सुधा भारद्वाज को निश्चित अवधि में उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर न करने के आधार पर ज़मानत दी गई है. जिन आठ सह-आरोपियों की अपील ख़ारिज हुई है, उनमें सुधीर धवले, वरवरा राव, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, वर्नोन गोन्साल्विस और अरुण फरेरा शामिल हैं.
भाजपा और आरएसएस नहीं मानते कि मुसलमानों और ईसाईयों को अपने तरीके से रोज़ी कमाने और अपनी तरह से धर्म का पालन करने का हक़ है. लेकिन इस बुनियादी संवैधानिक अधिकार को न मानने और इसकी मनमानी व्याख्या की छूट पुलिस और प्रशासन को नहीं है. अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो वे वर्दी या कुर्सी के योग्य नहीं हैं.
कुणाल कामरा के बेंगलुरु में होने वाले शो रद्द, बोले- सत्ता कम से कम उत्पीड़न में तो समानता रख रही है
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने एक ट्वीट में कहा, 'जिस जगह शो होना था, उसे लेकर धमकियां दी जाने लगीं. लगता है कि यह भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का हिस्सा है. मुझे लगता है कि मुझे अब कोरोना के एक वेरिएंट के तौर पर देखा जा रहा है.' इससे पहले स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी के भी बेंगलुरु में होने वाले शो को पुलिस द्वारा रद्द करवाया गया था.
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा भवन परिसर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर दोपहिया वाहनों के पार्किंग स्थल के रूप में चिह्नित क्षेत्र में शराब की कुछ ख़ाली बोतलें मिली थीं, जिसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता और उसके सेवन को रोक पाने में नीतीश सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया.
करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में पाकिस्तानी मॉडल सौलेहा द्वारा परिधान के एक ब्रांड के लिए बिना सिर ढके फोटोशूट कराए जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई थीं, जिसके बाद इनकी कड़ी आलोचना की गई थी और सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया. बाद में मॉडल और ब्रांड द्वारा माफ़ी मांग ली गई थी.
बेंगलुरु के वरथुर पुलिस स्टेशन ने 22 वर्षीय युवक सलमान को बैटरी चोरी के आरोप में हिरासत में लिया था. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि इस दौरान उन्हें बर्बर तरीके से पीटा गया, जिसके कारण उन्हें अपना एक हाथ गंवाना पड़ा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद की हालिया किताब की बिक्री और प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से मना करते हुए कहा कि यह 'एक मौक़ापरस्त याचिकाकर्ता' हैं जिन्होंने प्रचार के लिए याचिका दायर की.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को वित्त वर्ष 2020-21 में सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय से क्रमश: 99, 28 और दो शिकायतें प्राप्त हुई थीं, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष के आठ महीनों में ही इन समुदायों से शिकायतों की संख्या इससे अधिक हो गई है.
जोरहाट में 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के एक नेता पर राह चलते हुए विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस ने मुख्य आरोपी नीरज दास सहित 12 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस का कहना है कि हिरासत से भागने के प्रयास में दास एक अन्य पुलिस वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई.
‘स्कूल की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री और डिज़ाइन में सुधार’ विषय पर स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कई ऐतिहासिक शख़्सियतों और स्वतंत्रता सेनानियों को अपराधियों के रूप में ग़लत तरीके से चित्रित किया गया है, इसे ठीक किया जाना चाहिए और उन्हें हमारी इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में उचित सम्मान दिया जाना चाहिए.
25 नवंबर को इलाहाबाद के फाफामऊ के मोहनगंज गोहरी गांव में दो महिलाओं व एक बच्चे समेत दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने कथित उच्च जाति से जुड़े 11 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर आठ को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर 19 साल के दलित युवक को हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी की जगह 37 वर्षीय पराग अग्रवाल के सीईओ बनने के एक दिन बाद कंपनी ने कहा कि 'मीडिया और सूचना के दुरुपयोग को लेकर बढ़ती चिंताओं' को ध्यान में रखते हुए ये क़दम उठाया गया है.
भाजपा महासचिव अशोक कौल ने कहा कि जब आम आदमी बिना किसी डर के मुक्त रूप से घूमने लगेगा तो केंद्रशासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. इस बयान की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निशाना बनाकर की गईं हत्याएं केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन की ‘सामूहिक विफलता’ को दर्शाती हैं.
घटना जोरहाट की है, जहां 29 नवंबर को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के नेता पर राह चलते हुए एक विवाद के बाद कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. इस दौरान उनके साथ वाहन पर यात्रा कर रहे दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
राजस्थान के मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कांग्रेस आलाकमान ने अनुसूचित जाति व जनजाति और महिलाओं को अच्छी संख्या में प्रतिनिधित्व देकर एक प्रयोग करने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह कांग्रेस की अपने पुराने और पारंपरिक वोट बैंक की ओर लौटने की छटपटाहट है.