दायर याचिका का विरोध करते हुए दो दो दक्षिणपंथी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी याचिकाएं दायर की है. दोनों ने शीर्ष अदालत से उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाने की अपील की है. एक हिंदू संगठन ने पूर्व में मुस्लिम नेताओं द्वारा हिंदुओं के ख़िलाफ़ दिए गए ऐसे ही भाषण के लिए हिंदुओं को समान सुरक्षा दिए जाने की मांग की है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वसीयत के बिना किसी हिंदू पुरुष की मृत्यु के बाद उनकी बेटी उनके द्वारा स्व-अर्जित या पारिवारिक विभाजन में मिली संपत्ति में अपने अन्य संबंधियों (जैसे मृत पिता के भाइयों के बेटे/बेटियों) के साथ वरीयता में उत्तराधिकारी होने की हक़दार होगी.