अक्टूबर 2020 में केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली के कैब ड्राइवर मोहम्मद आलम के साथ हाथरस जा रहे थे, जब कप्पन के साथ आलम को भी रास्ते में गिरफ़्तार कर लिया गया था. यूएपीए मामले में आलम को पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.
आरोप है कि 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र फ़ैज़ रशीद ने आतंकवादी हमले का जश्न मनाते हुए सेना का मज़ाक उड़ाया था और विभिन्न मीडिया संस्थानों की पोस्ट पर 23 टिप्पणियां की थीं. अदालत ने रशीद को आईपीसी की धारा धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत भी दोषी पाया.
याचिकाकर्ता मंज़र इमाम को 1 अक्टूबर 2013 को इंडियन मुजाहिदीन से संबंध रखने के आरोप में एनआईए ने गिरफ़्तार कर लिया था, वे तब से जेल में हैं और अब तक उन पर आरोप भी तय नहीं हुए हैं.
भारत में अदालतों में न्याय अब अपवाद बनता जा रहा है. ख़ासकर जब न्याय मांगने वाले मुसलमान हों या मोदी सरकार के आलोचक या विरोधी हों.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ज़मानत से इनकार करते हुए कहा कि उमर ख़ालिद मामले के अन्य सह-आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में थे और उनके ख़िलाफ़ आरोप प्रथमदृष्टया सही हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा सितंबर 2020 में गिरफ़्तार ख़ालिद ने ज़मानत का अनुरोध करते हुए अपनी अर्ज़ी में कहा था कि उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा में उनकी कोई आपराधिक भूमिका नहीं थी.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ़्तार 34 वर्षीय ज्योति जगताप द्वारा दायर अपील को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि एनआईए का मामला प्रथमदृष्टया सच है. अपील में विशेष एनआईए अदालत के फरवरी 2022 में जारी एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें जगताप समेत मामले के तीन आरोपियों को ज़मानत देने से इनकार किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शनिवार को कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले की विस्तारपूर्वक समीक्षा की ज़रूरत है, क्योंकि अदालत ने दोषियों के ख़िलाफ़ लगे आरोप की गंभीरता समेत मामले के गुण-दोष पर ग़ौर नहीं किया. कोर्ट ने साईबाबा का उन्हें जेल से रिहा कर घर में नज़रबंद करने का अनुरोध भी अस्वीकार कर दिया.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जीएन साईबाबा को माओवादियों से कथित संबंध से जुड़े मामले में बरी करते हुए कहा कि उनके ख़िलाफ़ यूएपीए के सख़्त प्रावधानों के तहत मुक़दमा चलाने का मंज़ूरी आदेश क़ानून की दृष्टि से ग़लत और अमान्य था. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.
गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में जीएन साईबाबा और पांच अन्य को माओवादियों से संबंध रखने और देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता का दोषी ठहराया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी को बरी करते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कथित ख़तरे' के नाम पर क़ानून को ताक़ पर नहीं रखा जा सकता.
खालिस्तान के अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के भारतीय अनुरोध को ख़ारिज करते हुए इंटरपोल ने कहा कि जिस यूएपीए के तहत नोटिस जारी करने के लिए कहा गया, उस क़ानून की आलोचना अल्पसंख्यक समूहों और अधिकार कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ दुरुपयोग किए जाने को लेकर होती रही है.
भीमा कोरेगांव केस में गिरफ़्तार फादर स्टेन ने बीते वर्ष ज़मानत के अभाव में मुंबई के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था. उनकी स्मृति में हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि स्वामी के मानवाधिकारों का हनन हुआ, जबकि वे बस उपेक्षा के शिकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा का प्रयास कर रहे थे.
केंद्र सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है. यूएपीए के तहत एक बार किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा 30 दिनों के भीतर यह देखने के लिए एक न्यायाधिकरण गठन किया जाता है कि संगठन को ग़ैर क़ानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ का एक अध्ययन बताता है कि वर्ष 2009 से 2022 के बीच एनआईए ने यूएपीए के कुल 357 मामले दर्ज किए. इनमें से 238 मामलों की जांच में पाया गया कि 36 फीसदी में आतंकवाद की कुछ घटनाएं हुई थीं, पर 64 फीसदी मामलों में ऐसी कोई विशेष घटना नहीं हुई जिनमें हथियार शामिल थे.
2016 में इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के एक कर्मचारी को एनआईए ने आईएसआईएस में युवाओं को भर्ती के लिए प्रेरित करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था. एनआईए कोर्ट ने उन्हें बरी करते हुए कहा कि केवल दावा सबूत का स्थान नहीं ले सकता.
दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह के उस मामले में ज़मानत दी है, जिसमें उन पर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए भाषण के ज़रिये दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.