दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह के उस मामले में ज़मानत दी है, जिसमें उन पर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए भाषण के ज़रिये दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.
अक्सर सोचता हूं, यह अंधेरी सुरंग कितनी लंबी है? क्या कोई रोशनी दिखाई दे रही है? क्या मैं इसके अंत के नज़दीक हूं या अब तक सिर्फ आधी दूरी ही तय की है? या आज़माइश का दौर अभी बस शुरू ही हुआ है?
टेरर फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक ने रुबैया सईद अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था, पर केंद्र से इस पर कोई जवाब न मिलने पर शुक्रवार से उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील इमाम को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में वर्ष 2020 में भड़के दंगे के कथित षड्यंत्र के मामले में जनवरी 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वे जेल में हैं.
साल 2020 के दिल्ली दंगा मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने अपने आवेदन में आरोप लगाया गया है कि सहायक जेल अधीक्षक ने हाल ही में तलाशी की आड़ में आठ-दस लोगों के साथ उसके सेल में प्रवेश किया, उससे मारपीट की और ‘आतंकवादी’ तथा ‘राष्ट्र-विरोधी’ कहकर संबोधित किया.
दिल्ली की एक अदालत एक ऐसे व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे कथित तौर पर उसके घर से उठाया गया था, अवैध हिरासत में रखा गया और फिर एक ‘मुठभेड़’ में पैर में गोली मार दी गई थी. अदालत ने पाया कि औपचारिक गिरफ़्तारी 13 नवंबर को की गई थी, हालांकि उस व्यक्ति को कथित मुठभेड़ में गोली दो नवंबर को मारी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त द्वारा जेल में सुधार के लिए दिए गए सुझावों पर उठाए गए क़दमों को लेकर कार्य योजना और रिपोर्ट दाखिल न करने पर गृह मंत्रालय के रवैये पर नाराज़गी व्यक्त की. पीठ ने तीन सप्ताह के भीतर यह रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार गौतम नवलखा की पार्टनर सहबा हुसैन ने बताया कि उन्हें बीते 12 अक्टूबर को नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल के अंडा सेल में शिफ्ट किया गया है और उनका स्वास्थ्य काफी बिगड़ गया है. एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार कार्यकर्ताओं, वकीलों और विद्वानों में नवलखा सबसे उम्रदराज़ हैं.
कई आपराधिक मामलों के आरोपी अंकित गुज्जर चार अगस्त को तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में मृत पाए गए थे, जबकि बगल की कोठरी में बंद उनके दो पूर्व साथी घायल मिले थे. मौत की विभागीय जांच में कुछ जेल कर्मचारियों की ओर से लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई थी. वहीं, अंकित के परिवार ने जेल अधिकारियों पर पूर्व नियोजित साज़िश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया था.
लंबे समय से बीमार सबरीना लाल लीवर सिरोसिस से पीड़ित थीं. 30 अप्रैल 1999 को राष्ट्रीय राजधानी के एक रेस्तरां में जेसिका लाल की हत्या कर दी गई थी. सबरीना ने बहन के हत्यारों को सज़ा दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी.
गौतम नवलखा ने मांग की थी कि चार्जशीट दायर करने की समयमीमा में साल 2018 में उनकी 34 दिनों की ग़ैर क़ानूनी हिरासत को भी शामिल किया जाना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया.
बिहार की एक विशेष अदालत ने 2015 में शहाबुद्दीन और उनके सहयोगियों को 2004 के बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. 2004 में कथित तौर पर रंगदारी देने से इनकार करने के लिए सीवान के एक व्यवसायी के दो बेटों का अपहरण कर तेज़ाब से नहलाकर हत्या कर दी गई थी. मामले में गवाह रहे तीसरे भाई की भी 2016 में हत्या कर दी गई थी.
जेल प्रशासन ने इन्हें खोजने में मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस से मदद मांगी है. दिल्ली की तिहाड़, मंडोली, रोहिणी जेल से दोषी क़रार दिए गए क़ैदियों में 1072 ने समर्पण कर दिया और 112 क़ैदियों ने अब तक समर्पण नहीं किया है. वहीं अंतरिम ज़मानत पर रिहा किए गए 5,556 विचाराधीन क़ैदियों में से क़रीब 2200 ही वापस लौटे हैं.
यूनाइटेड नेशंस वर्किंग ग्रुप ऑन आर्बिट्रेरी डिटेंशन ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा ज़रगर की मेडिकल स्थिति को देखते हुए गंभीर से भी गंभीर आरोप में भी तत्काल गिरफ़्तारी की कोई ज़रूरत नहीं थी. निकाय ने भारत से उनकी हिरासत की परिस्थितियों पर एक स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने को कहा है.
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व नेता उमर ख़ालिद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में बीते सितंबर महीने में गिरफ़्तार किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले तीन दिन से दांत दर्द की शिकायत के बाद भी तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोई इलाज मुहैया नहीं कराया है.